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हल्द्वानी में 15 करोड़ में बने कोविड अस्पताल में अबतक 77 मरीजों का इलाज, 90 लाख का बिजली बिल बकाया

कोरोना से निपटने के लिए डीआरडीओ ने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में 2 जून,2021 को 6 महीने के लिए कोविड अस्पताल का निर्माण किया गया था. इस कोविड अस्पताल में 6 महीने में सिर्फ 77 मरीजों को इलाज हुआ है. साथ ही अस्पताल पर 90 लाख रुपये का बिजली बिल भी बकाया है.

Haldwani covid Hospital
हल्द्वानी कोविड अस्पताल
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Published : Nov 25, 2021, 1:26 PM IST

हल्द्वानी: कोरोना की की दूसरे लहर के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा डीआरडीओ के माध्यम से हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्थाई अस्पताल निर्माण कराया था. अस्पताल का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल करीके से किया था. करीब 15 करोड़ की लागत से बने अस्पताल के अवधि को 9 दिसंबर को 6 माह पूरे होने जा रहे हैं. ऐसे में अस्पताल का आगे संचालन होगा या नहीं इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

अस्पताल के आगे संचालन के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश मांगे हैं. 2 जून को शुभारंभ हुए इस अस्पताल में अभी तक 77 कोरोना मरीजों का इलाज हुआ है. निर्माण के दौरान इस अस्पताल की अवधि 6 महीने रखी गई थी, जिसकी मियाद 9 दिसंबर को खत्म हो रही है. यही नहीं 6 महीनों में अस्पताल का बिजली का बिल करीब बकाया है.

गौरतलब है कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्थाई अस्पताल करीब 15 करोड़ की लागत से डीआरडीओ द्वारा तैयार तैयार किया गया था. अस्पताल का नाम जनरल बीसी जोशी कोविड-19 अस्पताल रखा गया था. अस्पताल में 30 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. अस्पताल में 125 आईसीयू बेड जबकि 375ऑक्सीजन युक्त बेड हैं. अस्पताल बनाने के दौरान इसकी अवधि 6 महीने रखी गई थी, कोविड-19 के रफ्तार थमने पर इस अस्पताल का उपयोग मरीजों को कम मिल पाया, जिसका नतीजा रहा कि अभी तक इस अस्पताल में मात्र 77 कोविड-19 मरीजों को ही भर्ती कराया गया.

पढ़ें- उत्तराखंड में बुधवार को मिले कोरोना के 25 नए संक्रमित, तीन जिलों में एक्टिव केस जीरो

वर्तमान समय में कोविड-19 के मामले सामने नहीं आ रहे हैं. ऐसे में अस्पताल में मरीज नहीं हैं. अस्पताल का आगे संचालन करने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन को पत्र भेजकर दिशा निर्देश मांगे हैं, जिससे अस्पताल का आगे संचालन हो सके. अस्पताल का अभी तक बिजली विभाग का बिल भी जमा नहीं किया गया है. अस्पताल के ऊपर विद्युत विभाग का करीब ₹90 लाख का बिजली बिल भी बकाया है. राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरुण जोशी ने बताया कि शासन से निर्देश मिलने के बाद ही अस्पताल का आगे संचालन किया जाएगा.

हल्द्वानी: कोरोना की की दूसरे लहर के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा डीआरडीओ के माध्यम से हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्थाई अस्पताल निर्माण कराया था. अस्पताल का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल करीके से किया था. करीब 15 करोड़ की लागत से बने अस्पताल के अवधि को 9 दिसंबर को 6 माह पूरे होने जा रहे हैं. ऐसे में अस्पताल का आगे संचालन होगा या नहीं इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

अस्पताल के आगे संचालन के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश मांगे हैं. 2 जून को शुभारंभ हुए इस अस्पताल में अभी तक 77 कोरोना मरीजों का इलाज हुआ है. निर्माण के दौरान इस अस्पताल की अवधि 6 महीने रखी गई थी, जिसकी मियाद 9 दिसंबर को खत्म हो रही है. यही नहीं 6 महीनों में अस्पताल का बिजली का बिल करीब बकाया है.

गौरतलब है कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में 500 बेड का अस्थाई अस्पताल करीब 15 करोड़ की लागत से डीआरडीओ द्वारा तैयार तैयार किया गया था. अस्पताल का नाम जनरल बीसी जोशी कोविड-19 अस्पताल रखा गया था. अस्पताल में 30 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है. अस्पताल में 125 आईसीयू बेड जबकि 375ऑक्सीजन युक्त बेड हैं. अस्पताल बनाने के दौरान इसकी अवधि 6 महीने रखी गई थी, कोविड-19 के रफ्तार थमने पर इस अस्पताल का उपयोग मरीजों को कम मिल पाया, जिसका नतीजा रहा कि अभी तक इस अस्पताल में मात्र 77 कोविड-19 मरीजों को ही भर्ती कराया गया.

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वर्तमान समय में कोविड-19 के मामले सामने नहीं आ रहे हैं. ऐसे में अस्पताल में मरीज नहीं हैं. अस्पताल का आगे संचालन करने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन को पत्र भेजकर दिशा निर्देश मांगे हैं, जिससे अस्पताल का आगे संचालन हो सके. अस्पताल का अभी तक बिजली विभाग का बिल भी जमा नहीं किया गया है. अस्पताल के ऊपर विद्युत विभाग का करीब ₹90 लाख का बिजली बिल भी बकाया है. राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरुण जोशी ने बताया कि शासन से निर्देश मिलने के बाद ही अस्पताल का आगे संचालन किया जाएगा.

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