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हल्द्वानी में अस्थाई श्मशान घाट पर 30 दिन में 510 अंतिम संस्कार - gaulapar cremation ground

हल्द्वानी में गौलापार में बनाए गए अस्थाई श्मशान घाट पर पिछले 30 दिन में कोरोना से मरने वाले 510 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. यहां, कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं.

haldwani municipal corporation
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Published : Jun 3, 2021, 5:57 PM IST

हल्द्वानी: कोरोना की दूसरी लहर में पिछले कुछ दिनों से हालात में सुधार है. हल्द्वानी में पिछले दिनों श्मशान घाटों पर चिता जलाने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ा था. इसके बाद नगर निगम ने 4 मई से गौलापार में अस्थाई श्मशान घाट का निर्माण किया. यहां पर पिछले 30 दिन में कोरोना से मरने वाले 510 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. ईटीवी भारत ने श्मशान घाट पर तैनात कर्मचारियों से यहां की स्थिति जानी.

गौलापार स्थित अस्थाई श्मशान घाट पर 30 दिनों में 510 अंतिम संस्कार.

घाट पर 12 कर्मचारी अस्थाई

ईटीवी भारत की पड़ताल में पता चला कि श्मशान घाट पर तैनात 20 कर्मचारी अंतिम संस्कार का काम कर रहे हैं. इसमें 12 कर्मचारी ऐसे हैं, जो अस्थाई तौर पर काम कर रहे हैं. घाट पर तैनात सभी कर्मचारी नगर निगम की व्यवस्थाओं संतुष्ट हैं. सभी कर्मचारी व्यवस्थाओं और अपनी सुरक्षा को लेकर भी गंभीर नजर आए.

मृतक के परिजनों को भी पीपीई किट

श्मशान घाट पर तैनात कर्मचारियों का कहना है कि अंतिम संस्कार के दौरान वो पूरी सावधानी बरतते हैं. संस्कार के दौरान बकायदा पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार करते हैं, जबकि परिवार के मुखाग्नि देने वाले सदस्य को भी पीपीई किट सहित अन्य उपकरण पहनाते हैं. अस्थाई कर्मचारी नंदकिशोर ने बताया कि वो घर जाने से पहले खुद को पूरी तरह सैनिटाइज करते हैं, उसके बाद घर पहुंचते हैं.

पढे़ं- अब ज्योतिष शास्त्र पर घिरे 'बाबा', ज्योतिषाचार्य बोले- अधजल गगरी छलकत जाए

सैनिटाइजेशन की व्यवस्था

श्मशान घाट पर सैनिटाइजेशन के लिए नगर निगम का टैंकर मौजूद है, जिसके माध्यम से समय-समय पर श्मशान घाट को सैनिटाइज किया जाता है. इससे घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचने वाले परिजनों को संक्रमण फैलने का खतरा ना रहे. इसके साथ ही शवों के अंतिम संस्कार के लिए 12 युवाओं की टीम है. साथ ही अंतिम संस्कार की एवज में ₹2000 की रसीद काटी जाती है, जिसका भुगतान मृतक के परिजन करते हैं.

haldwani municipal corporation
4 मई को बनाया गया था अस्थाई श्मशान घाट.

लकड़ी और हवन सामग्री भी मुफ्त

अंतिम संस्कार के दौरान मृतक के परिजनों को सुरक्षा के दृष्टिगत नगर निगम द्वारा लकड़ी और हवन सामग्री भी मुफ्त उपलब्ध कराई जाती है. इसके अलावा किसी व्यक्ति के पास अंतिम संस्कार के वाली रसीद का पैसा नहीं होने पर कर्मचारी निशुल्क सेवा भी करते हैं. इसके अलावा अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर तैनात सभी कर्मचारियों को नगर निगम द्वारा वैक्सीन लगवा दी गई है, जिससे कि काम करने वाले मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा न रहे.

हल्द्वानी: कोरोना की दूसरी लहर में पिछले कुछ दिनों से हालात में सुधार है. हल्द्वानी में पिछले दिनों श्मशान घाटों पर चिता जलाने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ा था. इसके बाद नगर निगम ने 4 मई से गौलापार में अस्थाई श्मशान घाट का निर्माण किया. यहां पर पिछले 30 दिन में कोरोना से मरने वाले 510 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. ईटीवी भारत ने श्मशान घाट पर तैनात कर्मचारियों से यहां की स्थिति जानी.

गौलापार स्थित अस्थाई श्मशान घाट पर 30 दिनों में 510 अंतिम संस्कार.

घाट पर 12 कर्मचारी अस्थाई

ईटीवी भारत की पड़ताल में पता चला कि श्मशान घाट पर तैनात 20 कर्मचारी अंतिम संस्कार का काम कर रहे हैं. इसमें 12 कर्मचारी ऐसे हैं, जो अस्थाई तौर पर काम कर रहे हैं. घाट पर तैनात सभी कर्मचारी नगर निगम की व्यवस्थाओं संतुष्ट हैं. सभी कर्मचारी व्यवस्थाओं और अपनी सुरक्षा को लेकर भी गंभीर नजर आए.

मृतक के परिजनों को भी पीपीई किट

श्मशान घाट पर तैनात कर्मचारियों का कहना है कि अंतिम संस्कार के दौरान वो पूरी सावधानी बरतते हैं. संस्कार के दौरान बकायदा पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार करते हैं, जबकि परिवार के मुखाग्नि देने वाले सदस्य को भी पीपीई किट सहित अन्य उपकरण पहनाते हैं. अस्थाई कर्मचारी नंदकिशोर ने बताया कि वो घर जाने से पहले खुद को पूरी तरह सैनिटाइज करते हैं, उसके बाद घर पहुंचते हैं.

पढे़ं- अब ज्योतिष शास्त्र पर घिरे 'बाबा', ज्योतिषाचार्य बोले- अधजल गगरी छलकत जाए

सैनिटाइजेशन की व्यवस्था

श्मशान घाट पर सैनिटाइजेशन के लिए नगर निगम का टैंकर मौजूद है, जिसके माध्यम से समय-समय पर श्मशान घाट को सैनिटाइज किया जाता है. इससे घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचने वाले परिजनों को संक्रमण फैलने का खतरा ना रहे. इसके साथ ही शवों के अंतिम संस्कार के लिए 12 युवाओं की टीम है. साथ ही अंतिम संस्कार की एवज में ₹2000 की रसीद काटी जाती है, जिसका भुगतान मृतक के परिजन करते हैं.

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4 मई को बनाया गया था अस्थाई श्मशान घाट.

लकड़ी और हवन सामग्री भी मुफ्त

अंतिम संस्कार के दौरान मृतक के परिजनों को सुरक्षा के दृष्टिगत नगर निगम द्वारा लकड़ी और हवन सामग्री भी मुफ्त उपलब्ध कराई जाती है. इसके अलावा किसी व्यक्ति के पास अंतिम संस्कार के वाली रसीद का पैसा नहीं होने पर कर्मचारी निशुल्क सेवा भी करते हैं. इसके अलावा अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर तैनात सभी कर्मचारियों को नगर निगम द्वारा वैक्सीन लगवा दी गई है, जिससे कि काम करने वाले मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा न रहे.

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