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विश्वनाथ जगदीश शिला की डोली ने किया गंगा स्नान, 26 दिन तक करेगी पूरा उत्तराखंड भ्रमण

विश्वनाथ जगदीश शिला डोली यात्रा हरिद्वार से हर की पैड़ी में गंगा स्नान के साथ शुरू होती है. इस बार भी देव डोली 26 दिन तक उत्तराखंड के सभी जिलों का भ्रमण करेगी और उत्तराखंड के सभी जिलों का भ्रमण करेगी. देव डोली इस दौरान पांच हजार किलोमीटर का सफर तय कर 2200 देवालयों के दर्शन भी करेगी.

विश्वनाथ जगदीश शिला की डोली ने किया गंगा स्नान
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Published : May 18, 2019, 11:18 PM IST

हरिद्वारः बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर विश्वनाथ जगदीश शिला की डोली स्नान के लिए हर की पैड़ी पहुंची. जहां पूरे विधि-विधान के साथ बाबा को गंगा में स्नान कराया गया. इस दौरान डोली के साथ जन सैलाब उमड़ा और बाबा का आशीर्वाद लिया. इसकी अगुआई पूर्व जल एवं संसाधन मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने की. यह डोली करीब 26 दिन में पांच हजार किमी का सफर तय कर पूरे उत्तराखंड का भ्रमण करेगी. साथ ही करीब 2200 देवालयों के दर्शन भी करेगी. इस यात्रा को उद्देश्य विश्व शांति और उत्तराखंड की संस्कृति को जीवंत रखने के साथ विकास को गति देना है.

हर की पैड़ी में गंगा स्नान करती विश्वनाथ जगदीश शिला की डोली.


शनिवार को बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर टिहरी गढ़वाल के विशोन पर्वत से विश्वनाथ जगदीश शिला की डोली हरिद्वार पहुंची. इस दौरान पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी विश्वनाथ जगदीश शिला डोली को हर की पैड़ी में गंगा स्नान के लिए लाया गया है. इस यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से होती है. इस बार भी गंगा स्नान के बाद यहां से रवाना होकर देहरादून जाएगी. इसी क्रम में देव डोली 26 दिन तक उत्तराखंड के सभी जिलों का भ्रमण करेगी. देव डोली इस दौरान पांच हजार किलोमीटर का सफर तय कर 2200 देवालयों के दर्शन भी करेगी.

ये भी पढ़ेंः देश में गंगा की स्थिति ICU मरीज की तरहः गौतम राधाकृष्णन


नैथानी ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य विश्व में शांति की स्थापना करना है. साथ ही देव संस्कृति की रक्षा करना और इसे जीवित रखना है. इसके माध्यम से प्रदेश के विकास को गति प्रदान करना भी है. वहीं, डोली यात्रा में शामिल होने पहुंचे ललितानंद महाराज का कहना है कि इस तरह की यात्राएं जीवन में धर्म, पवित्रता, दिव्यता का संदेश देती है. सभी को शामिल होना चाहिए. इस यात्रा को जिस तरह से विकास से जोड़ा है, वो काफी सराहनीय है. पहाड़ से लगातार पलायन हो रहा है, इन देव-डोलियों के माध्यम से पलायन पर भी रोक लग सकेगी. क्योंकि पहाड़ के लोगों को अपनी संस्कृति का ज्ञान होता है.

हरिद्वारः बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर विश्वनाथ जगदीश शिला की डोली स्नान के लिए हर की पैड़ी पहुंची. जहां पूरे विधि-विधान के साथ बाबा को गंगा में स्नान कराया गया. इस दौरान डोली के साथ जन सैलाब उमड़ा और बाबा का आशीर्वाद लिया. इसकी अगुआई पूर्व जल एवं संसाधन मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने की. यह डोली करीब 26 दिन में पांच हजार किमी का सफर तय कर पूरे उत्तराखंड का भ्रमण करेगी. साथ ही करीब 2200 देवालयों के दर्शन भी करेगी. इस यात्रा को उद्देश्य विश्व शांति और उत्तराखंड की संस्कृति को जीवंत रखने के साथ विकास को गति देना है.

हर की पैड़ी में गंगा स्नान करती विश्वनाथ जगदीश शिला की डोली.


शनिवार को बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर टिहरी गढ़वाल के विशोन पर्वत से विश्वनाथ जगदीश शिला की डोली हरिद्वार पहुंची. इस दौरान पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी विश्वनाथ जगदीश शिला डोली को हर की पैड़ी में गंगा स्नान के लिए लाया गया है. इस यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से होती है. इस बार भी गंगा स्नान के बाद यहां से रवाना होकर देहरादून जाएगी. इसी क्रम में देव डोली 26 दिन तक उत्तराखंड के सभी जिलों का भ्रमण करेगी. देव डोली इस दौरान पांच हजार किलोमीटर का सफर तय कर 2200 देवालयों के दर्शन भी करेगी.

