रुड़की: झबरेड़ा विधानसभा क्षेत्र के गांव माधवपुर में केंद्र और राज्य सरकार की आदर्श गांव बनाने की नीति को पलीता लग रहा है. गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं से अभीतक वंचित हैं. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों से कई बार अवगत कराया जा चुका है. लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में उनकी लापरवाही का खामियाजा स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.
माधवपुर गांव के ग्रामीण बिजली, पानी, सड़क और साफ सफाई जैसी सुविधाओं से अभीतक महरूम हैं. लेकिन जिम्मेदारों को ग्रामीणों का ये दर्द नजर ही नहीं आ रहा है. गांव में बिजली के पोल तो लग गए हैं, लेकिन उनपर लाइट आजतक नहीं लग पाई है. साथ ही कूड़ा निस्तारण के लिए भी कोई उचित व्यवस्था नहीं हैं. ग्रामीण तालाब में कूड़ा फेक रहे हैं, जिसके कारण तालाब भी प्रदूषित हो चुका है. सड़कों की हालत खस्ता हो चुकी है. ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार की आदर्श गांव की योजना माधवपुर गांव में दम तोड़ती दिखाई दे रही है.
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वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि मामले की गुहार कई बार संबंधित अधिकारियों से लगाई गई, लेकिन ये समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है. ग्रामीणों ने बताया क्षेत्रीय विधायक ने चुनाव के समय तो खूब गांव का दौरा किया. उसके बाद से वो नजर तक नहीं आए. वहीं, समस्या की गुहार ग्राम प्रधान से भी लगाई गई लेकिन ग्राम प्रधान ने भी कुछ ध्यान नहीं दिया. इस मामले में खण्ड विकास अधिकारी का कहना है कि उनके संज्ञान में अभीतक ऐसा कोई मामला नहीं आया है. अगर उनके संज्ञान में ये मामला आएगा तो इसकी जांच अवश्य कराएंगे.