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नैनीताल के राजभवन का आज 123वां जन्मदिन, ब्रिटिश शासकों को काफी पसंद थी ये जगह

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Published : Apr 27, 2020, 4:26 PM IST

Updated : Apr 28, 2020, 11:49 AM IST

नैनीताल के राजभवन का आज 123वां जन्मदिन है. नैनीताल के स्थानीय लोग ब्रिटिस कालीन भवन का सादगी के साथ जन्मदिन मनाते हैं.

Nainital Raj Bhavan
Nainital Raj Bhavan

नैनीताल: यूं तो देशभर में सैकड़ों की तादाद में ब्रिटिश कालीन हेरिटेज भवन हैं, लेकिन इनमें से गिने-चुने भवन ही ऐसे हैं जिनका जन्मदिन मनाया जाता है. उन्हीं में से एक है नैनीताल का राजभवन जिसका आज 123वां जन्मदिन है.

नैनीताल के राजभवन का आज जन्मदिन.

राजभवन का इतिहास

नैनीताल के राजभवन की नींव 27 अप्रैल 1897 को रखी गई थी और मार्च 1900 में राज भवन बनकर तैयार हुआ था. पश्चिमी गोथिक शैली में बने अंग्रेजी के E आकार के इस भवन को तैयार करने में सर एंटनी पैट्रिक मैकडोनल की विशेष भूमिका रही. साल 1862 में सर्वप्रथम नॉर्थ वेस्ट प्रोविंस के गवर्नर का प्रवास नैनीताल के इस राजभवन से शुरू हुआ. जिसके बाद से देश और प्रदेश के राज्यपाल यहां आकर रुकते हैं जो सिलसिला अभी तक जारी है.

Nainital Raj Bhavan
राजभवन का आज 123वां जन्मदिन

ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने देश की राजधानी दिल्ली और ग्रीष्मकालीन राजधानी हिमाचल के शिमला को चुना. तो वहीं, आगरा व अवध की राजधानी के लिए लखनऊ व ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए नैनीताल को चुना, जिसके बाद सर्व प्रथम नैनीताल में पहला राजभवन साल 1862 में रेंज अस्पताल परिसर में स्थापित किया गया था. इसके बाद साल 1865 में यह राजभवन माल्डन हाउस में स्थापित किया गया. एक बार फिर से साल 1875 में राजभवन स्नोव्यू क्षेत्र में स्थापित किया गया. जिसके बाद क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन के बाद 27 अप्रैल 1897 को राज भवन शेरवुड हाउस के पास स्थाई रूप से बनाया गया.

nainital rajbhavan
नैनीताल राजभवन.

पढ़ें- लॉकडाउन: पशु प्रेमियों ने समझी बेजुबानों की 'जुबां', भूखे आवारा कुत्तों के बने मसीहा

लगभग 160 एकड़ के घने जंगल में इस राजभवन की स्थापना की गई, जिसके बाद हर साल यहां ब्रिटिश शासक ग्रीष्मकाल के दौरान यहां आते थे. ब्रिटिश शासक इस जगह को देखकर इतने आकर्षित हुए उनके द्वारा 1925 में राजभवन क्षेत्र के घने जंगल में करीब 75 एकड़ भूमि पर एशिया का सबसे ऊंचा और देश का सबसे बेहतरीन गोल्फ कोर्स बनाया गया. जिसमें ब्रिटिश लोग गोल्फ खेला करते थे.

इस ऐतिहासिक भवन में लंबे समय तक स्थानीय और पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध था, लेकिन साल 1994 में इस राजभवन को स्थानीय लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटक को के दीदार के लिए खोल दिया गया. जिसमें हर साल लाखों की संख्या में देशी-विदेशी व स्थानीय पर्यटक पहुंचते हैं. वहीं इस शानदार गोल्फ कोर्स में हर साल गवर्नर्स गोल्फ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें जाने-माने गोल्फ खिलाड़ी और स्थानीय स्कूल के बच्चे प्रतिभाग करते हैं.

नैनीताल: यूं तो देशभर में सैकड़ों की तादाद में ब्रिटिश कालीन हेरिटेज भवन हैं, लेकिन इनमें से गिने-चुने भवन ही ऐसे हैं जिनका जन्मदिन मनाया जाता है. उन्हीं में से एक है नैनीताल का राजभवन जिसका आज 123वां जन्मदिन है.

नैनीताल के राजभवन का आज जन्मदिन.

राजभवन का इतिहास

नैनीताल के राजभवन की नींव 27 अप्रैल 1897 को रखी गई थी और मार्च 1900 में राज भवन बनकर तैयार हुआ था. पश्चिमी गोथिक शैली में बने अंग्रेजी के E आकार के इस भवन को तैयार करने में सर एंटनी पैट्रिक मैकडोनल की विशेष भूमिका रही. साल 1862 में सर्वप्रथम नॉर्थ वेस्ट प्रोविंस के गवर्नर का प्रवास नैनीताल के इस राजभवन से शुरू हुआ. जिसके बाद से देश और प्रदेश के राज्यपाल यहां आकर रुकते हैं जो सिलसिला अभी तक जारी है.

Nainital Raj Bhavan
राजभवन का आज 123वां जन्मदिन

ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने देश की राजधानी दिल्ली और ग्रीष्मकालीन राजधानी हिमाचल के शिमला को चुना. तो वहीं, आगरा व अवध की राजधानी के लिए लखनऊ व ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए नैनीताल को चुना, जिसके बाद सर्व प्रथम नैनीताल में पहला राजभवन साल 1862 में रेंज अस्पताल परिसर में स्थापित किया गया था. इसके बाद साल 1865 में यह राजभवन माल्डन हाउस में स्थापित किया गया. एक बार फिर से साल 1875 में राजभवन स्नोव्यू क्षेत्र में स्थापित किया गया. जिसके बाद क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन के बाद 27 अप्रैल 1897 को राज भवन शेरवुड हाउस के पास स्थाई रूप से बनाया गया.

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नैनीताल राजभवन.

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लगभग 160 एकड़ के घने जंगल में इस राजभवन की स्थापना की गई, जिसके बाद हर साल यहां ब्रिटिश शासक ग्रीष्मकाल के दौरान यहां आते थे. ब्रिटिश शासक इस जगह को देखकर इतने आकर्षित हुए उनके द्वारा 1925 में राजभवन क्षेत्र के घने जंगल में करीब 75 एकड़ भूमि पर एशिया का सबसे ऊंचा और देश का सबसे बेहतरीन गोल्फ कोर्स बनाया गया. जिसमें ब्रिटिश लोग गोल्फ खेला करते थे.

इस ऐतिहासिक भवन में लंबे समय तक स्थानीय और पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध था, लेकिन साल 1994 में इस राजभवन को स्थानीय लोगों के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटक को के दीदार के लिए खोल दिया गया. जिसमें हर साल लाखों की संख्या में देशी-विदेशी व स्थानीय पर्यटक पहुंचते हैं. वहीं इस शानदार गोल्फ कोर्स में हर साल गवर्नर्स गोल्फ प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें जाने-माने गोल्फ खिलाड़ी और स्थानीय स्कूल के बच्चे प्रतिभाग करते हैं.

Last Updated : Apr 28, 2020, 11:49 AM IST
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