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नैनीताल: कैंसर पीड़ित की मदद के लिए पांच महीने से पेंटिंग बना रही हैं आशा शर्मा

नैनीताल में एक ग्रहणी आशा शर्मा ने लॉकडाउन के दौरान अपने घर में पेंटिंग बनाकर कैंसर पीड़ितों की मदद की ठानी है. आशा का कहना है कि आने वाले समय में वो दिल्ली में प्रदर्शनी लगाकर इन पेटिंग्स को बेचेंगी.

Nainital Painting News
नैनीताल पेंटिंग न्यूज
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Published : Sep 13, 2020, 8:36 PM IST

नैनीताल: तमन्ना अगर कुछ कर गुजरने की हो, तो वह पूरी जरूर होती है. कुछ इसी कहावत को चरितार्थ करने में लगीं हैं नैनीताल की एक ग्रहणी आशा शर्मा. आशा बीते 5 महीनों से अपने घर में रहकर कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए पेंटिंग बना रही हैं.

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आशा शर्मा द्वारा बनाई गई पेंटिंग.

आशा ने ईटीवी भारत को बताया कि सभी पेंटिंग को कोरोना संक्रमण का खतरा कम होते ही वो दिल्ली में प्रदर्शनी लगाकर बेचेंगी. इन पेंटिंग को बेचने से जो आय प्राप्त होगी, उससे वह कैंसर पीड़ितों की मदद करेंगी. आशा ने बताया कि उन्होंने पेंटिंग बनाने के लिए कोई ट्रेनिंग नहीं ली है. उन्होंने पेंटिंग बनाने की कोशिश की. उसका रिजल्ट अच्छा आया. जिसके बाद उन्होंने अपने हुनर को एक मकसद दे दिया.

पांच महीने से पेंटिंग बना रही हैं आशा शर्मा.

पढें- स्वामी शिवानंद ने कुंभ के लिए अखाड़ों को दी जा रही भूमि पर जताई आपत्ति

बता दें, अभी तक आशा करीब 300 से अधिक पेंटिंग बना चुकी हैं. आशा बताती हैं कि उनके द्वारा कैनवस, कागज, पत्थर और साड़ियों में भी पेंटिंग की गई है. उन्होंने कहा कि महिलाएं आज कर घर में अकेल रह कर बोर होने लगती हैं. ऐसी स्थिति में महिलाओं को इस तरह के रचनात्मक कार्यों की तरफ बढ़ना चाहिए, जिससे उनकी मानसिक स्थिति मजबूत होगी और ये मेडिटेशन का अच्छा साधन भी है.

नैनीताल: तमन्ना अगर कुछ कर गुजरने की हो, तो वह पूरी जरूर होती है. कुछ इसी कहावत को चरितार्थ करने में लगीं हैं नैनीताल की एक ग्रहणी आशा शर्मा. आशा बीते 5 महीनों से अपने घर में रहकर कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए पेंटिंग बना रही हैं.

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आशा शर्मा द्वारा बनाई गई पेंटिंग.

आशा ने ईटीवी भारत को बताया कि सभी पेंटिंग को कोरोना संक्रमण का खतरा कम होते ही वो दिल्ली में प्रदर्शनी लगाकर बेचेंगी. इन पेंटिंग को बेचने से जो आय प्राप्त होगी, उससे वह कैंसर पीड़ितों की मदद करेंगी. आशा ने बताया कि उन्होंने पेंटिंग बनाने के लिए कोई ट्रेनिंग नहीं ली है. उन्होंने पेंटिंग बनाने की कोशिश की. उसका रिजल्ट अच्छा आया. जिसके बाद उन्होंने अपने हुनर को एक मकसद दे दिया.

पांच महीने से पेंटिंग बना रही हैं आशा शर्मा.

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बता दें, अभी तक आशा करीब 300 से अधिक पेंटिंग बना चुकी हैं. आशा बताती हैं कि उनके द्वारा कैनवस, कागज, पत्थर और साड़ियों में भी पेंटिंग की गई है. उन्होंने कहा कि महिलाएं आज कर घर में अकेल रह कर बोर होने लगती हैं. ऐसी स्थिति में महिलाओं को इस तरह के रचनात्मक कार्यों की तरफ बढ़ना चाहिए, जिससे उनकी मानसिक स्थिति मजबूत होगी और ये मेडिटेशन का अच्छा साधन भी है.

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