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रामनगर में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, अवैध खनन में शामिल 9 वाहन राजसात घोषित

रामनगर में वन विभाग ने भारतीय वन अधिनियम 1027 के तहत बड़ी कार्रवाई की है. यहां विभाग ने अवैध खनन में पकड़े गए वाहनों को राजसात यानी सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया है. वहीं, वाहनों को राजसात घोषित करने के बाद खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है.

Ramnagar illegal mining
रामनगर वन विभाग की बड़ी कार्रवाई
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Published : Sep 25, 2022, 10:52 AM IST

Updated : Sep 25, 2022, 1:32 PM IST

रामनगरः नैनीताल जिले के रामनगर वन प्रभाग तराई पश्चिमी ने अवैध खनन और परिवहन में लिप्त 9 वाहनों को राजसात (सरकारी संपत्ति) घोषित कर दिया है. इन वाहनों को भारतीय वन अधिनियम 1027 (Indian Forest Act 1927) के तहत राजसात घोषित करने की कार्रवाई की गई है.

रामनगर वन प्रभाग (Ramnagar Forest Division) तराई पश्चिमी के डीएफओ कुंदन कुमार (DFO Kundan Kumar) ने बताया कि भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत इन वाहनों को राजसात घोषित किया गया है. वन विभाग के कोर्ट में 20 सितंबर को सुनवाई हुई थी. जिसमें 9 वाहन अवैध खनन और उप खनिज परिवहन में लिप्त पाए गए थे. इनमें 3 ट्रैक्टर, एक कैंटर और 5 डंबर शामिल हैं. वहीं, 9 वाहनों को राजसात घोषित करने के बाद खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है.

अवैध खनन में शामिल 9 वाहन राजसात घोषित.
ये भी पढ़ेंः अवैध खनन के खिलाफ वन विभाग की कार्रवाई, उपखनिज से भरे 14 डंपर किए सीज

उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत जो केस दर्ज किए जाते हैं, जिसमें वन उपज या उप खनिज का अवैध खनन व परिवहन करते हुए पकड़े गए वाहन शामिल होते हैं. बता दें कि नैनीताल जिले के रामनगर में अवैध खनन का कारोबार (Ramnagar Illegal Mining) धड़ल्ले से जारी है. खनन माफिया लगातार नदियों का सीना चीर रहे हैं. साथ ही वन प्रभाग की भूमि से उपखनिज की चोरी कर रहे हैं. जिनके खिलाफ वन प्रभाग तराई पश्चिमी कार्रवाई भी कर रहा है.

रामनगर में अवैध खनन जारीः खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्हें न तो वन विभाग का खौफ है न ही कार्रवाई का डर. जब भी वन विभाग की टीम चेकिंग और छापेमारी की कार्रवाई करती है. तभी सभी माफिया वाहन समेत गायब हो जाते हैं. उनके जाते ही फिर से खनन का कारोबार शुरू कर देते हैं. ऐसे में खनन माफियाओं को पकड़ना वन महकमे के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

रामनगरः नैनीताल जिले के रामनगर वन प्रभाग तराई पश्चिमी ने अवैध खनन और परिवहन में लिप्त 9 वाहनों को राजसात (सरकारी संपत्ति) घोषित कर दिया है. इन वाहनों को भारतीय वन अधिनियम 1027 (Indian Forest Act 1927) के तहत राजसात घोषित करने की कार्रवाई की गई है.

रामनगर वन प्रभाग (Ramnagar Forest Division) तराई पश्चिमी के डीएफओ कुंदन कुमार (DFO Kundan Kumar) ने बताया कि भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत इन वाहनों को राजसात घोषित किया गया है. वन विभाग के कोर्ट में 20 सितंबर को सुनवाई हुई थी. जिसमें 9 वाहन अवैध खनन और उप खनिज परिवहन में लिप्त पाए गए थे. इनमें 3 ट्रैक्टर, एक कैंटर और 5 डंबर शामिल हैं. वहीं, 9 वाहनों को राजसात घोषित करने के बाद खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है.

अवैध खनन में शामिल 9 वाहन राजसात घोषित.
ये भी पढ़ेंः अवैध खनन के खिलाफ वन विभाग की कार्रवाई, उपखनिज से भरे 14 डंपर किए सीज

उन्होंने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत जो केस दर्ज किए जाते हैं, जिसमें वन उपज या उप खनिज का अवैध खनन व परिवहन करते हुए पकड़े गए वाहन शामिल होते हैं. बता दें कि नैनीताल जिले के रामनगर में अवैध खनन का कारोबार (Ramnagar Illegal Mining) धड़ल्ले से जारी है. खनन माफिया लगातार नदियों का सीना चीर रहे हैं. साथ ही वन प्रभाग की भूमि से उपखनिज की चोरी कर रहे हैं. जिनके खिलाफ वन प्रभाग तराई पश्चिमी कार्रवाई भी कर रहा है.

रामनगर में अवैध खनन जारीः खनन माफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उन्हें न तो वन विभाग का खौफ है न ही कार्रवाई का डर. जब भी वन विभाग की टीम चेकिंग और छापेमारी की कार्रवाई करती है. तभी सभी माफिया वाहन समेत गायब हो जाते हैं. उनके जाते ही फिर से खनन का कारोबार शुरू कर देते हैं. ऐसे में खनन माफियाओं को पकड़ना वन महकमे के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

Last Updated : Sep 25, 2022, 1:32 PM IST
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