हरिद्वारः देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री के विरोध में बीते 21 दिन से संत समाज और हिंदू संगठन क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. इस कड़ी में मातृसदन के परमाध्यक्ष शिवानंद उनका समर्थन देने पहुंचे. उन्होंने उत्तराखंड में पूर्णता शराब पर प्रतिबंध करने की मांग की. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने प्रदेश में ही नहीं बल्कि, सभी जगह से शराब बंद करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार को शराबबंदी से पहले राजस्व प्राप्ति के विकल्प ढूंढने चाहिए.
देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री के विरोध में 21 दिन से क्रमिक अनशन पर बैठे साधु संत और हिंदू संगठन अब पीछे हटने को तैयार नहीं है. उनकी मांग है कि जब तक सरकार देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री को बंद नहीं करती है, तब तक वो अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे. इस अनशन को त्यागी समाज और टैक्सी-मैक्सी एसोसिएशन ने भी अपना समर्थन दिया है.
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श्री ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि स्वामी शिवानंद के समर्थन के बाद उनके अनशन को बल मिला है. अब वो इस शराब की फैक्ट्री को बंद कराने के लिए ना तो हटेंगे, ना झुकेंगे और अब अपनी रणनीति को मजबूत करेंगे.
मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है. यहां पर शराब का पूर्णतया प्रतिबंध होना चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पर हजारों तीर्थ यात्री पहुंचते हैं. ऐसे में राज्य सरकार शराब बेचकर यात्रियों की भावनाओं के साथ कुठाराघात करने का प्रयास कर रही है.
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उन्होंने कहा कि शराब के खिलाफ ये आंदोलन हरिद्वार से शुरू होकर पूरे भारत में फैलेगा. इससे सरकार को सबक लेने की जरुरत है. उत्तराखंड में शराब फैक्ट्री ही नहीं, बल्कि बिहार और गुजरात की तर्ज पर शराब बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबंध लगना चाहिए.
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी देवभूमि में शराब को पूर्णता बंद करने की बात कही है. उनका कहना है कि वे पूरी तरह शराब बंदी के पक्ष में हैं. शराब उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि सभी जगह बंद होनी चाहिए.
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साथ ही कहा कि सरकार को शराबबंदी से पहले राजस्व के विकल्प तलाशने चाहिए और उसके बाद शराबबंदी करनी चाहिए. विकल्प तलाशने से ही शराबबंदी हो पाएगी. गुजरात सरकार ने भी राजस्व प्राप्त करने को लेकर पहले से ही विकल्प तलाश लिए थे. जिससे शराबबंदी हो पाई.