हरिद्वार: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई के लिए धरने पर बैठे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है. यति नरसिंहानंद गिरी ने हिमाचल के ऊना जनपद में मार्च में होने वाली धर्म संसद को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. गिरी ने 27 फरवरी को पांच संतों के साथ दिल्ली के लिए कूच का ऐलान किया है. इस दौरान सभी संत त्यागी की रिहाई के लिए महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर आमरण अनशन शुरू करेंगे.
हरिद्वार के सर्वानन्द घाट पर बैठे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी (Mahamandaleshwar Yeti Narasimhanand Giri) व स्वामी अमृतानंद गिरी ने त्यागी की रिहाई के लिए गांधी की समाधि पर आमरण अनशन करने का संकल्प लिया है. दोनों पैरों से दिव्यांग संत योगी ज्ञाननाथ महाराज व प्रज्ञाचक्षु संत स्वामी कृष्णानंद के नेतृत्व में 27 फरवरी विजया एकादशी से पदयात्रा सर्वानन्द घाट से गांधी समाधि स्थल दिल्ली की ओर रवान होगी, जिसमें केवल पांच संत होंगे.
यति नरसिंहानंद गिरी का कहना है कि इस पदयात्रा में किसी भी कार्यकर्ता को सम्मिलित नहीं किया जाएगा, क्योंकि अगर ज्यादा लोग यात्रा में सम्मिलित होंगे, तो पुलिस कहीं भी जिहादियों से मिलकर राजनैतिक दवाब में पदयात्रियों पर कोई भी झूठा मुकदमा लगाकर उनके लिये मुसीबत खड़ी कर सकती है. इसलिए संतों ने यह निर्णय लिया है कि अब गांधी की विचारधारा व गांधीवादी तरीकों से ही संघर्ष करेंगे, ताकि पुलिस प्रशासन को झूठे मुकदमे दर्ज करने का कोई अवसर न मिले.
योगी ज्ञाननाथ महाराज ने बताया कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी इस्लामिक जिहादियों के षड्यंत्र का शिकार हो गए हैं. हम उनकी रक्षा करने में सक्षम नहीं हैं पर उनके सम्मान के लिये लड़ते हुए मर तो सकते ही हैं. हम यहीं करने जा रहे हैं. हम उनकी रिहाई तक गांधी की समाधि पर आमरण अनशन करेंगे ताकि दुनिया को हमारी दुर्गति का पता तो चले.
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स्वामी अमृतानंद ने कहा कि आज हिन्दुओं की इतनी दुर्गति हो चुकी है की प्रतिदिन कहीं ना कहीं किसी न किसी हिन्दू की इस्लाम के जिहादी हत्या कर देते हैं. हिन्दू महिलाओं को लव जिहाद करके बर्बाद कर देते हैं. फिर भी भारत के तथाकथित बुद्धिजीवी हिन्दुओं को दोषी और इस्लाम के जिहादियों को मासूम घोषित कर देते है.
स्वामी अमृतानंद ने कहा कि आज स्थिति ये हो गयी है कि अगर मुस्लिम चोर भी कहीं मारा जाता है, तो भारत का प्रधानमंत्री उसके लिये संसद में रोने लगते हैं. निर्दोष हिन्दुओं की हत्या पर कहीं कोई आवाज भी नहीं सुनाई देती. हम गांधी की विचारधारा से गांधी के तरीकों से ही संघर्ष करेंगे, ताकि पुलिस प्रशासन को हम पर इस्लाम के जिहादियों और नेताओं के दबाव में झूठे मुकदमों में फंसाने का अवसर ना मिले.