हरिद्वार: गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए पिछले 182 दिनों से अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने 27 अप्रैल से जल त्यागने का एलान किया है. इसको लेकर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति समेत कई लोगों को पत्र भी लिख चुके हैं. इसी बीच आत्मबोधानंद के गुरू और मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि जल त्यागने के बाद यदि उनकी मौत होती है तो इसके लिए प्रधानमंत्री समेत 6 लोग जिम्मेदार होंगे.
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स्वामी शिवानंद ने कहा कि आत्मबोधानंद 182 दिनों से गंगा रक्षा के लिए अनशन कर रहे हैं, लेकिन किसी भी नेता ने उनकी सुध नहीं ली. इतना ही नहीं शिवानंद की मानें तो इस दौरान आत्मबोधानंद को मारने की कोशिश भी गई थी. इससे पहले स्वामी सानंद की हत्या भी कर दी गई थी. आत्मबोधानन्द ने इन लोगों के व्यवहार से परेशान होकर जल त्यागने का एलान किया है.
शिवानंद के मुताबिक आत्मबोधानंद ने उनसे कहा है कि ऐसे स्थिति में यदि उन्हें कुछ होता है तो उसके लिए उन्होंने 6 लोगों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेट्री नृपेंद्र मिश्रा, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरिद्वार डीएम दीपक रावत जिम्मेदार होंगे.
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स्वामी शिवानंद ने बताया कि उनकी आज भी वही 4 मांगें हैं जो स्वामी सानंद की मांगें थी. गंगा और इसकी सहायक नदियों पर जितने भी प्रस्तावित डैम हैं, उनका काम बंद किया जाए, गंगा में खनन पर रोक, गंगा के लिए परिषद बनाया जाए और गंगा के लिए संसद में विशेष विधेयक पास किया जाए.