हरिद्वार: कोरोना कर्फ्यू के कारण आर्थिक तंगी का सामना कर रहे व्यापारी सावन के महीने में आयोजित होने वाली कांवड़ यात्रा खोले जाने की मांग कर रहे हैं. नाराज व्यापारियों ने हाथों में त्रिशूल लेकर और गले में भगवा गमछा डालकर प्रदेश सरकार के खिलाफ सीटी बजाकर विरोध प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारी व्यापारियों का कहना है कि कोरोना की वजह से पिछले काफी समय से उनका व्यापार पूरी तरह से ठप है. कुंभ मेले के दौरान भी उनका व्यापार प्रभावित हुआ था. ऐसे में अब व्यापारियों को कांवड़ यात्रा से बड़ी उम्मीदें हैं. लेकिन प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए इस बार भी कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है.
वहीं, व्यापारियों का कहना है कि वो प्रदेश सरकार को होश में लाने के लिए सीटी बजाकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया तो इसका खामियाजा उसे 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा.
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व्यापारियों ने की सातों दिन बाजार खोलने की मांग
प्रदेश में धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लॉकडाउन में ढील देते हुए 6 जुलाई तक एक बार फिर कोरोना कर्फ्यू बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है. हालांकि इस बार मसूरी और नैनीताल के बाजारों को सातों दिन खोले जाने की अनुमति है. इसे लेकर व्यापारियों का कहना है कि हरिद्वार में सारा व्यापार सैलानियों पर निर्भर है. ऐसे में लॉकडाउन के कारण पर्यटक केवल वीकेंड पर ही आते हैं. उस दिन अगर बाजार बंद रहे तो उनको बड़ा नुकसान होगा. इसलिए सरकार को चाहिए कि हरिद्वार में भी सातों दिन दुकानें खोलने की अनुमति दे.
वहीं, व्यापारी नेता सुरेश गुलाटी का कहना है कि व्यापारियों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष से लगातार मुलाकात की गई, लेकिन व्यापारियों के हित में अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मसूरी और नैनीताल में बाजारों के खुलने की अनुमति है वैसे ही हरिद्वार में भी दुकानें खुलने की अनुमति दी जाए.