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रामपुर तिराहा कांड: शहीदों को दी श्रद्धांजलि, आंदोलनकारी बोले- नहीं हुआ न्याय

2 अक्टूबर 1994 में अलग प्रदेश की मांग को लेकर उत्तराखंड के आंदोलनकारियों पर तत्कालीन यूपी सरकार ने रामपुर तिराहे पर गोलियां चलवाई थीं. उस घटना को आज 25 बरस पूरे हो गये. पूरे प्रदेश में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. वहीं, आंदोलनकारियों का कहना है उनका सपना राज्य बनने के बाद भी अधूरा है.

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि.
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Published : Oct 2, 2019, 6:23 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 8:11 PM IST

हरिद्वार/रुड़की/देहरादून: आज जहां पूरा देश गांधी की जयंती पर उन्हें याद कर रहा है. वहीं 25 साल पहले आज ही के दिन उत्तराखंड राज्य की मांग करने वाले आंदोलनकारियों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई थी. जिसके विरोध में उत्तराखंड आंदोलनकारियों ने तत्कालीन यूपी सीएम मुलायम सिंह यादव का पुतला जलाया. इस दौरान कई आंदोलनकारियों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया. वहीं, हरिद्वार के प्रेमनगर घाट पर दीपदान कर शहीद आंदोलनकारियों की आत्मशांति की कामना भी की गई.

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडेय ने बताया कि आज ही के दिन मुज्जफरनगर के रामपुर तिराहे पर उत्तराखंड राज्य निर्माण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया था. जिसमें निहत्थे आंदोलनकारियों पर मुलायम सरकार की पुलिस ने गोलियां चलाई थी. लेकिन आज तक किसी एक दोषी को भी सजा नहीं मिल पाई है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जबतक इस कांड के दोषियों को सजा नहीं मिलती है, तब तक वे लोग लगातार संघर्ष करते रहेंगे.

पढ़ें- पंचायत चुनाव: भीतरघात करने वालों पर बीजेपी की नजर, जल्द होगी कार्रवाई

वहीं, रुड़की में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धाजंलि दी. इस दौरान राज्य आंदोलनकारी कमला रावत ने बताया कि 2 अक्टूबर 1994 में हुए रामपुर तिराहा कांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता. लेकिन वे कहती हैं कि आंदोलनकारियों ने जो सपना देखा था, वह उत्तरखंड राज्य बनने के बाद भी अधूरा है. वे कहती हैं कि आंदोलनकारियों के बच्चों को रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण नहीं मिल रहा है. वहीं आंदोलनकारियों का अबतक चिन्हीकरण तक पूरा नहीं किया गया है.

वहीं देहरादून में रामपुर तिराहा कांड की 25वीं बरसी के अवसर पर राज्यआंदोलनकारियों ने शहीद स्मारक में शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. वहीं 25 साल बाद भी दोषियों पर कार्रवाई न होने से नाराज राज्य आंदोलनकारियों ने इस दिन को धिक्कार दिवस के रूप में मनाया.

बता दें कि 2 अक्टूबर 1994 में अलग प्रदेश की मांग को लेकर उत्तराखंड समर्थक आंदोलन के लिए दिल्ली कूच कर रहे थे लेकिन उस समय यूपी के तत्कालीन मुलायम सरकार ने रामपुर तिराहे पर निहत्थे लोगों पर बर्बरता पूर्ण लाठियां और गोलियां चलवाई. जिसमें जिसमें सात की मौत हुई थी और 17 आंदोलनकारी जख्मी हुए थे.

हरिद्वार/रुड़की/देहरादून: आज जहां पूरा देश गांधी की जयंती पर उन्हें याद कर रहा है. वहीं 25 साल पहले आज ही के दिन उत्तराखंड राज्य की मांग करने वाले आंदोलनकारियों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई थी. जिसके विरोध में उत्तराखंड आंदोलनकारियों ने तत्कालीन यूपी सीएम मुलायम सिंह यादव का पुतला जलाया. इस दौरान कई आंदोलनकारियों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया. वहीं, हरिद्वार के प्रेमनगर घाट पर दीपदान कर शहीद आंदोलनकारियों की आत्मशांति की कामना भी की गई.

