हरिद्वार: अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर योग के सही स्वरूप को लेकर मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद सरस्वती ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है आज जो योग किया जा रहा है, वह योग नहीं कुछ हठयोग और कुछ एक्सरसाइज का मिश्रण है. उन्होंने तथाकथित योगियों से विनती की है कि वह अपना धंधा चलाने के लिए योग को बदनाम ना करें.
आज देश और दुनिया में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है, मगर मौजूदा योग के स्वरूप पर हरिद्वार कि मातृ सदन संस्था के प्रमुख स्वामी शिवानंद सरस्वती ने प्रश्न खड़े किये हैं. उन्होंने कहा आज का योग, योग ना होकर कुछ हठयोग और कुछ एक्सरसाइज का मिश्रण है. उन्होंने सही योग की परिभाषा बताते हुए कहा कि योग आदि योगी पतंजलि द्वारा रचित योग है. जिसमें मनुष्य सत्य का अनुसरण करता है. इससे वह अहिंसा प्रेमी बनता है, लेकिन आज जिस तरह से समाज में हिंसा और असत्य बढ़ रहा है उसका मुख्य कारण आज का मिश्रित योग ही है.
पढ़ें- 18 साल की उम्र में ही योगाचार्य बने वीरेंद्र चौबे, बच्चों को सिखा रहे योग-साधना
उन्होंने कहा आज के योग के कारण ही युवा ब्रह्मचर्य का पालन नहीं कर पा रहे हैं. वहीं, उन्होंने बाबा रामदेव का नाम लिए बगैर उन पर हमला बोला. उन्होंने कहा आज के योग के सिरमौर देश की सत्ता के इर्द गिर्द घूम रहे हैं. योगी होने के बावजूद वह सत्य का अनुसरण करते देखे जा सकते हैं, उन्होंने कहा कि ऐसे योगी अपना धंधा करें, योग को बदनाम ना करें.