देहरादून: रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद भारतवंशियों की चिंताएं भी अब लगातार बढ़ती जा रही हैं. भारत के हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे हैं. उत्तराखंड से भी अभी 170 से अधिक लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं. इनमें अधिकांश मेडिकल की पढ़ाई वाले छात्र हैं. जिसमें देहरादून से ही इनकी संख्या 32 के करीब है. ऐसे में छात्रों के परिजन लगातार राज्य और केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. वहीं, यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के छात्रों को सकुशल वापस लाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शासन स्तर पर एक बड़ी बैठक की. ढाई घंटे चली इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा अब तक 92 छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी मिली है. अन्य लोगों से भी संपर्क किया जा रहा है. अभी छात्रों की संख्या बढ़ सकती है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा छात्रों से संपर्क करके आसपास के देशों से भी संपर्क किया जा रहा है. यूक्रेन में फंसे छात्रों को यूक्रेन के पड़ोस में मौजूद देशों से संपर्क करके वहां से रेस्क्यू किया जाएगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी परिजनों को संदेश दिया है कि सरकार उनके साथ खड़ी है. हर हाल में उत्तराखंड के हर एक छात्र को सकुशल वापस लाया जाएगा.
देहरादून पुलिस के पास अब तक 32 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की सूचना मिल चुकी है. वहीं, एसएसपी जन्मेजय खंडूरी का कहना है हमने एलआईयू की टीम लगा दी गई और यह आंकड़ा ओर बढ़ सकता है. देहरादून के राजकीय जिला कोरोनेशन अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक डीपी जोशी के बेटे अक्षत जोशी भी यूक्रेन में फंसे हैं. अक्षत यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए डॉ डीपी जोशी ने बताया यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद वहां चारों तरफ कोहराम मचा है. जिसके चलते मॉल, खाद्य प्रतिष्ठान बंद हो चुके हैं. उन्होंने बताया वहां खाने पीने के साथ ही मूलभूत वस्तुओं की भारी किल्लत हो गई है. वहीं, दूसरी तरफ युद्ध के चलते यूक्रेन में हवाई जहाजों के टिकट आसमान छू रहे हैं. एक के बाद एक कई एयरवेज (एयरपोर्ट ) रूस के कब्जे में आने से आवाजाही एक के बाद एक बंद होती जा रही हैं.
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वहीं, तीर्थनगरी ऋषिकेश के गंगा नगर में रहने वाले भाटिया परिवार की बेटी तमन्ना भाटिया यूक्रेन में हालात बिगड़ने की वजह से वहीं पर फंस गई हैं. तमन्ना यूक्रेन में MBBS की पढ़ाई कर रही है. ऐसे में बेटी की सलामती के लिए गंगानगर में रहने वाले माता-पिता भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं. तमन्ना के माता-पिता ने भारत सरकार से बेटी को सही सलामत वापस लाने की मांग की है. तमन्ना की माता ने बताया कि उनकी बेटी 3 साल से यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. फिलहाल, वह अपने फ्लैट में कैद और उसके आसपास सभी दुकानें और बाजार बंद है.
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एयरपोर्ट तक पहुंचने का साधन बंद: डीपी जोशी का कहना है कि उनका बेटा पिछले 3 साल से यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. उससे लगातार फोन पर बातचीत हो रही है. फिलहाल वह पूरी तरह से सुरक्षित है. डॉक्टर जोशी के मुताबिक उनके बेटे अक्षय जोशी ने बताया यहां एयर टिकट का किराया 4 गुना बढ़ गया है. ऐसे में उन्होंने यूक्रेन से भारत के लिए 70 हजार से अधिक में टिकट बुक कराया, मगर उनके निवास स्थान खारक्यू (यूक्रेन) से 8 घंटे से अधिक दूरी पर एयरपोर्ट है, जहां जाने के लोकल साधन बंद हैं. इस कारण अफरा-तफरी मची हुई है.
टिहरी के छह से ज्यादा छात्र भी यूक्रेन में फंसे: यूक्रेन की राजधानी कीव में टिहरी जिले की प्रताप नगर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम तुनियार के रहने वाले पारस रौतेला भी फंसे हुए हैं. जिले के छह से ज्यादा छात्र यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, जो सभी अभी वहीं फंसे हुए हैं. सभी के परिजन बहुत चिंतित हैं. सभी भारत सरकार से उनके बच्चों की सुरक्षित वापसी की गुहार लगा रहे हैं.
पारस के पिता मान सिंह रौतेला और माता प्रतिमा रौतेला ने अपने बेटे की सलामती के लिए ईश्वर से दुआएं की हैं. परिजनों के मुताबिक पारस साल 2021 से यूक्रेन की राजधानी की में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है, जबकि बेटी उन्हीं के साथ बौराड़ी में रह रही है. पिता मान सिंह रौतेला और माता प्रतिमा रौतेला का कहना है कि उनकी बेटे से निरंतर बातचीत हो रही है. वहां के हालात को देखते हुए उनके बेटे के साथ-साथ उनकी भी चिंताएं बढ़ गई हैं. टिहरी जिलाधिकारी, ईवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में उन्हें जानकारी है. यूक्रेन में फंसे लोगों के संबंध में और भी जानकारियां प्राप्त की जा रही हैं. आज शाम तक सभी सूचनाएं एकत्रित कर अग्रिम कार्रवाई हेतु शासन को भेज दी जाएंगी.
