रुड़की: आदर्श गांव और डिजिटल इंडिया की दुहाई देने वाले शासन-प्रशासन के लिए आइने के रूप में भगवानपुर क्षेत्र का एक गांव आस भरी निगाहों से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की राह देख रहा है. स्थिति यह है कि मोहितपुर गांव पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो चुका है. गांव में जलभराव की समस्या नई नहीं है. पहले भी ग्रामीण इस स्थिति को लेकर अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं.
शासन-प्रशासन की तरफ से आश्वासन तो मिला लेकिन कोई इस समस्या का समाधान नहीं कर पाया. मोहितपुर गांव के लोग इस जलभराव में कई बीमारियों की आशंका के बीच जीवन-यापन करने के लिए मजबूर हैं. लोगों के घरों में भी पानी घुस जाता है.
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तालाब का गंदा पानी घरों के बाहर सड़कों पर हर समय भरा रहता है. इस गंदे पानी में सांप-बिच्छू के होने से ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर हैं. अधिकारी शिकायत पर निरीक्षण तो करते हैं, लेकिन ग्रामीणों को कोरे आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता है. ग्रामीण बताते हैं कि हमेशा जलभराव रहने से जानलेवा संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है.
गांव के युवाओं को भी हो रहा नुकसान
गांव में जलभराव की समस्या से गांव में रिश्ते नहीं हो पा रहे हैं. लोग रिश्ता लेकर गांव आते तो हैं लेकिन गांव की स्थिति देख कर दोबारा संपर्क करने से परहेज करते हैं.
विकासखंड अधिकारी कुसुम डोबरियाल ने दी जानकारी
भगवानपुर विकासखंड अधिकारी कुसुम डोबरियाल का कहना है कि जल निकासी ना होने के कारण जलभराव की समस्या बनी हुई है. कई बार मुआयना किया गया है. गांव के तालाब पर हुए अवैध अतिक्रमण के कारण भी जलभराव की समस्या पैदा हुई है. उन्होंने बताया कि जल निकासी को लेकर गांव में नाला निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है. वहीं अतिक्रमण को हटाने के लिए उच्च अधिकारियों को भी पत्र भेजा जा चुका है.