हरिद्वार: कोरोना से मारे गए करीब 50 लोगों की लावारिस अस्थियों को आज हरिद्वार के सती घाट पर पूरे विधि-विधान के साथ गंगा में विसर्जित किया गया. कोरोना संक्रमण के चलते मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के बाद उनके परिजन डर के चलते उनकी अस्थियों को भी लेकर नहीं गए, जिसके चलते उनकी अस्थियां विभिन्न श्मशान घाटों पर लावारिश पड़ी हुई थी. ऐसे ही करीब 50 लोगों की अस्थियों को श्रीराजमाता झंडेवाला मंदिर के स्वामी राजेश्वरनन्द महाराज ने अपने अनुयायियों के साथ दिल्ली के विभिन्न श्मशान घाटों से एकत्र किया. उनकी मुक्ति के लिए सभी को लेकर अपने हरिद्वार के कैलाश गली आश्रम में लाये. जहां भजन कीर्तन करने के बाद सभी अस्थियों को सती घाट कनखल में मां गंगा ने विसर्जित किया गया.
सभी अस्थियों का विसर्जन ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चारण के बाद किया गया. इस दौरान स्वामी राजेश्वरनन्द ने संकल्प लिया है कि कोरोना संक्रमण में वो लगातार सेवा कार्य करते रहेंगे. बता दें कि स्वामी राजेश्वरनन्द महाराज कोरोना पीड़ितों की सेवा करते हुए खुद भी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे. कोरोना से जंग जीतने के बाद वे फिर से कोरोना पीड़ितों की सेवा में जुट गए हैं.
पढ़ें- उत्तराखंड में ड्यूटी के दौरान 142 पुलिसकर्मी हुए कोरोना संक्रमित, कार्रवाई में नहीं आई कोई कमी
स्वामी राजेश्वरानंद महाराज का कहना है कि पहले लोग श्मशान घाट तक अंतिम संस्कार करने आते थे, मगर अब कोरोना महामारी के चलते वहां भी अंतिम संस्कार करने नहीं आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वो दिल्ली के विभिन्न श्मशान घाटों से अस्थियों को विसर्जित करने के लिए हरिद्वार लाये हैं.