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उत्तराखंड HC में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, 2.60 करोड़ का मुआवजा दिलाया गया - कोर्ट न्यूज

उत्तराखडं हाईकोर्ट में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था. राष्ट्रीय लोक अदालत में 366 केस निस्तारण हेतु पंजिकृत थे. इसमें से 51 केसों का निस्तारण पक्षकारों के आपसी सहमति से हुआ.

उत्तराखंड हाईकोर्ट
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Published : Sep 11, 2021, 7:36 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में शनिवार को कार्यपालक अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के निर्देशों के अनुपालन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया.

आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी सय्यद गुफरान ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में 366 केस निस्तारण हेतु पंजिकृत थे. इसमें से 51 केसों का निस्तारण पक्षकारों के आपसी सहमति से हुआ, जिसमे पीड़ित पक्षकारों को 2.60 करोड़ का मुआवजा दिलाया गया. समझौते के लिए न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे और न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की दो अलग-अलग बेंच बनाई गई थी.

पढ़ें- चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए दोबारा HC पहुंची सरकार, SC से SLP ले चुकी वापस

लोक अदालत में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी सहित अन्य रजिस्टार मौजूद रहे. राष्ट्रीय लोक अदालत में उच्च न्यायालय सहित राज्य के समस्त जनपद न्यायालयों, बाह्य न्यायालयों, श्रम न्यायालय और ऋण वसूली न्यायाधिकरण देहरादून सहित राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया.

राष्ट्रीय लोक अदालत में फौजदारी के शमनीय मामले, धारा-138 एनआई एक्ट के मामले, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के मामले, वैवाहिक एवं कुटुम्ब न्यायालयों के मामले, श्रम सम्बन्धी मामले, भूमि अर्जन के मामले, दीवानी वाद मामले, राजस्व सम्बन्धी वाद, विद्युत व जलकर बिलों के मामले, वेतन भत्तों एवं सेवानिवृत्ति से सम्बन्धित मामले, बैंक एवं ऋण वसूली से सम्बन्धित मामले पंजिकृत थे. प्रदेश के सभी न्यायलयों में इन मामलों पर सुनवाई हुई.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में शनिवार को कार्यपालक अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के निर्देशों के अनुपालन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया.

आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी सय्यद गुफरान ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में 366 केस निस्तारण हेतु पंजिकृत थे. इसमें से 51 केसों का निस्तारण पक्षकारों के आपसी सहमति से हुआ, जिसमे पीड़ित पक्षकारों को 2.60 करोड़ का मुआवजा दिलाया गया. समझौते के लिए न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे और न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की दो अलग-अलग बेंच बनाई गई थी.

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लोक अदालत में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धनंजय चतुर्वेदी सहित अन्य रजिस्टार मौजूद रहे. राष्ट्रीय लोक अदालत में उच्च न्यायालय सहित राज्य के समस्त जनपद न्यायालयों, बाह्य न्यायालयों, श्रम न्यायालय और ऋण वसूली न्यायाधिकरण देहरादून सहित राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया.

राष्ट्रीय लोक अदालत में फौजदारी के शमनीय मामले, धारा-138 एनआई एक्ट के मामले, मोटर दुर्घटना प्रतिकर के मामले, वैवाहिक एवं कुटुम्ब न्यायालयों के मामले, श्रम सम्बन्धी मामले, भूमि अर्जन के मामले, दीवानी वाद मामले, राजस्व सम्बन्धी वाद, विद्युत व जलकर बिलों के मामले, वेतन भत्तों एवं सेवानिवृत्ति से सम्बन्धित मामले, बैंक एवं ऋण वसूली से सम्बन्धित मामले पंजिकृत थे. प्रदेश के सभी न्यायलयों में इन मामलों पर सुनवाई हुई.

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