नैनीताल: जिले में केंद्र सरकार की अमृत सरोवर परियोजना जल शक्ति अभियान के तहत 8 स्थानों पर झील बनाई जाएगी. इससे पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मियों के समय पेयजल संकट से क्षेत्रवासियों समेत यहां आने वाले पर्यटकों को जूझना नहीं पड़ेगा. साथ ही पहाड़ के काश्तकारों को इस परियोजना से खेतों में सिंचाई के कार्य में फायदा मिलेगा. शनिवार को नैनीताल राज्य अतिथि गृह सभागार में संयुक्त सचिव भारत सरकार व अमृत सरोवर परियोजना एवं जल शक्ति अभियान के नोडल अधिकारी उपेंद्र चंद्र जोशी ने अमृत सरोवर परियोजना से जुड़े विभागों की समीक्षा बैठक ली.
इस दौरान संयुक्त सचिव अमृत सरोवर परियोजना उपेंद्र चंद्र जोशी ने बताया कि अभियान के तहत बारिश का पानी अधिक मात्रा में एकत्र करने का लक्ष्य रखा गया है. सरकारी भवनों के निर्माण में रेनवाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया गया है. जनता को रेनवाटर हार्वेस्टिंग को लेकर जागरूक किया जा रहा है.
बैठक के दौरान जल संस्थान, वन विभाग, सिंचाई विभाग के द्वारा जिले में जल शक्ति अभियान एवं अमृत सरोवर परियोजना के तहत किए गए कार्यों व विभिन्न जल स्रोतों एवं नदियां, तालाबों, नाले, गधेरे आदि की विस्तृत जानकारी दी. इस दौरान संयुक्त सचिव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि भारत सरकार ने देश भर के लिए अमृत सरोवर योजना शुरू की है. योजना के तहत देश के सभी जिलों में 75-75 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य दिया गया है.
हालांकि, नैनीताल जिले में संबंधित विभागों के द्वारा 88 स्थानों पर अमृत सरोवर बनाने के लिए स्थान चिन्हित किए हैं, जो अच्छी बात है. इसे एक साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि 15 अगस्त तक जिले में 30 प्रतिशत सरोवरों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. लिहाजा बरसात से पहले बारिश के पानी को एकत्र करने व तालाबों को विकसित करने के लिए विभागों को गंभीरता के साथ कार्य करना है. उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में चाल-खाल का निर्माण अधिक से अधिक कर वर्षा के जल को संरक्षित हेतु कार्य करें.