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40 सालों से मुस्लिम परिवार के द्बारा बना प्रसाद चढ़ता है माता लक्ष्मी को, पढ़ें पूरी खबर

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Published : Oct 25, 2019, 1:55 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 7:43 PM IST

लल्लन मियां का परिवार पिछले चार दशकों से लक्ष्मी पूजा के लिये प्रसाद खिलौने और बताशे आदि बनाकर आपसी भाईचारे का पैगाम दे रहा है.

मुस्लिम परिवार बना रहा लक्ष्मी पूजा के लिए प्रसाद.

हल्द्वानी: आज हम आपको एक ऐसे मुस्लिम परिवार से मिलवाने जा रहे हैं, जो पिछले कई दशकों से दीपावली पर अपना विशेष योगदान दे रहा है. जी हां 115 वर्षीय लल्लन मियां का परिवार पिछले चार दशकों से लक्ष्मी पूजा के लिये प्रसाद, खिलौने और बताशे आदि बनाकर आपसी भाईचारे का पैगाम दे रहा है.

शहर के बनफूलपुरा के रहने वाले लल्लन मियां के परिवार को दीपावली के त्योहार आने का पूरे साल बेसब्री से इंतजार रहता है. लल्लन का पूरा परिवार दिवाली के समय लक्ष्मी पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को पिछले कई दशकों से बनाते आ रहा है. बता दें कि इनके खिलौने और बताशे की मांग पूरे कुमाऊं में रहती है. दीपावली के समय खिलौने और बताशे बनाने में पूरा परिवार लगा रहता है. लल्लन मियां के बड़े बेटे इनायत वारसी अपने पिता के कारोबार को देखते हैं.

मुस्लिम परिवार बना रहा लक्ष्मी पूजा के लिए प्रसाद.

यह भी पढ़ें-2 साल में फिर बदला गया पटाखा बाजार का स्थान, अब यहां कर सकेंगे खरीदारी

इनायत बताते हैं कि पिछले चार दशकों से उनके परिवार के लोग इस कारोबार को कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई लोगों को दीपावली के त्योहार के आने का इंतजार रहता है. क्योंकि इस कारोबार से उनका परिवार के साथ ही करीब 15 अन्य लोगों के परिवारों की भी रोजी-रोटी चलती है. इनायत का कहना है कि मुस्लिम परिवार होने के साथ-साथ वह इस काम को करते आ रहे हैं. लेकिन आज तक किसी तरह का हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव नहीं हुआ .

यह भी पढ़ें-उत्तराखंडः यहां एक महीने बाद बिना दीया जलाए मनाई जाती है दिवाली, जानिए क्या है परंपरा

वहीं, खिलौने और बताशे खरीदने वाले दुकानदार भी उनके दुकान से हर साल भारी मात्रा में खरीददारी करते हैं. दुकानदारों का कहना है कि लल्लन मियां की दुकान पूरे कुमाऊं में मशहूर है और इनकी खिलौने और बताशे की क्वालिटी भी अच्छी है और डिमांड भी ज्यादा रहती है.

हल्द्वानी: आज हम आपको एक ऐसे मुस्लिम परिवार से मिलवाने जा रहे हैं, जो पिछले कई दशकों से दीपावली पर अपना विशेष योगदान दे रहा है. जी हां 115 वर्षीय लल्लन मियां का परिवार पिछले चार दशकों से लक्ष्मी पूजा के लिये प्रसाद, खिलौने और बताशे आदि बनाकर आपसी भाईचारे का पैगाम दे रहा है.

शहर के बनफूलपुरा के रहने वाले लल्लन मियां के परिवार को दीपावली के त्योहार आने का पूरे साल बेसब्री से इंतजार रहता है. लल्लन का पूरा परिवार दिवाली के समय लक्ष्मी पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को पिछले कई दशकों से बनाते आ रहा है. बता दें कि इनके खिलौने और बताशे की मांग पूरे कुमाऊं में रहती है. दीपावली के समय खिलौने और बताशे बनाने में पूरा परिवार लगा रहता है. लल्लन मियां के बड़े बेटे इनायत वारसी अपने पिता के कारोबार को देखते हैं.

मुस्लिम परिवार बना रहा लक्ष्मी पूजा के लिए प्रसाद.

