हरिद्वार: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर "बहनों की कलम से" सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम प्रेस क्लब भवन में अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद उत्तराखंड एवं भारतीय संस्कृति फाउंडेशन हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती की वन्दना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. वहीं, इस मौके पर अतिथियों द्वारा सेवा, योग, शिक्षा, सामाजिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में विशेष संघर्षशील महिलाओं को प्रशस्ति पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया गया.
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर "बहनों की कलम से" सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि सुनील पाराशर क्रिएटिव फिल्म डायरेक्टर दिल्ली ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन महिलाओं के नेतृत्व को एक पहचान और सम्मान देने का वक्त है. सिडकुल एसोसियेशन के अध्यक्ष अरुण सारस्वत ने कहा कि बीते वर्ष वैश्विक संक्रामक महामारी कोविड-19 के कहर से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है. इस महामारी के दौर में महिलाओं ने भी कोरोना योद्धा के रूप में अग्रिम पंक्ति में खड़े रहकर मानवीय सेवा की मिसाल भी पेश की है. कोरोना योद्धाओं में कई महिलाओं ने आगे बढ़कर अग्रिम मोर्चे पर सेवाएं दीं और अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनवाया है.
वहीं, कार्यक्रम में पहुंची महिलाओं का कहना है कि आज के समय में महिलाओं का सम्मान पहले की अपेक्षा अधिक होने लगा है, लेकिन उसके बावजूद भी आज भी कई ऐसी घटनाएं घटित हो जाती हैं जो हमें ही नहीं बल्कि समाज को भी शर्मिंदा कर देती हैं. ऐसे में हमें चाहिए कि अपने घर से ही शुरुआत करें और अपने बच्चों को महिलाओं के प्रति रिस्पेक्ट करना सिखाएं. उन्हें शुरू से ही ऐसे संस्कार देने चाहिए कि वह घर के साथ ही बाहर की महिलाओं का भी आदर करें.