हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. साथ ही सुबह से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी और ये सिलसिला बदस्तूर जारी है. भक्तों हरकी पैड़ी में पूजा-अर्चना और दान देकर कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं.
गौर हो कि माघ के महीने में आने वाली मौनी अमावस्या पर तो ये और भी ज्यादा फलदायी होता है. आज माघ मास के कृष्ण पक्ष की मौनी अमावस्या है. इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है. आज के दिन गंगा तटों पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं. गंगा स्नान के बाद विशेष दान किया जाता है. जिसमें तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कम्बल, सर्दी के वस्त्र आदि शामिल होते हैं. मौनी अमावस्या का हमारे शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है. इसी क्रम में आज भारी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार के गंगा घाट में डुबकी लगा कर पुण्य कमा रहे हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम में गंगा स्नान से तन और मन की शुद्धि तो होती ही है. साथ ही दान करने से धन की वृद्धि होती है. ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या को गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम पर देवताओं का वास होता है. जो गंगा में डुबकी लगाने वाले लोगों को समस्त पापों से मुक्ति प्रदान करते हैं.
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मौनी अमावस्या का हमारे शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक दृष्टि से यह तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती हैं. इस दिन चुपचाप रहकर ऋषि मुनियों की तरह आचरण और स्नान करने के विशेष महत्व के कारण ही यह मौनी अमावस्या कहलाती है. कुंडली के पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए इस तिथि का विशेष महत्व होता है. इस तिथि को तर्पण, स्नान, दान आदि के लिए बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है. किसी व्यक्ति की कुंडली मे यदि पितरदोष है, तो उससे मुक्ति के उपाय के लिए भी अमावस्या तिथि काफी कारगर मानी जाती है.