हरिद्वार: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को 20 दिन हो चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई ऐसा रास्ता नहीं मिला है, जिससे किसान आंदोलन को खत्म किया जा सकें. वहीं किसानों को अपना समर्थन देकर विपक्षी दलों ने सरकार को और मुश्किल में डाल दिया है. ऐसे में केंद्र सरकार के मंत्री अलग-अलग शहरों में कृषि कानूनों के बारे में किसानों और मीडिया से बात कर रहे और सरकार का पक्ष रख रहे हैं. मंगलवार को हरिद्वार पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कृषि कानूनों को लेकर एक प्रेस वार्ता की.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा कि मोदी सरकार हमेशा से किसानों की हितैषी रही है. यहीं कारण है कि मोदी सरकार किसानों के हितों में तीन कृषि कानून लेकर आई है. ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके. पीएम मोदी का एक ही लक्ष्य है कि किसानों की आय दोगनी हो, लेकिन विपक्ष किसानों में कृषि कानूनों को लेकर भ्रम पैदा कर रहा है. विपक्ष कह रहा है कि सरकार एमएसपी और मंडी व्यवस्था खत्म करने जा रही है, जबकि कृषि कानून में कहीं भी ऐसा प्रावधान नहीं है.
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केद्रीय मंत्री निशंक ने कहा कि 70 सालों में पहली बार मोदी सरकार ने किसानों के हित में व्यापक स्तर पर कुछ कदम उठाए है. ताकि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो सके. 2009 से 2014 तक कांग्रेस और उनके समर्थित दलों ने किसानों की दुर्गति की है. कांग्रेस ने 2019 के घोषणा पत्र में जिस कानून के बारे में जिक्र किया, ये वहीं कानून है. इसके लिए कांग्रेस को अब देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. क्योंकि कांग्रेस किसानों को गुमराह कर रही है. निशंक ने कांग्रेस को सुझाव दिया है कि वो तीन बिलों को पढ़ें.
मंत्री निशंक ने कहा कि मोदी सरकार पूरी ताकत से किसानों के साथ खड़ी है. मोदी सरकार पहली बार किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान निधि और किसान फसल बीमा समेत कई योजनाएं लाई है. कोरोना के समय में भी किसान को मोदी सरकार ने खड़ा रखा है. पूरे देश का किसान इस बात को जानता है. किसान इस झूठ और भ्रम फैलाने वाले लोगों को जवाब देंगे.
मंत्री निशंक ने कहा कि सरकार न तो एमएसपी को खत्म करने जा रही है और न ही मंडियों बंद किया जा रहा है. बल्कि जो किसान मकड़जाल में फंस गया था और अपनी फसल को अच्छे दामों पर नहीं बेच पा रहा था. उसको छूट दी गई है कि अपनी फसल को मंडी से ज्यादा पैसों में बाहर बेच सकें. मंडी तो किसानों के लिए हमेशा ही रहेगी. इस बिल के माध्यम से किसान अन्य राज्यों में भी अपनी फसल को अच्छे दामों पर बेच सकता है.
मंत्री निशंक ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनका राजनीतिक आधार खत्म हो गया है. वह किसानों में भ्रम फैलाने का काम कर रहे है. जबरदस्ती किसानों के आंदोलन में घुसकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं.