हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में हर साल सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है. सड़क हादसों का मुख्य कारण ओवरस्पीड, लापरवाही और नशा है. इसका नतीजा है कि कुमाऊं मंडल में हर साल सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है. यही कारण रहा है कि इस साल महज 7 महीनों में 328 सड़क दुर्घटनाओं में 193 लोगों की जान चली गई है, जबकि 244 लोग घायल हो चुके हैं.
आईजी कैंप कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले साल 2020 जनवरी से दिसंबर तक 12 महीने में 442 दुर्घटनाओं में 271 लोगों की जान गई थी. साल 2020 में जनवरी से जुलाई माह तक 234 सड़क दुर्घटनाओं के मामले सामने आए थे. इनमें 150 लोगों की जान गई थी, जबकि 179 लोग घायल हो गए थे.
वहीं, इस साल 2021 में जनवरी माह से जुलाई माह तक 328 सड़क दुर्घटनाओं के मामले सामने आए हैं. इनमें 193 लोगों की जान गई है, जबकि 244 लोग घायल हुए हैं. ये आंकड़े पिछले साल की तुलना में काफी ज्यादा हैं. जानकारी के मुताबिक 328 सड़क हादसों में 299 दुर्घटना ओवर स्पीड के चलते हुई हैं. 10 दुर्घटनाएं गलत साइड चलने के चलते हुई हैं, 5 दुर्घटनाएं ओवरटेक के चलते हुई हैं.
सड़क हादसों के मामले में उधम सिंह नगर पहले नंबर पर है. यहां इस वर्ष जनवरी से जुलाई माह तक 200 सड़क हादसों में 139 लोगों की जान गई है, जबकि 111 लोग घायल हुए हैं.
नैनीताल जनपद में 104 सड़क हादसे हुए, जिसमें 42 लोगों की जान गई है, जबकि 89 लोग घायल हुए. अल्मोड़ा जनपद में 13 सड़क हादसों में 9 लोगों की जान गई है, जबकि 34 लोग घायल हुए हैं. बागेश्वर जनपद दो सड़क हादसों में एक की जान गई है और 1 घायल हुआ है. पिथौरागढ़ में 3 सड़क हादसे हुए, जिसमें किसी की जान नहीं गई, जबकि 3 लोग घायल हुए हैं. चंपावत जनपद की बात करें तो 6 सड़क हादसों में 2 लोगों की जान गई है, जबकि 6 लोग घायल हुए हैं.
पढ़ें- अफगानिस्तान में फंसे सभी उत्तराखंडी जल्द आएंगे वापस, CM धामी ने रक्षा मंत्री और NSA को सौंपी लिस्ट
आईजी कुमाऊं अजय रौतेला ने बताया कि सड़क हादसों का अधिकतर कारण ओवर स्पीड और पहाड़ों पर गलत तरीके से वाहन चलाना है. सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस लगातार चेकिंग अभियान चलाती है और यातायात के नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ गाड़ी सीज करने और जुर्माने की कार्रवाई भी की जाती है.