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पहल: अपनों ने ठुकराया तो गैरों ने अपनाया, दो बुजुर्ग महिलाओं को ये आश्रम बना सहारा

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Published : Aug 28, 2019, 8:45 PM IST

लक्सर में भीमराव बाबा अंबेडकर साहब ट्रस्ट की ओर से एक वृद्धाश्रम खोला गया. इस इस वृद्धाश्रम में घर-परिवार से निराश्रित होने के कारण परेशानियां उठा रहीं, दो महिलाएं को आसरा मिला है. वहीं, स्थानीय लोगों ने इसे गरीब बेसहारा लोगों के लिए अच्छी पहल बताया है.

old age home

लक्सरः नगर में स्थित अंबेडकर वृद्धाश्रम में दो बुजुर्ग महिलाएं रह रहीं है. इनमें एक महिला बेसहारा हैं तो दूसरी महिला अपनों से सताई और ठुकराई हुईं हैं. जिन्हें परिवार ने दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया है. अपनों की याद में आखें तो छलकती हैं, लेकिन आसरा ना होने पर अब वृद्धाश्रम ही उनके लिए आशियाना बना गया है. अब ये बूढ़ी और लाचार मां जिंदगी के आखिरी दिनों को बिता रही हैं.

अंबेडकर वृद्धाश्रम में दो बेसहारा बुजुर्ग महिलाओं को मिला आसरा.

बता दें कि, वृद्धाश्रम वृद्धाश्रम उन वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए होते हैं. जो अपने परिवारों के साथ नहीं रहते या निराश्रित होते हैं. लक्सर में भी वृद्ध महिलाओं को आसरा देने के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ट्रस्ट की ओर से अंबेडकर वृद्धाश्रम खोला गया है. जहां पर घर परिवार से निराश्रित होने के कारण परेशानियां उठा रहीं, दो महिलाएं को आसरा मिला है.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी आपदाः 'मौत' के चुंगल से कैसे बच निकले थे राजेंद्र चौहान, सुनिए आपबीती...

इस समय अंबेडकर वृद्धाश्रम में घर और परिवार की उपेक्षा का दर्द झेल चुकी महिला वर्षा देवी (78) रह रहीं हैं. वो भीकमपुर की रहने वाली है. वृद्ध महिला ने बताया कि पति की मृत्यु होने के बाद वो घर पर रह रहीं थी, लेकिन ज्यादा वृद्ध होने के कारण उसके भाई और भतीजे ने घर में रखने से इनकार कर दिया. जिसके बाद उन्हें वृद्धाश्रम में सहारा मिला है.

दूसरी, वृद्ध महिला का नाम रामवती (75) है. वो राजस्थान की रहने वाली है. ये महिला रायसी गांव में घूमती मिली थी. जहां पर एक परिवार ने उन्हें आश्रय दिया. जिसके बाद उन्होंने वृद्धाश्रम के संचालक को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद उसे वृद्धाश्रम में लाया गया. जहां पर दोनों महिलाएं अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं.

वहीं, अंबेडकर वृद्धाश्रम की संरक्षिका पूजा उपाध्याय ने बताया कि 13 अगस्त को इस वृद्धाश्रम की शुरूआत की गई थी. कई लोग आज भी बुजुर्गों को बोझ समझते हैं, ऐसे में उनके लिए वृद्धाश्रम की व्यवस्था की गई है. अब कोई भी बेसहारा महिलाएं इधर-उधर भटकती नजर नहीं आएंगी.

लक्सरः नगर में स्थित अंबेडकर वृद्धाश्रम में दो बुजुर्ग महिलाएं रह रहीं है. इनमें एक महिला बेसहारा हैं तो दूसरी महिला अपनों से सताई और ठुकराई हुईं हैं. जिन्हें परिवार ने दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया है. अपनों की याद में आखें तो छलकती हैं, लेकिन आसरा ना होने पर अब वृद्धाश्रम ही उनके लिए आशियाना बना गया है. अब ये बूढ़ी और लाचार मां जिंदगी के आखिरी दिनों को बिता रही हैं.

अंबेडकर वृद्धाश्रम में दो बेसहारा बुजुर्ग महिलाओं को मिला आसरा.

बता दें कि, वृद्धाश्रम वृद्धाश्रम उन वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए होते हैं. जो अपने परिवारों के साथ नहीं रहते या निराश्रित होते हैं. लक्सर में भी वृद्ध महिलाओं को आसरा देने के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ट्रस्ट की ओर से अंबेडकर वृद्धाश्रम खोला गया है. जहां पर घर परिवार से निराश्रित होने के कारण परेशानियां उठा रहीं, दो महिलाएं को आसरा मिला है.

