रुड़की: उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election 2022) को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हुई हैं. चुनाव के नजदीक आते ही सभी पार्टियां अपना दम भर रही हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड में बसपा अपने खोए वजूद को दोबारा से हासिल करने में जुटी हुई है. गुरुवार को झबरेड़ा विधानसभा क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी की ओर से कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश प्रभारी मेघराज सिंह व प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम ने शिरकत की. इस दौरान वक्ताओं ने लोगों से बसपा पक्ष में वोट देने की अपील की.
प्रदेश प्रभारी मेघराज सिंह ने कहा कि आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनानी है. जिसको लेकर सभी कार्यकर्ताओं को मेहनत करनी होगी. उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. भाजपा और कांग्रेस ने बहुजन समाज को कभी आगे बढ़ने नहीं दिया. 2022 में आदित्य बृजवाल को जिताकर विधानसभा भेजने का काम करें.
प्रभारी रमेश गौतम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने सभी के लिए बहुत कार्य किए हैं. जबकि आज केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है. लेकिन दलित, गरीबों और किसानों का उत्पीड़न हो रहा है. आदित्य बृजवाल ने कहा कि अगर आप सभी ने मुझे जिताकर विधानसभा भेजा तो मैं आपके कार्य नहीं रुकने दूंगा. उसके लिए चाहे मुझे किसी भी हद तक लड़ाई लड़नी पड़े.
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गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव-2012 में हरिद्वार जिले में बसपा के 3 विधायक विधानसभा में पहुंचे थे, लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव में बसपा का कोई प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर पाया था. वहीं, बसपा अब 2022 विधानसभा चुनाव को मजबूती से लड़ने की तैयारी में जुटी हुई है.
पैसों का लालच देकर बुलाई गई भीड़ ! , पेमेंट के लिए घूमते दिखे लोग
रुड़की के इमलीखेड़ा में बसपा के प्रत्याशी सुरेंद्र सैनी ने एक जनसभा का आयोजन किया. जिसमें बसपा के प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी सहित तमाम नेता शामिल हुए. रैली में पंद्रह सौ तक लोगों की भीड़ रही. रैली में आई महिलाओं से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 500 रुपए और खाने का आश्वासन देकर उन लोगों को बुलाया गया था. जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें पैसे मिले तो महिलाओं ने कहा कि पैसे तो नहीं मिले. महिलाओं ने कहा कि वो एक ट्रैक्टर लेकर 70 लोग रैली में आए थे. किसी को भी पैसे नहीं मिले. अब ट्रैक्टर वाला उनसे आने का खर्चा मांग रहा है. महिलाओं का कहना था कि वो बिना पैसे लिए वापस नहीं जाएंगी. महिलाओं के आरोपों से साफ हो गया कि राजनीतिक दल रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए लोगों को पैसे और खाने का लालच देकर ला रहे हैं. रैली होने के बाद उनको कोई नहीं पूछ रहा है.