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कोरोना के बाद अब पर्यटन पर आपदा की मार, होटलों की 75% बुकिंग कैंसिल

पहले कोरोना ने उत्तराखंड के पर्यटन कारोबार को चौपट किया. अब रही-सही कसर आपदा ने पूरी कर दी है. बीते दिनों उत्तराखंड में आई आपदा के बाद पर्यटन कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है. रिसॉर्ट एसोसिएशन सचिव दीपक सिंह मरतोलिया ने बताया कि आपदा के बाद होटल और रिसोर्टों की करीब 75 फीसदी बुकिंग कैंसिल हो गयी है.

tourism business affected
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Published : Oct 25, 2021, 3:31 PM IST

हल्द्वानी: पिछले दिनों आई आपदा से जहां करोड़ों का नुकसान हुआ है, तो वहीं पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. कुमाऊं में पर्यटन सीजन चरम पर था लेकिन आपदा से पर्यटन इंडस्ट्री की 75 फीसदी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. पर्यटन कारोबारियों के मुताबिक अगले 1 महीने की सारी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि दिसंबर माह से पर्यटन कारोबार फिर से रफ्तार पकड़ सकेगा. ऐसे में पर्यटन कारोबारी मायूस नजर आ रहे हैं.

17, 18 और 19 अक्टूबर को आई आपदा से उत्तराखंड पूरी तरीके से हिल गया है. पहाड़ों में आम जनजीवन प्रभावित तो हुआ ही है साथ में पर्यटन कारोबार को बड़ा नुकसान हुआ है. जिन पर्यटकों ने नवंबर, दिसंबर और जनवरी तक की बुकिंग होटल और रिसॉर्ट में कराई थी, वह सारी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. रिसॉर्ट और होटल कारोबारियों की मानें तो 75 फीसदी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं.

होटलों की 75 फीसदी तक बुकिंग कैंसिल.

रिसॉर्ट कारोबारियों का कहना है कि पर्यटन कारोबार चरम पर था. काफी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड आ रहे थे. नैनीताल, मुक्तेश्वर और रामगढ़ समेत पहाड़ के अनेक इलाके पर्यटकों से पैक थे. लेकिन 18 अक्टूबर को आई आपदा ने एक झटके में सब कुछ खत्म कर दिया. आपदा ने पर्यटक कारोबार की कमर तोड़ दी. आपदा से पहले नैनीताल, पगोट, भीमताल, भवाली, रामगढ़ और मुक्तेश्वर तक 90 प्रतिशत होटलों में बुकिंग हो चुकी थी, लेकिन आपदा के बाद सैलानियों ने बुकिंग भी कैंसिल करा दी है. इससे पर्यटन कारोबार को खासा नुकसान हुआ है.

पढ़ें- दुनिया की सबसे अनोखी यात्रा पहुंची देवप्रयाग, नीलकंठ गंगा परिक्रमा यूं है खास

डरे हुए हैं पर्यटक: रिसॉर्ट एसोसिएशन के सचिव दीपक सिंह मरतोलिया ने कहा कि बीते दिनों आई आपदा के बाद पर्यटक अभी डरे हुए हैं. नैनीताल, मुक्तेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और मुनस्यारी समेत आसपास के तमाम क्षेत्र लगभग खाली हो चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि दिसंबर के पहले हफ्ते में पर्यटन कारोबार एक बार फिर रफ्तार पकड़ सकेगा.

हल्द्वानी: पिछले दिनों आई आपदा से जहां करोड़ों का नुकसान हुआ है, तो वहीं पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. कुमाऊं में पर्यटन सीजन चरम पर था लेकिन आपदा से पर्यटन इंडस्ट्री की 75 फीसदी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. पर्यटन कारोबारियों के मुताबिक अगले 1 महीने की सारी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि दिसंबर माह से पर्यटन कारोबार फिर से रफ्तार पकड़ सकेगा. ऐसे में पर्यटन कारोबारी मायूस नजर आ रहे हैं.

17, 18 और 19 अक्टूबर को आई आपदा से उत्तराखंड पूरी तरीके से हिल गया है. पहाड़ों में आम जनजीवन प्रभावित तो हुआ ही है साथ में पर्यटन कारोबार को बड़ा नुकसान हुआ है. जिन पर्यटकों ने नवंबर, दिसंबर और जनवरी तक की बुकिंग होटल और रिसॉर्ट में कराई थी, वह सारी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. रिसॉर्ट और होटल कारोबारियों की मानें तो 75 फीसदी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं.

होटलों की 75 फीसदी तक बुकिंग कैंसिल.

रिसॉर्ट कारोबारियों का कहना है कि पर्यटन कारोबार चरम पर था. काफी संख्या में पर्यटक उत्तराखंड आ रहे थे. नैनीताल, मुक्तेश्वर और रामगढ़ समेत पहाड़ के अनेक इलाके पर्यटकों से पैक थे. लेकिन 18 अक्टूबर को आई आपदा ने एक झटके में सब कुछ खत्म कर दिया. आपदा ने पर्यटक कारोबार की कमर तोड़ दी. आपदा से पहले नैनीताल, पगोट, भीमताल, भवाली, रामगढ़ और मुक्तेश्वर तक 90 प्रतिशत होटलों में बुकिंग हो चुकी थी, लेकिन आपदा के बाद सैलानियों ने बुकिंग भी कैंसिल करा दी है. इससे पर्यटन कारोबार को खासा नुकसान हुआ है.

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डरे हुए हैं पर्यटक: रिसॉर्ट एसोसिएशन के सचिव दीपक सिंह मरतोलिया ने कहा कि बीते दिनों आई आपदा के बाद पर्यटक अभी डरे हुए हैं. नैनीताल, मुक्तेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और मुनस्यारी समेत आसपास के तमाम क्षेत्र लगभग खाली हो चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि दिसंबर के पहले हफ्ते में पर्यटन कारोबार एक बार फिर रफ्तार पकड़ सकेगा.

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