हल्द्वानी: उत्तराखंड वन विभाग के अनुसंधान विंग ने साल 2020 से अगस्त 2023 तक रामनगर स्थित कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक व्यापक ऑर्किड विविधता अध्ययन/सर्वेक्षण किया. इस परियोजना को 2020 में हॉफ (Head of Forest Forces), उत्तराखंड की अध्यक्षता में अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) में अनुमोदित किया गया था. सर्वेक्षण से पता चला है कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बहुत समृद्ध ऑर्किड विविधता है. सर्वेक्षण में 31 ऑर्किड प्रजातियों का अस्तित्व दिखाया गया है, जो ऑर्किडेसी परिवार के भीतर 23 प्रजातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन प्रजातियों में से 11 स्थलीय, 2 मृतोपजीवी और 18 एपिफाइटिक हैं.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में आयोजित यह अनोखा ऑर्किड विविधता अध्ययन कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अपनी तरह का पहला अध्ययन है, जो विशेष रूप से ऑर्किड विविधता के मूल्यांकन के लिए था. वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि ऑर्किड प्रजातियां पौधों की दुनिया में एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं, जो वैज्ञानिकों को आकर्षित करती हैं. पौधे विभिन्न पारिस्थितिकी, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे बहुत मूल्यवान हैं और अत्यधिक खतरे में हैं. इसलिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची के साथ-साथ सीआईटीईएस के तहत संरक्षित हैं.
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उन्होंने बताया कि अध्ययन से महत्वपूर्ण खतरे वाली प्रजातियों के अस्तित्व का पता चला है. जैसे फियस टैंकरविलिया, जिसे रेड केन ऑर्किड और बटरफ्लाई ऑर्किड के नाम से भी जाना जाता है. इन प्रजातियों को राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा पहले ही संकटग्रस्त प्रजाति घोषित किया जा चुका है. इसके अलावा, अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान प्रलेखित दुर्लभ प्रजातियों के रूप में यूलोफिया फ्लेवा (येलो यूलोफिया), यूलोफिया एक्सप्लानाटा (फ्लैटेंड यूलोफिया), सिंबिडियम मैक्रोरिजोन (बड़ी जड़ सिंबिडियम) और एपिपोगियम रोजियम (रोजी घोस्ट ऑर्किड) की पहचान की है.
इन्हें उत्तराखंड राज्य में 36 वर्ष के अंतराल के बाद खोजा गया है. वहीं आरक्षित क्षेत्र के भीतर एपिफाइटिक ऑर्किड प्रजातियों के बीच सबसे पसंदीदा मेजबान पौधे के रूप में साल (शोरिया रोबस्टा) के महत्व को रेखांकित करते हैं.
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एक अन्य महत्वपूर्ण प्रजाति चेकर्ड वांडा थी जो 'आयुर्वेदिक ओझाओं' और तांत्रिक पंथ में उपयोग किया जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधीय ऑर्किड है. ऑर्किड प्रजातियों के लिए समर्पित संरक्षण रणनीति को आकार देने के लिए अध्ययन के निष्कर्ष अमूल्य होंगे. ये ऑर्किड भविष्य में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी बन सकते हैं. सर्वेक्षण टीम में रिसर्च विंग के चार युवा जेआरएफ-मनोज सिंह, ज्योति प्रकाश जोशी, किरन बिष्ट और तनुजा पांडे शामिल थे.