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Jim Corbett Park: पिछले 5 सालों में कॉर्बेट पार्क में 15 बाघों की हुई मौत, जानिए कारण - tiger death in jim corbett national park

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में पिछले पांच सालों में आपसी संघर्ष और प्राकृतिक कारणों से 15 बाघों की मौत हुई है. जिस पर पार्क प्रबंधन नजर बनाये हुए है.

Tiger in Jim Corbett Park
पिछले 5 सालों में कॉर्बेट पार्क में 15 बाघों की हुई मौत
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Published : Mar 5, 2023, 3:31 PM IST

Updated : Mar 5, 2023, 3:47 PM IST

पिछले 5 सालों में कॉर्बेट पार्क में 15 बाघों की हुई मौत

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में जहां बाघ तेजी से बढ़े हैं, वहीं पिछले 5 सालों में यहां 14 बाघों की मौत भी हुई है. बाघों की मौत आपसी संघर्ष एवं प्राकृतिक कारणों से हुई है. कॉर्बेट पार्क में 2006 में मात्र 150 बाघ थे. वहीं 2018-19 में इनकी संख्या 250 से ज्यादा हो गई है.

बता दें विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के घनत्व के मामले में अव्वल स्थान रखता है. जिनके दीदार के लिए देश विदेश से सैलानी लाखों की संख्या में हर वर्ष कॉर्बेट पार्क पहुंचते हैं. कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों के लिए सुरक्षित माहौल है. कॉर्बेट पार्क में 2006 में मात्र 150 बाघ थे. 2018-19 में इनकी संख्या 250 से ज्यादा हो गई. पिछले 5 वर्षों की बात करें तो यहां बाघों की मौतों के मामले भी सामने आये हैं. जिसमें पिछले 5 वर्षों 14 से ज्यादा बाघों की मौत हुई है.

पढ़ें- पलायन का मुंह चिढ़ाता कलूण गांव, ग्रामीणों ने मनाई दूसरी गोल्डन जुबली

अगर पिछले 2010 से 2016 की बात करें तो वन विभाग में 20 से ज्यादा बाघों की मौतों के मामले सामने आए. अब मौतों के मामले भी घट रहे हैं. वहीं, बाघों की मौतों के आंकड़ों में कमी आने से कॉर्बेट प्रशासन भी गदगद नजर आ रहा है.

पक्षी प्रेमी संजय छिम्मवाल कहते हैं कॉर्बेट पार्क एवं इसके आस पास के क्षेत्रों में जो बाघों की मौत हुई है वो आपसी संघर्ष व प्राकृतिक कारणों से हुई है. संजय कहते हैं जब किसी भी क्षेत्र में बाघ बढ़ते है तो टेरिटोरियल फाइट (आपसी संघर्ष) होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. मामले में कॉर्बेट के डायरेक्टर डॉ धिराज पांडे ने कहा पिछ्ले 5 से 6 वर्षों में 14 से 15 बाघों की मृत्यु रिकॉर्ड की गई है. उन्होंने कहा जिसके कई कारण हैं. उन्होंने बताया एक ही लैंडस्केप में 2 टाइगरों के होने से आपसी संघर्ष के मामलों में लगातार कमी आ रही है.

पिछले 5 सालों में कॉर्बेट पार्क में 15 बाघों की हुई मौत

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में जहां बाघ तेजी से बढ़े हैं, वहीं पिछले 5 सालों में यहां 14 बाघों की मौत भी हुई है. बाघों की मौत आपसी संघर्ष एवं प्राकृतिक कारणों से हुई है. कॉर्बेट पार्क में 2006 में मात्र 150 बाघ थे. वहीं 2018-19 में इनकी संख्या 250 से ज्यादा हो गई है.

बता दें विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बाघों के घनत्व के मामले में अव्वल स्थान रखता है. जिनके दीदार के लिए देश विदेश से सैलानी लाखों की संख्या में हर वर्ष कॉर्बेट पार्क पहुंचते हैं. कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों के लिए सुरक्षित माहौल है. कॉर्बेट पार्क में 2006 में मात्र 150 बाघ थे. 2018-19 में इनकी संख्या 250 से ज्यादा हो गई. पिछले 5 वर्षों की बात करें तो यहां बाघों की मौतों के मामले भी सामने आये हैं. जिसमें पिछले 5 वर्षों 14 से ज्यादा बाघों की मौत हुई है.

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अगर पिछले 2010 से 2016 की बात करें तो वन विभाग में 20 से ज्यादा बाघों की मौतों के मामले सामने आए. अब मौतों के मामले भी घट रहे हैं. वहीं, बाघों की मौतों के आंकड़ों में कमी आने से कॉर्बेट प्रशासन भी गदगद नजर आ रहा है.

पक्षी प्रेमी संजय छिम्मवाल कहते हैं कॉर्बेट पार्क एवं इसके आस पास के क्षेत्रों में जो बाघों की मौत हुई है वो आपसी संघर्ष व प्राकृतिक कारणों से हुई है. संजय कहते हैं जब किसी भी क्षेत्र में बाघ बढ़ते है तो टेरिटोरियल फाइट (आपसी संघर्ष) होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. मामले में कॉर्बेट के डायरेक्टर डॉ धिराज पांडे ने कहा पिछ्ले 5 से 6 वर्षों में 14 से 15 बाघों की मृत्यु रिकॉर्ड की गई है. उन्होंने कहा जिसके कई कारण हैं. उन्होंने बताया एक ही लैंडस्केप में 2 टाइगरों के होने से आपसी संघर्ष के मामलों में लगातार कमी आ रही है.

Last Updated : Mar 5, 2023, 3:47 PM IST
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