हरिद्वार: बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को बेवजह के बयान देने से बचने की हिदायत दी है. जिसका विश्व हिंदू परिषद की फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची और काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने भी समर्थन किया है.
पीएम मोदी की नसीहत: गौर हो कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के उन नेताओं को नसीहत दी जो मुस्लिम समाज के बारे में आए दिन बयानबाजी करते हैं. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मुस्लिम समाज के बारे में गलत बयानबाजी ना करें और पार्टी कार्यकर्ता देश के अल्पसंख्यक समाज से बिना वोट की अपेक्षा के मिलें, चाहें वो मुस्लिम ही क्यों न हों. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में दी गई नसीहत के बाद एक अलग ही विवाद जन्म लेता नजर आ रहा है. साधु संत इस नसीहत को सही बता रहे हैं.
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साध्वी प्राची ने बयान पर क्या कहा: विश्व हिंदू परिषद की फायर ब्रांड नेता साध्वी प्राची जो कि लगातार बयानबाजी करती हैं, उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस नसीहत का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही कहते हैं कि यह देश हम सबका है. इस देश में रहने का अधिकार सबको है. लेकिन शुरुआत हमेशा दूसरा पक्ष करता है ना कि कोई हिंदू. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को यह ध्यान में रखना चाहिए कि रिमोट कंट्रोल उनके हाथ में है. हमने 10 साल पहले मांग उठाई थी कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगना चाहिए. लेकिन थोड़ी देर हो गई. जैसे ही पीएफआई पर प्रतिबंध लगा वैसे ही घटनाएं बंद हो गईं, जिससे समझा जा सकता है कि कौन पहल करता है.
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काली सेना ने भी किया स्वागत: काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नसीहत का स्वागत करते हुए कहा कि हम शुरू से ही कहते रहे हैं कि जो भी मुसलमान हमें अपना भाई मानता है, हम उनसे भाई बनकर ही मिलते हैं. यह नसीहत भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें मुसलमान भाइयों को देखते हुए दी है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को नसीहत दी गई थी. पीएम मोदी ने कहा कि मुस्लिम समाज के बारे में गलत बयानबाजी ना करें.