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मां जगदम्बा ने स्वयं इस मंदिर को बनाने की दी थी आज्ञा, जानिए क्या है मान्यता ? - लक्सर के मंदिर

मेन बाजार में मां जगदम्बा का मंदिर है. जिसमें 50 सालों से हर वर्ष चौदस मेले का आयोजन होता आ रहा है. नवरात्रों के दिनों में प्रथम नवरात्र से लेकर चौदस तिथि तक मंदिर में अखंड ज्योति जलती है. लक्सर क्षेत्र के आसपास के लोग जो भी नवरात्रों के दिनों में जागरण करवाते हैं.

मां जगदम्बा के इस मंदिर में 50 सालों से हर वर्ष चौदस मेले का आयोजन होता आ रहा है.
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Published : Oct 12, 2019, 6:31 PM IST

लक्सर: शहर के मेन बाजार में मां जगदम्बा मंदिर लक्सर समाचार का मंदिर है. जिसमें 50 सालों से हर वर्ष चौदस मेले का आयोजन होता आ रहा है. वहीं, इस मंदिर के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा है.

50 सालों से हर वर्ष चौदस मेले का होता है आयोजन.

बता दें कि इस मंदिर का निर्माण लाला श्यामलाल गुप्ता ने करवाया था. कहा जाता है कि लाला श्याम लाल को मां जगदंबा ने सपने में दर्शन देकर कहा था कि आप इस जगह पर मां जगदंबा का मंदिर स्थापित करवाओ. जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया गया.

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वहीं, इस मां जगदंबा के मंदिर पर प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा आज भी बनी हुई है. नवरात्रों के दिनों में प्रथम नवरात्र से लेकर चौदस तिथि तक मंदिर में अखंड ज्योति जलती है. लक्सर क्षेत्र के आसपास के लोग जो भी नवरात्रों के दिनों में जागरण करवाते हैं.

यह भी पढ़ें-राज्य में राजस्व में आई गिरावट, विद्युत कर में 64 फीसदी की आई कमी

जानकारी के मुताबिक, 8 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार अश्विन शुक्ल संवत 2027 सन् 1970 को यह मंदिर बनकर तैयार हुआ था. मंदिर के तैयार होने के बाद विधि विधान से 21 दिन तक पूजा अर्चना के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई. तब से लेकर अब तक इस मंदिर पर हर वर्ष चौदस तिथि को भव्य मेले का आयोजन होता चला आ रहा है.

यह भी पढ़ें-RTI दिवस: भारत में लगातार कमजोर हो रहा है सूचना का अधिकार, अधिकारी नहीं देते जानकारी

वहीं, इस मेले में दूर दराज और बाहर से श्रद्धालु आते हैं और लंबी लंबी कतारों में लगकर मां जगदम्बा के दर्शन कर पूजा अर्चना करते हैं. श्रद्धालु मां भगवती से अपने परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. देर रात्रि तक मां जगदम्बा की पूजा अर्चना होती हैं और रात्रि में मां जगदम्बा का विशाल जागरण होता है. जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

लक्सर: शहर के मेन बाजार में मां जगदम्बा मंदिर लक्सर समाचार का मंदिर है. जिसमें 50 सालों से हर वर्ष चौदस मेले का आयोजन होता आ रहा है. वहीं, इस मंदिर के प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा है.

50 सालों से हर वर्ष चौदस मेले का होता है आयोजन.

बता दें कि इस मंदिर का निर्माण लाला श्यामलाल गुप्ता ने करवाया था. कहा जाता है कि लाला श्याम लाल को मां जगदंबा ने सपने में दर्शन देकर कहा था कि आप इस जगह पर मां जगदंबा का मंदिर स्थापित करवाओ. जिसके बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया गया.

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वहीं, इस मां जगदंबा के मंदिर पर प्रति लोगों की अगाध श्रद्धा आज भी बनी हुई है. नवरात्रों के दिनों में प्रथम नवरात्र से लेकर चौदस तिथि तक मंदिर में अखंड ज्योति जलती है. लक्सर क्षेत्र के आसपास के लोग जो भी नवरात्रों के दिनों में जागरण करवाते हैं.