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडेय ने बताया कि आज ही के दिन मुज्जफरनगर के रामपुर तिराहे पर उत्तराखंड राज्य निर्माण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया था. जिसमें निहत्थे आंदोलनकारियों पर मुलायम सरकार की पुलिस ने गोलियां चलाई थी. लेकिन आज तक किसी एक दोषी को भी सजा नहीं मिल पाई है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जबतक इस कांड के दोषियों को सजा नहीं मिलती है, तब तक वे लोग लगातार संघर्ष करते रहेंगे.

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वहीं, रुड़की में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धाजंलि दी. इस दौरान राज्य आंदोलनकारी कमला रावत ने बताया कि 2 अक्टूबर 1994 में हुए रामपुर तिराहा कांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों की शहादत को भुलाया नहीं जा सकता. लेकिन वे कहती हैं कि आंदोलनकारियों ने जो सपना देखा था, वह उत्तरखंड राज्य बनने के बाद भी अधूरा है. वे कहती हैं कि आंदोलनकारियों के बच्चों को रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण नहीं मिल रहा है. वहीं आंदोलनकारियों का अबतक चिन्हीकरण तक पूरा नहीं किया गया है.

वहीं देहरादून में रामपुर तिराहा कांड की 25वीं बरसी के अवसर पर राज्यआंदोलनकारियों ने शहीद स्मारक में शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. वहीं 25 साल बाद भी दोषियों पर कार्रवाई न होने से नाराज राज्य आंदोलनकारियों ने इस दिन को धिक्कार दिवस के रूप में मनाया.

बता दें कि 2 अक्टूबर 1994 में अलग प्रदेश की मांग को लेकर उत्तराखंड समर्थक आंदोलन के लिए दिल्ली कूच कर रहे थे लेकिन उस समय यूपी के तत्कालीन मुलायम सरकार ने रामपुर तिराहे पर निहत्थे लोगों पर बर्बरता पूर्ण लाठियां और गोलियां चलवाई. जिसमें जिसमें सात की मौत हुई थी और 17 आंदोलनकारी जख्मी हुए थे.

Intro:2 अक्टूबर 1994 को यूपी के मुज्जफरनगर में हुए रामपुर तिराहा काण्ड की बरसी पर हरिद्वार के राज्य आंदोलनकारियों ने यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का पुतला दहन कर अपना विरोध प्रकट किया आंदोलनकारियों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाया साथ ही हरिद्वार के प्रेमनगर घाट पर दीपदान कर इस काण्ड में शहीद हुए आंदोलनकारियों की आत्मशांति की कामना की।
Body:इस दौरान चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडेय ने कहा कि आज के दिन मुज्जफरनगर के रामपुर तिराहे पर उत्तराखंड राज्य निर्माण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों के साथ अमानवीय व्यव्हार किया गया था निहथे लोगो पर गोलियां चलाई गई थी इतने दिन बीत जाने पर भी आज तक दोषियों को सजा नहीं मिलने से राज्य आंदोलनकारियों में गहरा आक्रोश है उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक इस काण्ड के दोषियों को सजा नहीं मिलती तब तक वो संघर्ष करते रहेंगे।

बाइट--जेपी पांडेय----केंद्रीय अध्यक्ष----चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति Conclusion:1994 में हुए रामपुर हत्याकांड को ही उत्तराखंड राज्य के निर्माण की नीव माना जाता है उत्तराखंड राज्य में अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य आंदोलनकारियों को आज तक भी राज्य में मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई है और ना ही आज तक रामपुर हत्याकांड के दोषियों को सजा मिल सकी है अपने मुद्दों को लेकर लगातार राज्य आंदोलनकारी समय-समय पर आंदोलन करते रहे हैं और आज फिर इन्होंने मांगे न माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है
Last Updated : Oct 2, 2019, 8:11 PM IST
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