हल्द्वानी: हाथी कॉरिडोर क्षेत्र के ढाई किलोमीटर दायरे में इकट्ठा हुए उपखनिज का निरीक्षण करने 9 सदस्यीय टीम गुरुवार गौला नदी पहुंची. यहां टीम ने हाथी कॉरीडोर क्षेत्र में इकट्ठा उपखनिज का सर्वे किया. साथ ही मानसून सत्र के दौरान गौला नदी का बहाव ग्रामीण इलाकों में न जाए इसको लेकर मंथन भी किया. इस मौके पर मुख्य बंद संरक्षक वन्यजीव प्रबंध निदेशक वन विकास निगम सहित वन विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे.
दरअसल, गौला नदी के देवरामपुर खनन निकासी गेट के पास नदी में ढाई किलो मीटर दायरे में हाथी कॉरिडोर (हाथियों के आने जाने के रास्ते ) से पिछले कई वर्षों से खनन का निकासी नहीं किया गया है. इस वजह से इलाके में भारी मात्रा में उपखनिज का भंडारण हो गया है. मानसून सत्र में गौला नदी के बहाव में ये खनिज ग्रामीण इलाकों में पहुंचने की आशंका बनी हुई है. इसी को देखते हुए 9 सदस्यीय टीम सर्वे के लिए पहुंची.
प्रबंध निदेशक वन विकास निगम मुनिश मलिक का कहना है कि मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव सहित 9 सदस्य टीम कॉरिडोर का निरीक्षण किया है. निरीक्षण की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी, जिसके बाद कॉरिडोर क्षेत्र से उपखनिज निकासी के लिए कोई आगे की कार्रवाई होगी.
बता दें कि गौला नदी के हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में भारी मात्रा में उपखनिज इकट्ठा होनेकर मानसून सत्र के दौरान नदी के पानी में बहाते हुए ग्रामीणों की हजारों एकड़ में पहुंचता है. इस वजह से उनकी भूमि कट कर नदी में समा जाता है. साथ ही जानमाल की हानि का भी खतरा बना रहता है. इसके मद्देनजर सरकार ने अब उपखनिज भंडारण की हटाने के लिए कमेटी का गठन किया है.