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इस समय अंबेडकर वृद्धाश्रम में घर और परिवार की उपेक्षा का दर्द झेल चुकी महिला वर्षा देवी (78) रह रहीं हैं. वो भीकमपुर की रहने वाली है. वृद्ध महिला ने बताया कि पति की मृत्यु होने के बाद वो घर पर रह रहीं थी, लेकिन ज्यादा वृद्ध होने के कारण उसके भाई और भतीजे ने घर में रखने से इनकार कर दिया. जिसके बाद उन्हें वृद्धाश्रम में सहारा मिला है.

दूसरी, वृद्ध महिला का नाम रामवती (75) है. वो राजस्थान की रहने वाली है. ये महिला रायसी गांव में घूमती मिली थी. जहां पर एक परिवार ने उन्हें आश्रय दिया. जिसके बाद उन्होंने वृद्धाश्रम के संचालक को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद उसे वृद्धाश्रम में लाया गया. जहां पर दोनों महिलाएं अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं.

वहीं, अंबेडकर वृद्धाश्रम की संरक्षिका पूजा उपाध्याय ने बताया कि 13 अगस्त को इस वृद्धाश्रम की शुरूआत की गई थी. कई लोग आज भी बुजुर्गों को बोझ समझते हैं, ऐसे में उनके लिए वृद्धाश्रम की व्यवस्था की गई है. अब कोई भी बेसहारा महिलाएं इधर-उधर भटकती नजर नहीं आएंगी.

Intro:लोकेशन-- लक्सर
संवाददाता--- कृष्णकांत शर्मा लक्सर उत्तराखंड
सलग--- लक्सर वृद्ध आश्रम

लक्सर परिवार की अपेक्षा का दर्द झेल रही महिलाओं को मिला वृद्धा आश्रम में सहारा
लक्सर में घर परिवार से निराश्रित होने के कारण परेशानियां उठा रही दो महिलाओ को अंबेडकर वृद्धा आश्रम में आसरा मिला है वृद्धा आश्रम का नाम बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ट्रस्ट की ओर से रखा गया है

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आपको बता दें वृद्ध महिलाओं को आसरा देने के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ट्रस्ट की ओर से लक्सर में अंबेडकर वृद्धा आश्रम खोला गया है जिसमें अभी तक दो वरद महिलाओं को आसरा मिला है निराश्रित होने के कारण घर परिवार की उपेक्षा का दर्द झेल रही दोनों महिलाएं जिसमें 1 महिला वर्षा देवी उम्र 78 वर्ष निवासी भीकमपुर की रहने वाली है पति की मृत्यु होने के बाद घर पर रह रही व्रद्ध महिला वर्षा देवी को उसके भाई भतीजे ने घर में रखने से इनकार करते हुए मना कर दिया जिसके बाद व्रद्ध महिला को वृद्धा आश्रम में सहारा मिला दूसरी वृद्ध महिला जिसका नाम रामवती उम्र 75 वर्ष निवासी राजस्थान कि बता रही है जिसको रायसी गांव के एक परिवार के यहां से सूचना मिलने पर वर्धा आश्रम के संचालक ने वृद्धा रामवती महिला का भी अंबेडकर वृद्धा आश्रम में स्वागत किया जहां पर दोनों व्रद्ध महिलाएं हंसी-खुशी अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं Conclusion: वही जब हमने अंबेडकर वृद्धा आश्रम की संरक्षिका पूजा उपाध्याय  से बात की तो उन्होंने बताया कि वृद्धा आश्रम इसलिए खोला गया है जो कोई मां बाप की सेवा बेटे नहीं कर पा रहे हैं उनकी बिगड़ती तबीयत का इलाज नहीं करवा रहे हैं और समय पर खाना ना देना और व्रद्ध महिला जो इधर-उधर भटकती रहती है उन को सहारा देने के लिए हमने भीमराव अंबेडकर ट्रस्ट की ओर से वृद्धा आश्रम खोला गया है जिससे कि व्रद्ध बुड्ढी महिलाओं को सहारा मिल सके जब हमने वृद्धा आश्रम में रहने वाली वृद्ध महिला से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां हमें अच्छे से भोजन रहना खाना मुफ्त में मिल रहा है यहां हम खुश हैं वही लक्सर में भीमराव बाबा अंबेडकर साहब ट्रस्ट की ओर से खोला गया वृद्ध आश्रम के लिए लोगों ने खुशी जाहिर की साथ ही कहा कि एक अच्छी पहल है जिससे गरीब बेसहारा लोगों को सहारा मिलेगा


बाइट-- वर्षादेवी वृद्ध महिला


बाइट--- पूजा उपाध्याय( संरक्षिका वृद्धा आश्रम लक्सर

रिपोर्ट---कृष्ण कान्त शर्मा लक्सर
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