हल्द्वानी: कोरोना संक्रमण की पहली लहर शुरू होने के बाद से ही पूरे देश में त्राहि-त्राहि मच गई थी. इस महामारी से लाखों लोगों ने दम तोड़ दिया. जेल में बंद कैदी और बंदी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेकर जेलों से सात साल से कम सजा वाले कैदियों को 90 दिन और 60 दिन की अवधि पर पैरोल पर रिहा करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद कोरोना के दौरान जेल प्रशासन ने काफी संख्या में कैदियों की जेल से पैरोल पर रिहाई की थी. लेकिन समय अवधि पूरी होने के बाद भी बहुत से कैदी जेल वापस नहीं आए हैं. पैरोल पर रिहा कैदी इस समय क्या कर रहे हैं और कहां पर है, इसकी पुलिस प्रशासन व जेल प्रशासन को कोई खबर नहीं है.
बात कुमाऊं मंडल की सबसे बड़ी जेल हल्द्वानी की करें तो कोरोना के दौरान 90 दिनों की अवधि के लिए नैनीताल जिले के 116 और उधम सिंह नगर के 195 कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था. जबकि 60 दिन की अवधि के लिए नैनीताल जनपद से 36 कैदी व उधम सिंह नगर के एक कैदी को रिहा किया गया था. लेकिन इन कैदियों में अभी तक 264 कैदी हैं जो जेल वापस नहीं आए हैं. 2 महीने और 3 महीने की अवधि के लिए पैरोल पर रिहा हुए कैदी 9 महीने बीत जाने के बाद भी जेल को वापस नहीं आए हैं.
पढ़ें: यूक्रेन से भारत लौटे उत्तराखंड के 13 और छात्र, दिल्ली एयरपोर्ट पर हुआ स्वागत
बता दें कि, कोरोना के बाद से प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों से उनके परिजनों की फिजिकल मुलाकात बंद हो गई थी. लेकिन कोरोना के घटते मामलों के साथ जेल प्रशासन अब कैदियों से उनके परिजनों की फिजिकल मुलाकात आज 3 मार्च से शुरू कर दी है. ऐसे में अब कैदी के परिजन सप्ताह में 2 दिन अपनों से मुलाकात कर सकते हैं. ये आदेश आईजी जेल ने जारी किया है. वही कैदियों के वापस नहीं लौटने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. आईजी जेल पुष्कर ज्योति ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जेलों से कैदियों को रिहा किया गया था. बंदी वापस नहीं लौटे हैं. इस संबंध में आगे की कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.