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इनायत बताते हैं कि पिछले चार दशकों से उनके परिवार के लोग इस कारोबार को कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई लोगों को दीपावली के त्योहार के आने का इंतजार रहता है. क्योंकि इस कारोबार से उनका परिवार के साथ ही करीब 15 अन्य लोगों के परिवारों की भी रोजी-रोटी चलती है. इनायत का कहना है कि मुस्लिम परिवार होने के साथ-साथ वह इस काम को करते आ रहे हैं. लेकिन आज तक किसी तरह का हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव नहीं हुआ .

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वहीं, खिलौने और बताशे खरीदने वाले दुकानदार भी उनके दुकान से हर साल भारी मात्रा में खरीददारी करते हैं. दुकानदारों का कहना है कि लल्लन मियां की दुकान पूरे कुमाऊं में मशहूर है और इनकी खिलौने और बताशे की क्वालिटी भी अच्छी है और डिमांड भी ज्यादा रहती है.

Intro:sammry- मुस्लिम परिवार कई दशकों से दीपावली पर बना रहा है लक्ष्मी पूजा के प्रसाद खिलौने और बताशे , दे रहा है आपसी भाईचारे का पैगाम।( स्पेशल खबर) एंकर- हल्द्वानी के बनफूल पुरा के रहने वाले लल्लन मियां का परिवार ऐसे तो मुस्लिम है लेकिन लल्लन लल्लन मियां के परिवार को दीपावली के त्यौहार के आने का पूरे साल इंतजार रहता है। लल्लन का पूरा परिवार दिवाली के समय लक्ष्मी पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को पिछले कई दशकों से बनाते आ रहा है।


Body: खुशियों का पर्व दीपावली नजदीक है लेकिन दीपावली के त्यौहार हल्द्वानी के रहने वाले एक मुस्लिम परिवार के लिए खुशियों का अंबार लेकर आता है। ऐसे तो लल्लन मियां की उम्र 115 साल है लेकिन उनका परिवार पिछले कई दशकों से दीपावली के समय लक्ष्मी पूजा के प्रसाद के प्रयोग में आने वाली खिलौने और बतासे बनाने का काम करता है और इनके खिलौने और बतासे की डिमांड पूरे कुमाऊं में की जाती है। दीपावली के समय खिलौने और बतासे बनाने में पूरा परिवार लगा रहता है। ललन मियां के बड़े बेटे इनायत वारसी अपने पिता के कारोबार को देखते हैं। पिछले चार दशकों से लल्लन मियां का परिवार बतासे और खिलौने का काम करते आ रहा है। लल्लन मियां के बेटे इनायत वारसी बताते हैं कि पिछले चार दशकों से वह लोग इस कारोबार को कर रहे हैं और दीपावली के त्यौहार के आने का इंतजार रहता है क्योंकि इस कारोबार से उनका परिवार के साथ साथ उनके कारोबार में लगे करीब 15 लोगों के परिवार का रोजी-रोटी भी चलता है। इनायत वारसी का कहना है कि मुस्लिम परिवार होने के साथ-साथ वह इस काम को करते आ रहे हैं लेकिन आज तक किसी तरह के हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव नहीं हुआ और खिलौने बतासे बनाकर भाईचारे का पैगाम दे रहे हैं। बाइट- इनायत वारसी लल्लन मियां की बेटे लल्लन मिया के खिलौना और बताशे खरीदने वाले दुकानदार भी उनके दुकान से हर साल भारी मात्रा में खरीदारी करते हैं। दुकानदारों का कहना है कि लल्लन मियां की दुकान पूरे कुमाऊं में मशहूर है और इनकी खिलौने और बतासे क्वालिटी भी अच्छी है और डिमांड भी ज्यादा होती है। बाइट- अश्वनी कुमार अग्रवाल दुकानदार


Conclusion:फिलहाल लल्लन मैया का परिवार चार दशकों से खिलौने बतासे का कारोबार कर रहा है। उनके द्वारा बनाए गए खिलौने और बताशे लक्ष्मी पूजा के काम आता है जो एक भाईचारे का संदेश दे रहा है।
Last Updated : Oct 25, 2019, 7:43 PM IST
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