हल्द्वानी/श्रीनगर/मसूरीः उत्तराखंड में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सियासी गलियारों में सरगर्मियां बढ़ गई हैं. आम आदमी पार्टी भी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इसी कड़ी में आप ने प्रदेशभर में राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार का पुतला फूंककर नारेबाजी भी की.
कांग्रेस-बीजेपी सरकार ने आंदोलनकारियों को रखा उपेक्षितः AAP
हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी ने राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है. अभी तक राज्य सरकार राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए कोई ठोस नीति नहीं ला पाई है, जिसका नतीजा है कि राज्य आंदोलनकारी आज भी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं.
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आप के प्रदेश प्रवक्ता समित टिक्कू ने कहा कि उत्तराखंड राज्य बनाने में आंदोलनकारियों ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन सरकारी नौकरी में उन्हें आरक्षण नहीं मिल पाया है. जबकि, आरक्षण का मामला साल 2011 से हाईकोर्ट की शरण में था, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी सरकारों की लचर पैरवी के चलते 2018 में राज्य आंदोलनकारियों के हकों को खत्म कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार राज्य आंदोलनकारियों को उनका सम्मान और अधिकार दिलाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है. ऐसे में अब आम आदमी पार्टी राज्य आंदोलनकारियों के साथ खड़ी है और उन्हें अधिकार दिलाने के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ेगी.
श्रीनगर में आप ने बीजेपी और कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
श्रीनगर में भी आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस पर राज्य आंदोलनकारियों के हितों के हनन का आरोप लगाते हुए एक दिवसीय धरना दिया. जहां आप कार्यकर्ताओं ने राज्य आंदोलनकारियों को सम्मान दिलाने की मांग को लेकर गोला बाजार में नारेबाजी भी की.
आम आदमी पार्टी के संगठन मंत्री गजेंद्र चौहान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरोध में नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि आज राज्य आंदोलनकारी हासिए पर हैं. उनकी ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. आंदोलनकारियों का सपना अभी भी पूरा नहीं हुआ है. नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं तो लोग महंगाई से त्रस्त हैं.
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गजेंद्र चौहान ने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो राज्य आंदोलनकारियों को उनका सम्मान वापस दिलाया जाएगा. नौकरियों में उत्तराखंड के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही राज्य में नया भू-कानून लाने की बात भी कही.
मूलभूत सुविधाओं का अभाव जस का तसः राज्य आंदोलनकारी गायत्री
वहीं, 65 वर्षीय राज्य आंदोलनकारी गायत्री ने आरोप लगाया कि आज भी राज्य के कई गावों में सड़क, बिजली, पानी की समस्या जस की तस हैं. ये मूलभूत सुविधाओं का न होना राज्य सरकार की विफलता को दर्शाता है. उनका अब सरकार से मोह भंग हो गया है.
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मसूरी में क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर गरजी आप
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मसूरी के शहीद स्थल पर धरना दिया. इस दौरान उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों के बच्चों को नौकरी में क्षैतिज आरक्षण देने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लाने की मांग की.
नवीन पिरशाली ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील है. राज्य आंदोलनकारियों के हक दिलाने के लिए कोई पहल नहीं की. मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद भी सरकार ने आंदोलनकारियों के इस मामले में कोई ठोस पैरवी नहीं की.