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मगरमच्छों के बनाए 'आशियाने' से गुजरने को मजबूर ग्रामीण, जानिए क्यों? - तेलीवाला गांव रुड़की

तालाब में तीन मगरमच्छों के होने के कारण ग्रामीण डर के साए में जीन को मजबूर है. ग्रामीणों की सबसे बड़ी समस्या ये है कि वे उन्हें उसी तालाब से बीच से होकर गुजरना पड़ता है. जहां मगरमच्छों ने अपना आशियाना बनाया है.

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Published : Aug 8, 2020, 7:52 PM IST

Updated : Aug 8, 2020, 10:16 PM IST

रुड़की: सरकार के विकास के दावों की हकीकत जानने के लिए आपको पहाड़ के किसी दूरुस्थ गांव में जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि इन झूठे दावों की बानगी हरिद्वार जिले की पिरान कलियर विधानसभा में देखने को मिल जाएगा. पिरान कलियर विधानसभा के तेलीवाला गांव में आज भी लोगों को तलाब से बीच से होकर गुजरना पड़ता है. इस तालाब से गुजरने के मतलब अपनी जान हथेली पर रखकर चलना होता है, क्योंकि तालाब में एक या दो नहीं बल्कि तीन-तीन मगरमच्छ अपना डेरा जमाए हुए हैं.

मगरमच्छों के बनाए 'आशियाने' से गुजरने को मजबूर ग्रामीण

दरअसल, गांव के बाहर एक तलाब है. पूरे गांव का पानी इसी तलाब में आता है. तालाब के आसपास काफी मकान बने हुए है. जिनका रास्ता इसी तालाब से होकर गुजरता है. इन लोगों को सबसे ज्यादा समस्या बरसात के दिनों में आती है. क्योंकि, तालाब से पानी की निकासी का कोई रास्ता नहीं है और बरसात में यह तालाब लबालब भर जाता है. ऐसे में यहां रहने वाले लोगों को तालाब के बीच से ही होकर गुजरना पड़ता है.

पढ़ें- श्रीनगर: गुलदार ने महिला को बनाया निवाला, दहशत में लोग

ग्रामीणों के मुताबिक, बरसात के दिनों में सांप और बिच्छू समेत कई जीव तालाब में आ जाते हैं, सबसे ज्यादा डर तो उन्हें मगरमच्छ से लगता है. ग्रामीणों की मानें तो तालाब में तीन मगरमच्छ है, जो बरसात में उनके घर के बाहर तक आ जाते हैं. ग्रामीण कई बार रास्ते और तालाब से पानी की निकासी के लिए शासन-प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सभी ने उनकी फरियाद को हर बार अनसुना कर दिया गया. ऐसे में ग्रामीणों को आखिरकार तालाब से ही होकर गुजरना पड़ता है, जहां उनका कब मौत से सामना हो जाए ये उनको भी नहीं पता.

इस बारे में जब पिरान कलियर विधानसभा के विधायक हाजी फुरकान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तालाब काफी बड़ा है. पहले भी उन्होंने पानी की निकासी के लिए नाला बनवाने की कोशिश की थी, लेकिन लोगों ने जमीन नहीं छोड़ी. हालांकि, जल्द ही इस समस्या का हल निकाला जाएगा.

पढ़ें- डोईवाला: हाथियों के झुंड फसलों को पहुंचा रहे नुकसान, निजात दिलाने की मांग

वहीं, तालाब में मगरमच्छ होने की बात पर विधायक हाजी फुरकान ने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. तालाब में मगरमच्छ है इसका भी पता लगाया जाएगा. मगरमच्छ को पकड़ने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात की जाएगी.

तालाब से मगरमच्छ को पकड़ने के बारे में जब रेंजर मयंक गर्ग ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने आज से पहले इस तरह की कोई सूचना उन्हें नहीं दी थी. हालांकि, अब वे एक टीम मौके पर भेजेंगे, ताकि मगरमच्छों को रेस्क्यू किया जा सके.

रुड़की: सरकार के विकास के दावों की हकीकत जानने के लिए आपको पहाड़ के किसी दूरुस्थ गांव में जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि इन झूठे दावों की बानगी हरिद्वार जिले की पिरान कलियर विधानसभा में देखने को मिल जाएगा. पिरान कलियर विधानसभा के तेलीवाला गांव में आज भी लोगों को तलाब से बीच से होकर गुजरना पड़ता है. इस तालाब से गुजरने के मतलब अपनी जान हथेली पर रखकर चलना होता है, क्योंकि तालाब में एक या दो नहीं बल्कि तीन-तीन मगरमच्छ अपना डेरा जमाए हुए हैं.

मगरमच्छों के बनाए 'आशियाने' से गुजरने को मजबूर ग्रामीण

दरअसल, गांव के बाहर एक तलाब है. पूरे गांव का पानी इसी तलाब में आता है. तालाब के आसपास काफी मकान बने हुए है. जिनका रास्ता इसी तालाब से होकर गुजरता है. इन लोगों को सबसे ज्यादा समस्या बरसात के दिनों में आती है. क्योंकि, तालाब से पानी की निकासी का कोई रास्ता नहीं है और बरसात में यह तालाब लबालब भर जाता है. ऐसे में यहां रहने वाले लोगों को तालाब के बीच से ही होकर गुजरना पड़ता है.

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ग्रामीणों के मुताबिक, बरसात के दिनों में सांप और बिच्छू समेत कई जीव तालाब में आ जाते हैं, सबसे ज्यादा डर तो उन्हें मगरमच्छ से लगता है. ग्रामीणों की मानें तो तालाब में तीन मगरमच्छ है, जो बरसात में उनके घर के बाहर तक आ जाते हैं. ग्रामीण कई बार रास्ते और तालाब से पानी की निकासी के लिए शासन-प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन सभी ने उनकी फरियाद को हर बार अनसुना कर दिया गया. ऐसे में ग्रामीणों को आखिरकार तालाब से ही होकर गुजरना पड़ता है, जहां उनका कब मौत से सामना हो जाए ये उनको भी नहीं पता.

इस बारे में जब पिरान कलियर विधानसभा के विधायक हाजी फुरकान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तालाब काफी बड़ा है. पहले भी उन्होंने पानी की निकासी के लिए नाला बनवाने की कोशिश की थी, लेकिन लोगों ने जमीन नहीं छोड़ी. हालांकि, जल्द ही इस समस्या का हल निकाला जाएगा.

पढ़ें- डोईवाला: हाथियों के झुंड फसलों को पहुंचा रहे नुकसान, निजात दिलाने की मांग

वहीं, तालाब में मगरमच्छ होने की बात पर विधायक हाजी फुरकान ने कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी. तालाब में मगरमच्छ है इसका भी पता लगाया जाएगा. मगरमच्छ को पकड़ने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात की जाएगी.

तालाब से मगरमच्छ को पकड़ने के बारे में जब रेंजर मयंक गर्ग ने बात की गई तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने आज से पहले इस तरह की कोई सूचना उन्हें नहीं दी थी. हालांकि, अब वे एक टीम मौके पर भेजेंगे, ताकि मगरमच्छों को रेस्क्यू किया जा सके.

Last Updated : Aug 8, 2020, 10:16 PM IST
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