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नैथानी ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य विश्व में शांति की स्थापना करना है. साथ ही देव संस्कृति की रक्षा करना और इसे जीवित रखना है. इसके माध्यम से प्रदेश के विकास को गति प्रदान करना भी है. वहीं, डोली यात्रा में शामिल होने पहुंचे ललितानंद महाराज का कहना है कि इस तरह की यात्राएं जीवन में धर्म, पवित्रता, दिव्यता का संदेश देती है. सभी को शामिल होना चाहिए. इस यात्रा को जिस तरह से विकास से जोड़ा है, वो काफी सराहनीय है. पहाड़ से लगातार पलायन हो रहा है, इन देव-डोलियों के माध्यम से पलायन पर भी रोक लग सकेगी. क्योंकि पहाड़ के लोगों को अपनी संस्कृति का ज्ञान होता है.

Intro:पहाड़ों के देवता की रूप में जाने जाने वाले विश्वनाथ जगदीश शीला डोली  आज बुध पूर्णिमा के स्नान पर पहाड़ों से उतर माँ गंगा का स्नान करने धर्म नगरी हरिद्वार के पौराणिक स्थल हरकी पैडी पहुंची डोली की अगुवाई पूर्व उत्तराखंड के जल एवं संसाधन मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने की ढोल नगाड़ों की थाप पर सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ पहुंची बाबा की डोली का हरकी पैडी पर जोरदार स्वागत किया गया यहाँ पूरे विधिविधान के साथ बाबा को माँ गंगा में स्नान कराया गया इस मौके पर गंगा सभा के पदाधिकारी भी मौजूद रहे यह डोली करीब 26 दिन में पूरे उत्तराखंड भ्रमण कर करीब 2200 देवालयों के दर्शन करेगी और करीब पांच हजार किलोमीटर का सफर तय करेगी  इस यात्रा को करने का उद्देश्य विश्व शांति और उत्तराखंड संस्कृति को जीवित रखना और प्रदेश में विकास को गति देना है




Body:टिहरी गढ़वाल के विशॉन पर्वत से हरिद्वार पहुंची डोली को लेकर पहुंचे पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी का कहना है कि विश्वनाथ जगदीश शिला डोली को हर की पौड़ी में माँ गंगा में स्नान करने के बाद यहाँ से रवाना होकर देरादून जाएगी देव डोली 26 दिन तक उत्तराखंड के सभी जनपदों का भ्रमण करती है देव डोली और इस दौरान पांच हजार किलोमीटर का सफर तय कर 2200 देवालयों के दर्शन करेगी इस यात्रा को करने का मुख्य उद्देश्य विश्व में शांति की स्थापना करना है यही नहीं इसके साथ ही देव सस्कृति की रक्षा करना और इसे जीवित रखना और इसके माध्यम से प्रदेश के विकास को गति प्रदान करना भी है

बाइट--मंत्री प्रसाद नैथानी--पूर्व जल संसाधन मंत्री उत्तराखंड सरकार

डोली यात्रा में शामिल होने पहुंचे ललितानंद महाराज का कहना है की इस तरह की यात्राये सन्देश देती है की जीवन यात्रा में धर्म ,पवित्रता दिव्यता को स्थान देना चाहिए और इसके लिए यह यात्राये बहुत जरुरी है और इस यात्रा को जिस तरह से विकास से जोड़ा है यह सराहनीय है क्योंकि जिस तरीके से पहाड़ पर पलायन हो रहा है इस देव डोलियों के माध्यम से उस पलायन पर भी रोक लग सकेगी क्योंकि पहाड़ के लोगों को अपनी संस्कृति का ज्ञान होता है इन देव डोलियों के माध्यम से

बाइट--ललितानंद--महाराज 



Conclusion:उत्तराखंड में इन देव डोलियों का काफी महत्व माना जाता है उत्तराखंड के सभी पहाड़ी क्षेत्र के लोग अपने अपने देवी-देवताओं की देव डोलिया हरिद्वार लाते हैं और उन देव डोलियों को गंगा स्नान कराते हैं माना जाता है मां गंगा में स्नान करने से देव डोलिया जागृत हो जाती है इसी लिए बुद्ध पूर्णिमा पर हरिद्वार में हरकी पौड़ी पर देवडोली का गंगा स्नान कराया जाता है करीब 26 दिनों की यात्रा के बाद गंगा दशहरा को यह देव डोली अपने धाम टिहरी गढ़वाल के विशोन पर्वत पर स्थापित होगी इस मौके पर पारंपरिक वाद्य यंत्रों के द्वारा देव डोली का उत्तराखंड में जगह जगह स्वागत किया जाएगा

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