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नैनीताल के 19 छात्र फंसे: हल्द्वानी की रहने वाली टिम्सी मेहरा यूक्रेन के ओडेसा में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. टिम्सी पिछले चार सालों से यूक्रेन में पढ़ाई कर रही हैं. वह अब यूक्रेन में फंस गई हैं. टिम्सी ने सोशल मीडिया के माध्यम से पीएम मोदी से भारत वापस लाने की गुहार लगाई है. टिम्सी ने यूक्रेन से वीडियो जारी किया है. जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुद को सुरक्षित निकालने की अपील कर रही हैं. जारी किए गए वीडियो में टिम्सी का कहना है कि कल उनके फ्लैट के पास बमबारी के मूवमेंट हुए थे. जिससे वह काफी डरी और सहमी हुई हैं. ऐसे में उनके साथ रह रहे कई भारतीय छात्र अब एक साथ उनके फ्लैट में रह रहे हैं. परिवार के सदस्य टिम्सी से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात कर रहे हैं. टिम्सी की मां, बहन और उनके जीजा लगातार टिम्सी के संपर्क में हैं. नैनीताल जनपद के 19 छात्र व अन्य लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन इन परिवारों से संपर्क कर रहा है.
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पिथौरागढ़ जिले के 2 छात्र यूक्रेन में फंसे: पिथौरागढ़ जिले के दो छात्र भी इस वक्त यूक्रेन में फंसे हैं. पिथौरागढ़ लिंक रोड निवासी तनुश्री पांडे (22 वर्ष) और नैनी सैनी निवासी पवन सिंह महर (27 वर्ष) यूक्रेन में अध्ययनरत हैं. नैनी-सैनी क्षेत्र के रहने वाले पवन सिंह महर यूक्रेन की खारकिव मेडिकल यूनिवर्सिटी में फोर्थ ईयर के छात्र हैं. उनके परिजनों ने पवन की सकुशल देश वापसी के लिए पिथौरागढ़ जिला प्रशासन को एड्रेस और मोबाइल नम्बर समेत तमाम जानकारी दी है. इसके अलावा लिंक रोड निवासी तनुश्री पांडे भी यूक्रेन के इवानो फ्रैंकलिन यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं. वे अभी फर्स्ट ईयर की छात्रा हैं. तनुश्री के पिता महेश चंद्र पांडे का कहना है कि उनकी अपनी बेटी से बातचीत हुई है, वो फिलहाल सुरक्षित स्थान पर हैं.
उत्तरकाशी में भी परिजन चिंतित: उत्तरकाशी जनपद से भी सात छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं. रूसी हमले के बाद सभी के परिजन काफी चिंतित हैं. यूक्रेन में फंसे छात्रों के परिजनों का कहना है कि उनकी बच्चों से लगातार बात हो रही है. अभी तक बच्चे ठीक हैं, बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सभी परिजन अपने बच्चों को अब वापस बुलाने का प्रयास कर रह हैं. मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र आशी नौटियाल के पिता गजेंद्र प्रसाद नौटियाल ने बताया कि यूक्रेन में मोबाइल नेटवर्क सेवाएं बंद हो जाती हैं, जिससे उनकी चिताएं बढ़ जाती हैं. वे केंद्र और प्रदेश सरकार से गुहार लगा रहे है कि उनके बच्चों को जल्द से जल्द स्वदेश वापस लाया जाए. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि उनकी इस मामले में लगातार उच्च अधिकारियों से बात हो रही है.
अल्मोड़ा की एक छात्रा भी यूक्रेन में फंसी: युद्धग्रस्त देश यूक्रेन में उत्तराखंड के कई छात्र छात्राएं फंसे हैं. जिसको देखते हुए शासन-प्रशासन अलर्ट है. हर जिलों से यूक्रेन में फंसे छात्रों की जानकारी जुटाई जा रही है. ऐसे में अल्मोड़ा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इनमें एक छात्रा अल्मोड़ा की भी है. अल्मोड़ा नगर के ब्राइटन कॉर्नर निवासी लिपिका चौहान यूक्रेन के निप्रो शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रही हैं लेकिन रूस और यूक्रेन के मध्य छिड़े युद्ध के बाद वह वहां फंसी पड़ी है.
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पौड़ी जिले के 11 लोग यूक्रेन में: पौड़ी जिला मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों से अब तक करीब 11 लोगों के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी मिली है. जिला प्रशासन सभी परिवारों से संपर्क करने में जुटा है. राजस्व विभाग की टीम भी इन क्षेत्रों के लिए भेज दी गयी है. जिसमें राजस्व उपनिरीक्षक से लेकर तहसीलदार आदि को जिम्मेदारी सौंपी गई है. परिजन भी लगातार जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि जिले के श्रीनगर, लैंसडाउन और कोटद्वार क्षेत्र से 11 लोग यूक्रेन में फंसे हुए हैं.
उत्तराखंडवासियों के लिए टोल फ्री नंबर शुरू: उत्तराखंड सरकार ने यूक्रेन में फंसे लोगों के लिए टोल फ्री नंबर शुरू किये हैं. इसमें डायल 112 सहित टोल फ्री नंबर 1820 218 797 के अलावा +91 1123012113, 91 1123014104, 91 1123017905 के अलावा देहरादून कंट्रोल रूम 9411112962 हेल्पलाइन नम्बर जारी किये गये हैं. इन नंबरों पर फंसे लोगों की डिटेल जिलेवार एकत्र कर उत्तराखंड शासन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को भेजेगा. जहां से उन्हें वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जानकारी के मुताबिक, अभी तक यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के 170 से अधिक लोगों की पहचान हुई है. जिनकी डिटेल, नंबर, ईमेल और यूक्रेन के रहने वाले स्थान जैसी आवश्यक जानकारी शासन को उपलब्ध कराई जा रही हैं.