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उत्तराखंड की विधानसभा भी जल्द होगी पेपर लेस, E-Vidhan System पर हो रहा काम - देहरादून लेटेस्ट न्यूज

पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की तरफ उत्तराखंड विधानसभा भी ई-विधानसभा बनने की तैयारियां की जा रही है. उत्तराखंड विधानसभा का एक प्रतिनिधिमंडल इसके लिए हिमाचल विधानसभा का दौरा कर चुके हैं. जल्द ही ये प्रतिनिधिमंडल गोवा और यूपी विधानसभा का भी दौरा करेगी. क्योंकि तीनों प्रदेशों में विधानसभा का कामकाज ई-विधानसभा के तहत पेपर लेस हो चुका है. इस संबंध में सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने अधिकारियों के साथ बैठक भी की.

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Published : Mar 27, 2023, 4:58 PM IST

उत्तराखंड की विधानसभा भी जल्द होगी पेपर लेस.

देहरादून: हिमाचल प्रदेश और गोवा की तर्ज पर उत्तराखंड विधानसभा भी ई-विधानसभा बनने जा रही है. इस संबंध में उत्तराखंड का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल का दौरा कर चुका है. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा पहले ही पेपर लेस यानी ई-विधानसभा हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ई-विधानसभा किस तरह से तैयार होगी, उसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल गोवा एवं उत्तर प्रदेश का दौरा भी करेगा. उत्तराखंड की विधानसभा को भी ई-विधानसभा करने का काम किया जा रहा है. ई-विधानसभा बनने से समय एवं खर्चे की भी बचत होगी. वहीं उत्तराखंड का हर नागरिक विधानसभा सभासत्र की जानकारी एक बटन से ले सकता है.
पढ़ें- जी 20 समिट में खालिस्तान की धमकी पर बोले सीएम धामी- पुलिस-प्रशासन है अलर्ट

ई-विधानसभा से उत्तराखंड का जनमानस भी अपने क्षेत्र की समस्याओं को सरकार के पास रख सकता है. राज्य गठन के बाद से लेकर सम्पूर्ण जानकारी ई-विधानसभा के पोर्टल में रखी जायेगी. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने आज सोमवार 27 मार्च को विधानसभा कार्यालय कक्ष में सूचना और विज्ञान प्रौद्योगिकी अधिकारियों एवं विधानसभा सदस्यगणों के बैठक कर चर्चा की.

विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि दूरसंचार के उपयोग से समय और श्रम की बचत होती है. इलेक्ट्रॉनिक फॉरम के माध्यम से ई-विधानसभा का उपयोग करके अधिक संख्या में लोगों को समावेश करना आसान होता है. विधायकों के अलावा आम जनता भी इस प्रक्रिया में भाग ले सकती है और अपनी राय रख सकती है.
पढ़ें- उत्तराखंड में राजस्व पुलिस व्यवस्था खत्म करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई, सरकार ने HC में रखा अपना पक्ष

उन्होंने कहा कि ई-विधानसभा बनाने से कागजों की बचत होगी. विधानसभा कार्यों में बहुत से दस्तावेजों का उपयोग किया जाता है, जिनमें काफी खर्चा आता है. लेकिन ई-विधानसभा के माध्यम से ये दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध हो सकते हैं, जिससे कागजों की बचत हो सकती है.

इसके अलावा ई-विधानसभा के माध्यम से दस्तावेजों को आसानी से संग्रहित किया जा सकता है. कम कागजों के उपयोग से पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जल्द ही उत्तराखंड विधानसभा को ई-विधानसभा के रूप में विकसित किया जाएगा. साथ ही उत्तराखंड बनने से अभी तक की जीतने भी विधानसभा सदन चले हैं. उसकी पूरी जानकारी भी एक जगह डिजिटल रूप में संग्रहित जाएगा, जिससे किसी को भी एक क्लिक में सारी जानकारी मिल सके.

उत्तराखंड की विधानसभा भी जल्द होगी पेपर लेस.

देहरादून: हिमाचल प्रदेश और गोवा की तर्ज पर उत्तराखंड विधानसभा भी ई-विधानसभा बनने जा रही है. इस संबंध में उत्तराखंड का एक प्रतिनिधिमंडल हिमाचल का दौरा कर चुका है. इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में विधानसभा पहले ही पेपर लेस यानी ई-विधानसभा हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ई-विधानसभा किस तरह से तैयार होगी, उसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल गोवा एवं उत्तर प्रदेश का दौरा भी करेगा. उत्तराखंड की विधानसभा को भी ई-विधानसभा करने का काम किया जा रहा है. ई-विधानसभा बनने से समय एवं खर्चे की भी बचत होगी. वहीं उत्तराखंड का हर नागरिक विधानसभा सभासत्र की जानकारी एक बटन से ले सकता है.
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ई-विधानसभा से उत्तराखंड का जनमानस भी अपने क्षेत्र की समस्याओं को सरकार के पास रख सकता है. राज्य गठन के बाद से लेकर सम्पूर्ण जानकारी ई-विधानसभा के पोर्टल में रखी जायेगी. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने आज सोमवार 27 मार्च को विधानसभा कार्यालय कक्ष में सूचना और विज्ञान प्रौद्योगिकी अधिकारियों एवं विधानसभा सदस्यगणों के बैठक कर चर्चा की.

विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि दूरसंचार के उपयोग से समय और श्रम की बचत होती है. इलेक्ट्रॉनिक फॉरम के माध्यम से ई-विधानसभा का उपयोग करके अधिक संख्या में लोगों को समावेश करना आसान होता है. विधायकों के अलावा आम जनता भी इस प्रक्रिया में भाग ले सकती है और अपनी राय रख सकती है.
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उन्होंने कहा कि ई-विधानसभा बनाने से कागजों की बचत होगी. विधानसभा कार्यों में बहुत से दस्तावेजों का उपयोग किया जाता है, जिनमें काफी खर्चा आता है. लेकिन ई-विधानसभा के माध्यम से ये दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध हो सकते हैं, जिससे कागजों की बचत हो सकती है.

इसके अलावा ई-विधानसभा के माध्यम से दस्तावेजों को आसानी से संग्रहित किया जा सकता है. कम कागजों के उपयोग से पर्यावरण को भी बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जल्द ही उत्तराखंड विधानसभा को ई-विधानसभा के रूप में विकसित किया जाएगा. साथ ही उत्तराखंड बनने से अभी तक की जीतने भी विधानसभा सदन चले हैं. उसकी पूरी जानकारी भी एक जगह डिजिटल रूप में संग्रहित जाएगा, जिससे किसी को भी एक क्लिक में सारी जानकारी मिल सके.

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