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गौला नदी के हाथी कॉरिडोर का 9 सदस्यीय टीम ने किया निरीक्षण, उपखनिज का किया सर्वे

बाढ़ के खतरे के मद्देनजर गौला नदी के हाथी कॉरिडोर का 9 सदस्यीय टीम ने किया निरीक्षण.

गौला नदी के हाथी कॉरिडोर का 9 सदस्यीय टीम ने किया निरीक्षण
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Published : May 3, 2019, 5:54 PM IST

हल्द्वानी: हाथी कॉरिडोर क्षेत्र के ढाई किलोमीटर दायरे में इकट्ठा हुए उपखनिज का निरीक्षण करने 9 सदस्यीय टीम गुरुवार गौला नदी पहुंची. यहां टीम ने हाथी कॉरीडोर क्षेत्र में इकट्ठा उपखनिज का सर्वे किया. साथ ही मानसून सत्र के दौरान गौला नदी का बहाव ग्रामीण इलाकों में न जाए इसको लेकर मंथन भी किया. इस मौके पर मुख्य बंद संरक्षक वन्यजीव प्रबंध निदेशक वन विकास निगम सहित वन विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे.

दरअसल, गौला नदी के देवरामपुर खनन निकासी गेट के पास नदी में ढाई किलो मीटर दायरे में हाथी कॉरिडोर (हाथियों के आने जाने के रास्ते ) से पिछले कई वर्षों से खनन का निकासी नहीं किया गया है. इस वजह से इलाके में भारी मात्रा में उपखनिज का भंडारण हो गया है. मानसून सत्र में गौला नदी के बहाव में ये खनिज ग्रामीण इलाकों में पहुंचने की आशंका बनी हुई है. इसी को देखते हुए 9 सदस्यीय टीम सर्वे के लिए पहुंची.

प्रबंध निदेशक वन विकास निगम मुनिश मलिक का कहना है कि मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव सहित 9 सदस्य टीम कॉरिडोर का निरीक्षण किया है. निरीक्षण की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी, जिसके बाद कॉरिडोर क्षेत्र से उपखनिज निकासी के लिए कोई आगे की कार्रवाई होगी.

बता दें कि गौला नदी के हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में भारी मात्रा में उपखनिज इकट्ठा होनेकर मानसून सत्र के दौरान नदी के पानी में बहाते हुए ग्रामीणों की हजारों एकड़ में पहुंचता है. इस वजह से उनकी भूमि कट कर नदी में समा जाता है. साथ ही जानमाल की हानि का भी खतरा बना रहता है. इसके मद्देनजर सरकार ने अब उपखनिज भंडारण की हटाने के लिए कमेटी का गठन किया है.

हल्द्वानी: हाथी कॉरिडोर क्षेत्र के ढाई किलोमीटर दायरे में इकट्ठा हुए उपखनिज का निरीक्षण करने 9 सदस्यीय टीम गुरुवार गौला नदी पहुंची. यहां टीम ने हाथी कॉरीडोर क्षेत्र में इकट्ठा उपखनिज का सर्वे किया. साथ ही मानसून सत्र के दौरान गौला नदी का बहाव ग्रामीण इलाकों में न जाए इसको लेकर मंथन भी किया. इस मौके पर मुख्य बंद संरक्षक वन्यजीव प्रबंध निदेशक वन विकास निगम सहित वन विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे.

दरअसल, गौला नदी के देवरामपुर खनन निकासी गेट के पास नदी में ढाई किलो मीटर दायरे में हाथी कॉरिडोर (हाथियों के आने जाने के रास्ते ) से पिछले कई वर्षों से खनन का निकासी नहीं किया गया है. इस वजह से इलाके में भारी मात्रा में उपखनिज का भंडारण हो गया है. मानसून सत्र में गौला नदी के बहाव में ये खनिज ग्रामीण इलाकों में पहुंचने की आशंका बनी हुई है. इसी को देखते हुए 9 सदस्यीय टीम सर्वे के लिए पहुंची.

प्रबंध निदेशक वन विकास निगम मुनिश मलिक का कहना है कि मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव सहित 9 सदस्य टीम कॉरिडोर का निरीक्षण किया है. निरीक्षण की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी, जिसके बाद कॉरिडोर क्षेत्र से उपखनिज निकासी के लिए कोई आगे की कार्रवाई होगी.

बता दें कि गौला नदी के हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में भारी मात्रा में उपखनिज इकट्ठा होनेकर मानसून सत्र के दौरान नदी के पानी में बहाते हुए ग्रामीणों की हजारों एकड़ में पहुंचता है. इस वजह से उनकी भूमि कट कर नदी में समा जाता है. साथ ही जानमाल की हानि का भी खतरा बना रहता है. इसके मद्देनजर सरकार ने अब उपखनिज भंडारण की हटाने के लिए कमेटी का गठन किया है.

Intro:स्लग-गौला नदी बाढ़ खतरे के मद्देनजर 9 सदस्य टीम ने हाथी कॉरिडोर का किया निरीक्षण।
रिपोर्टर भावनाथ पंडित
एंकर- गौला नदी के हाथी कॉरिडोर क्षेत्र के ढाई किलो मीटर दायरे में इकट्ठा हुए उप खनिज का निरीक्षण करने 9 सदस्य टीम आज गोला नदी पहुंची जहां टीम ने हाथी कॉरीडोर क्षेत्र में इकट्ठा हुए उप खनिज का सर्वे किया । साथी मानसून सत्र के दौरान गोला नदी के बहाव ग्रामीण इलाकों में नहीं जाए इसको लेकर मंथन किया गया। इस मौके पर मुख्य बंद संरक्षक वन्यजीव प्रबंध निदेशक वन विकास निगम सहित वन विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे।


Body:दरअसल गोला नदी के देवरामपुर खनन निकासी गेट के पास नदी में ढाई किलो मीटर दायरे में हाथी कॉरिडोर (हाथियों के आने जाने के रास्ते ) से पिछले कई वर्षों से खनन का निकासी नहीं किया गया है जिसके चलते उस इलाके में भारी मात्रा में उप खनिज का भंडारण हो गया है ।जिसके चलते मानसून सत्र में गोला नदी के बहाव कई ग्रामीण इलाकों में पहुंचने की आशंका बनी हुई है। कॉरीडोर क्षेत्र से खनिज खनिज हटाने को लेकर 9 सदस्य टीम कॉरिडोर क्षेत्र का निरीक्षण किया। जिसे की कॉरिडोर क्षेत्र में इकट्ठा उप खनिज को वहां से हटाया जाए जिससे कि मानसून सत्र के दौरान आपदा की संभावना ना हो सके।


Conclusion:प्रबंध निदेशक वन विकास निगम मुनिश मलिक का कहना है कि मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव सहित 9 सदस्य टीम कॉरिडोर का निरीक्षण किया है ।निरीक्षण की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजा जाएगा जिसके बाद कॉरिडोर क्षेत्र से उप खनिज निकासी के लिए कोई कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि गोला नदी के हाथी का डोर क्षेत्र में भारी मात्रा में उप खनिज इकट्ठा होने के चलते मानसून सत्र के दौरान नदी के पानी के बहाव ग्रामीण क्षेत्रों की ओर हो जाता है जिसके चलते हैं ग्रामीणों की हजारों एकड़ भूमि कट कर नदी में समा जाता है साथ ही जान माल का भी खतरा बना रहता है। जिसके मद्देनजर सरकार अब उप खनिज को भंडारण की हटाने को लेकर कमेटी की गठन की है।
बाइट- मनीष मलिक प्रबंध निदेशक वन विकास निगम उत्तराखंड
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