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जानकारी के मुताबिक, 8 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार अश्विन शुक्ल संवत 2027 सन् 1970 को यह मंदिर बनकर तैयार हुआ था. मंदिर के तैयार होने के बाद विधि विधान से 21 दिन तक पूजा अर्चना के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई. तब से लेकर अब तक इस मंदिर पर हर वर्ष चौदस तिथि को भव्य मेले का आयोजन होता चला आ रहा है.

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वहीं, इस मेले में दूर दराज और बाहर से श्रद्धालु आते हैं और लंबी लंबी कतारों में लगकर मां जगदम्बा के दर्शन कर पूजा अर्चना करते हैं. श्रद्धालु मां भगवती से अपने परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. देर रात्रि तक मां जगदम्बा की पूजा अर्चना होती हैं और रात्रि में मां जगदम्बा का विशाल जागरण होता है. जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं.

Intro:लोकेशन --लक्सर उत्तराखंड
संवाददाता ---कृष्ण कांत शर्मा लक्सर
सलग-- -लकसर मेला

एंकर-- -लकसर मैन बाजार में जगदम्बा मंदिर पर चौदस मेले की धूमधाम 
लकसर मैन बाजार में माॅ जगदम्बा मंदिर स्थित है जिस पर 50 सालों से हर वर्ष चौदस मेले का आयोजन होता आ रहा है जिसमें दूर दराज ओर बहार से श्रद्धालु आते हैं ओर लंबी लंबी कतारों में लगकर माॅ जगदम्बा के दर्शन कर पूजा अर्चना करते हैं ओर सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ओर देर रात्रि तक माॅ जगदम्बा की पूजा अर्चना होतीं हैं ओर रात्रि में माॅ जगदम्बा का विशाल जागरण होता है जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं जहां भक्तों में अटटू भक्ति श्रद्धा देखने को मिलती है Body: आपको बता दें 8 अक्टूबर दिन बृहस्पतिवार अश्विन शुक्ल संवत 2027 सन 1970 को यह मंदिर बनकर तैयार हुआ और विधि विधान से 21 दिन तक पूजा अर्चना के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई तब से लेकर अब तक इस मंदिर पर हर वर्ष चौदस तिथि को भव्य मेले का आयोजन होता चला आ रहा है इस मंदिर का निर्माण लाला श्यामलाल गुप्ता जी ने करवाया था कहा जाता है कि लाला श्याम लाल जी के स्वप्न में मां जगदंबा ने दर्शन देकर कहा था कि आप इस जगह पर मां जगदंबा का मंदिर स्थापित करवाओ सपने से सुबह जागने पर लाला श्यामलाल गुप्ता जी ने अपने परिजनों से बात की और इस मंदिर का निर्माण शुरू करा दिया जो आज भी लोगों की श्रद्धा मां जगदंबा के मंदिर पर बनी हुई है नवरात्रों के दिनों में प्रथम नवरात्र से लेकर चौदस तिथि तक मंदिर में अखंड ज्योति जलती है और लक्सर क्षेत्र के आसपास के लोग जो भी नवरात्रों के दिनों में जागरण करवाते हैं वह सभी श्रद्धालु मां जगदंबा मंदिर से अखंड ज्योत से अपनी जोत जला कर ले जाते हैं कहां जाता है अगर सच्चे दिल से मां जगदंबा के दर्शन करके जो भी मुराद मांगी जाए वह सभी इच्छाएं पूरी होती है निसंतानओं को संतान भी प्राप्त होती है Conclusion: वहीं श्रद्धालुओ का कहना है कि माँ जगदम्बा मंदिर में पूजा दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है  दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और अपनी मनोकामनाएं मां के आगे रखते हैं मां उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती है यहां से कभी कोई खाली हाथ नहीं गया दिन पर दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है

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