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रुड़की: बेलडा गांव में चकबंदी के दौरान ग्रामीणों का हंगामा, लगाए गंभीर आरोप

सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के बेलडा गांव में चकबंदी के दौरान ग्रामीणों ने हंगामा किया. ग्रामीणों में एक पक्ष का आरोप है कि चकबंदी विभाग ने दो साल पहले ही बस्ता जमा कर दिया था. ऐसे में अब उन्हें चकबंदी करने का अधिकार नहीं है. केवल तहसील के कर्मचारी ही चकबंदी कर सकते हैं. वहीं, सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर पुलिस बल तैनात रहा.

Roorkee
रुड़की
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Published : Jun 2, 2022, 2:04 PM IST

रुड़की: हरिद्वार जनपद के रुड़की तहसील के बेलडा गांव में चकबंदी विभाग द्वारा बुधवार को पैमाइश शुरू की गई तो मौके पर ग्रामीणों ने आकर हंगामा शुरू कर दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में करीब 2 साल पहले चकबंदी विभाग द्वारा सभी खेतों की पैमाइश कर बस्ते तहसील में जमा कर दिए गए थे. ग्रामीणों का कहना है कि जब दो साल पूर्व सभी चकों की पैमाइश कर दी गई थी, तो अब दोबारा से चकों की पैमाइश करने की अधिकारियों की क्या मंशा है?

ग्रामीणों का कहना है कि अगर पैमाइश की जानी आवश्यक है, तो उसे तहसील के अधिकारियों को करना चाहिए न कि चकबंदी विभाग को. ग्रामीणों ने कहा कि चकबंदी की टीम में शामिल कर्मचारी नियमानुसार एक सिरे से पैमाइश को न करके बीच खेत से पैमाइश कर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि इस टीम में जो अधिकारी शामिल हैं उनके खिलाफ भूमि घोटाले में मुकदमा दर्ज है.

बेलडा गांव में चकबंदी के दौरान ग्रामीणों का हंगामा

वहीं, अधिकारियों पर भूमाफियाओं के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है. इस दौरान दूसरे पक्ष के भी ग्रामीण मौके पर पहुंच गए. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच नोक-झोंक होती रही. मौके पर तैनात पुलिसकर्मी हंगामा कर रहे लोगों को मौके से हटाते रहे.
पढ़ें- BJP प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने नेहरू को बताया निकम्मा, PM मोदी की तुलना राम-कृष्ण से की

इस मामले में चकबंदी विभाग के कानूनगो बंगाल सिंह का कहना है कि पैमाइश तहसील और चकबंदी विभाग की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही है. दो साल पहले हुई पैमाइश में जो हिस्सा छूट गया था उसकी ही पैमाइश की जा रही है. उन्होंने कहा कि केवल पैमाइश की जा रही है, कब्जों का फेरबदल नहीं.

रुड़की: हरिद्वार जनपद के रुड़की तहसील के बेलडा गांव में चकबंदी विभाग द्वारा बुधवार को पैमाइश शुरू की गई तो मौके पर ग्रामीणों ने आकर हंगामा शुरू कर दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में करीब 2 साल पहले चकबंदी विभाग द्वारा सभी खेतों की पैमाइश कर बस्ते तहसील में जमा कर दिए गए थे. ग्रामीणों का कहना है कि जब दो साल पूर्व सभी चकों की पैमाइश कर दी गई थी, तो अब दोबारा से चकों की पैमाइश करने की अधिकारियों की क्या मंशा है?

ग्रामीणों का कहना है कि अगर पैमाइश की जानी आवश्यक है, तो उसे तहसील के अधिकारियों को करना चाहिए न कि चकबंदी विभाग को. ग्रामीणों ने कहा कि चकबंदी की टीम में शामिल कर्मचारी नियमानुसार एक सिरे से पैमाइश को न करके बीच खेत से पैमाइश कर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि इस टीम में जो अधिकारी शामिल हैं उनके खिलाफ भूमि घोटाले में मुकदमा दर्ज है.

बेलडा गांव में चकबंदी के दौरान ग्रामीणों का हंगामा

वहीं, अधिकारियों पर भूमाफियाओं के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है. इस दौरान दूसरे पक्ष के भी ग्रामीण मौके पर पहुंच गए. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच नोक-झोंक होती रही. मौके पर तैनात पुलिसकर्मी हंगामा कर रहे लोगों को मौके से हटाते रहे.
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इस मामले में चकबंदी विभाग के कानूनगो बंगाल सिंह का कहना है कि पैमाइश तहसील और चकबंदी विभाग की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही है. दो साल पहले हुई पैमाइश में जो हिस्सा छूट गया था उसकी ही पैमाइश की जा रही है. उन्होंने कहा कि केवल पैमाइश की जा रही है, कब्जों का फेरबदल नहीं.

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