रुड़की: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की में बदलते वातावरण और मौसम को लेकर दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार (Two Day International Seminar at IIT Roorkee) का आयोजन किया गया. सेमिनार में कई शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया. इस दौरान कई विषयों पर चर्चा की गई. साथ ही सुझावों का भी आदान-प्रदान किया गया.
दरअसल, इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग (Detailed discussion on global warming) हैं, जिसे लेकर आज वैज्ञानिक चितिंत हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कुछ समय की बारिश भी आपदाओं का रूप ले रही है. साथ ही इन आपदाओं से कैसे निपटा जा सकता है? इसको लेकर पहले से तैयार रहना होगा. जिससे जानमाल के नुकसान से बचा जा सके.
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इस दौरान आईआईटी रुड़की के निदेशक एके चतुर्वेदी (AK Chaturvedi Director IIT Roorkee) ने कहा उम्मीद है इस कॉन्फ्रेंस के जरिए आपदाओं से निपटने के लिए कुछ अच्छे और व्यवहारिक सुझाव मिलेंगे. साथ ही उड़ीसा डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (Orissa Disaster Management Authority) के प्रदीप जेना ने बताया आपदा से निपटने के लिए राज्य को पंचायत स्तर से लेकर सभी बड़े अधिकारियों को ट्रेनिंग देनी होगी, तभी समय रहते आपदा से निपटा जा सकता है.
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प्रदीप जेना ने कहा उड़ीसा में पिछले 7 तूफानों में किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है. इसको सुधारने में हमें 20 साल लग गए. इसलिए आपदा से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे. तभी जानमाल के नुकसान से बचा जा सकता है.