लक्सर: सभासद, नगर पालिका अध्यक्ष पर आरोप लगा रहे हैं कि वह नगर पालिका कार्यालय में न बैठकर अपने निजी कार्यालय में बैठकर फाइलों का निपटारा करते हैं. ठेकेदारों को अपने निजी कार्यालय में बुलाते हैं. उनके मोबाइल फोन बाहर रखवा दिया जाते हैं. बंद कमरे में लेनदेन चलता है. वहीं नगर पालिका अध्यक्ष सभासद पर ठेकेदार को ब्लैकमेल करने का आरोप लगा रहे हैं. दोनों के बीच जमकर बहस होने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.
लक्सर में विवाद का वीडियो वायरल: बता दें ये वीडियो नगर के वार्डों में पेयजल लाइन बिछाने के कार्य से जुड़ा हुआ है. एक सभासद की ओर से पालिकाध्यक्ष और पालिका प्रशासन को भेजे गए पत्र भी सोशल मीडिया पर जारी किए गए हैं. इनमें पेयजल लाइन बिछा रहे ठेकेदार को संतोषजनक कार्य न होने और कम कार्य होने का हवाला देते हुए अग्रिम भुगतान न किए जाने की मांग की गई है. जिस पर पालिकाध्यक्ष और नगर पालिकाध्यक्ष की ओर से कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं.
वायरल वीडियो में हैं ये आरोप: उधर सभासदों का आरोप है कि बावज़ूद इसके ठेकेदार को 9 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान कर दिया गया. इससे जुड़े वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. सभासदों और पालिकाध्यक्ष की मौजूदगी में चल रही वार्ता में कमीशनखोरी और मिलीभगत से लेकर ब्लैकमेलिंग तक कई गंभीर आरोप प्रत्यारोप इन वीडियो में लगते दिख रहे हैं. दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए बहस करते नज़र आ रहे हैं.
नगर पालिका अध्यक्ष ने क्या कहा? वहीं इस बाबत नगर पालिका अध्यक्ष अमरीश गर्ग से बात की गई तो उनका कहना था कि उनको नगर पालिका अध्यक्ष पद पर 4 साल 8 महीने हो चुके हैं. अभी तक उन पर कोई भी आरोप नहीं लगा है. अब शेष 4 महीने बचे हैं, जिसमें सभासद द्वारा बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं. जोकि उनकी अपनी एक टीस है. वह गलत आरोपों को लगा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि पानी की पाइप लाइन का जो कार्य वार्ड में चल रहा है, उसकी पेमेंट के लिए हमने अपनी गरिमा से हटकर पेमेंट ठेकेदार को किया है. मगर ऐसा बिल्कुल नहीं है.
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क्या है टेंडर का टंटा? उन्होंने यह कहा कि ठेकेदार को बहुत कम रेट में टेंडर दिया गया था. जिसमें 30 लाख का कार्य 24 लाख रुपये में दिया गया था. जिसका 80 परसेंट कार्य होने पर उनको 9 लाख पेमेंट किया गया है जो कि एक नियम है. रनिंग कार्य के दौरान पेमेंट दी जाती है. वहीं सभासद का आरोप है कि उनकी जांच कराई जाए. मगर इसमें जब तक कार्य पूर्ण नहीं हो जाता तब तक जांच नहीं हो सकती. हम पेमेंट नहीं करेंगे तो काम अधूरा रह जाएगा. जिसमें जनता के साथ एक धोखा होगा. वहीं उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. हालांकि वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और एक चर्चा का विषय बना हुआ है.
नोट- ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.