हल्द्वानी: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों का कभी ऐलान हो सकता है. यही कारण है कि सभी राजनीतिक दलों ने दावों की झड़ी लगा रखी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योजनाओं को लेकर घोषणाओं का अंबार लगा रखा है. हालांकि वे धरातल पर उतरती हुई नहीं दिख रहीं. ये हम नहीं कह रहे, बल्कि आईटीआई (सूचना के अधिकारी) से जो जानकारी मिली है, वो सीएम की घोषणाओं को लेकर हकीकत बयां कर रही है.
आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणाओं को लेकर आरटीआई के जरिए कुछ जानकारी मांगी थी. सरकार की तरफ से जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभीतक 1090 घोषणाएं कर चुके हैं, लेकिन मात्र 163 घोषणाओं के शासनादेश जारी किए गए हैं.
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हल्द्वानी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय से मांगी जानकारी कि सीएम धामी अभीतक कितनी चुनावी घोषणा कर चुके हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली सूचना के मुताबिक चार जुलाई से लेकर तीन दिसंबर तक सीएम धामी ने 1090 घोषणा की है. जिसमें से 163 के शासनादेश निर्गत किए गए हैं. जबकि 336 पर कार्रवाई गतिमान है, जबकि 486 घोषणाएं अपूर्ण हैं. वहीं पांच आंशिक रूप से पूर्ण हैं.
मुख्यमंत्री ने सबसे ज्यादा घोषणा लोक निर्माण विभाग के लिए 237 कीं हैं. इसमें से 11 के ही शासनादेश जारी हुए हैं, जबकि 112 के शासनादेश निर्गत हैं. वहीं 114 अपूर्ण हैं. शहरी विकास विभाग में भी सीएम ने 176 घोषणाएं की हैं, जिसमें चार पर शासनादेश जारी किए गए हैं. वहीं 12 पर कार्रवाई जारी है. इसके अलावा सिंचाई विभाग के लिए 143 घोषणा की है, जिसके तहत 16 पर शासनादेश निर्गत हैं, जबकि 116 पर कार्यवाही गतिमान है.
आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रदेश के लोगों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने इतनी घोषणाएं तो कर दी. लेकिन उनके शासनादेश जारी नहीं हुए. इससे साफ पता चलता है कि सीएम सिर्फ हवा-हवाई घोषणाएं करते हुए घोषणा वीर बन रहे हैं.