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स्वामी शिवानंद बोले- आत्मबोधानंद को कुछ होता है तो इसके लिए 6 लोग होंगे जिम्मेदार

ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था.

Haridwar
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Published : Apr 23, 2019, 6:20 PM IST

Updated : Apr 23, 2019, 6:40 PM IST

हरिद्वार: गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए पिछले 182 दिनों से अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने 27 अप्रैल से जल त्यागने का एलान किया है. इसको लेकर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति समेत कई लोगों को पत्र भी लिख चुके हैं. इसी बीच आत्मबोधानंद के गुरू और मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि जल त्यागने के बाद यदि उनकी मौत होती है तो इसके लिए प्रधानमंत्री समेत 6 लोग जिम्मेदार होंगे.

आत्मबोधानंद ने किया जल त्यागने का एलान.

पढ़ें- 179 दिनों से अनशन रहे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने PM को लिखा पत्र, 27 अप्रैल से त्याग देंगे जल

स्वामी शिवानंद ने कहा कि आत्मबोधानंद 182 दिनों से गंगा रक्षा के लिए अनशन कर रहे हैं, लेकिन किसी भी नेता ने उनकी सुध नहीं ली. इतना ही नहीं शिवानंद की मानें तो इस दौरान आत्मबोधानंद को मारने की कोशिश भी गई थी. इससे पहले स्वामी सानंद की हत्या भी कर दी गई थी. आत्मबोधानन्द ने इन लोगों के व्यवहार से परेशान होकर जल त्यागने का एलान किया है.

शिवानंद के मुताबिक आत्मबोधानंद ने उनसे कहा है कि ऐसे स्थिति में यदि उन्हें कुछ होता है तो उसके लिए उन्होंने 6 लोगों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेट्री नृपेंद्र मिश्रा, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरिद्वार डीएम दीपक रावत जिम्मेदार होंगे.

पढ़ें- बाबा रामदेव बोले- हरिद्वार से तैयार करेंगे श्रेष्ठ पीएम और सीएम, साध्वी प्रज्ञा को लेकर कही ये बात

स्वामी शिवानंद ने बताया कि उनकी आज भी वही 4 मांगें हैं जो स्वामी सानंद की मांगें थी. गंगा और इसकी सहायक नदियों पर जितने भी प्रस्तावित डैम हैं, उनका काम बंद किया जाए, गंगा में खनन पर रोक, गंगा के लिए परिषद बनाया जाए और गंगा के लिए संसद में विशेष विधेयक पास किया जाए.

हरिद्वार: गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए पिछले 182 दिनों से अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने 27 अप्रैल से जल त्यागने का एलान किया है. इसको लेकर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति समेत कई लोगों को पत्र भी लिख चुके हैं. इसी बीच आत्मबोधानंद के गुरू और मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि जल त्यागने के बाद यदि उनकी मौत होती है तो इसके लिए प्रधानमंत्री समेत 6 लोग जिम्मेदार होंगे.

आत्मबोधानंद ने किया जल त्यागने का एलान.

पढ़ें- 179 दिनों से अनशन रहे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने PM को लिखा पत्र, 27 अप्रैल से त्याग देंगे जल

स्वामी शिवानंद ने कहा कि आत्मबोधानंद 182 दिनों से गंगा रक्षा के लिए अनशन कर रहे हैं, लेकिन किसी भी नेता ने उनकी सुध नहीं ली. इतना ही नहीं शिवानंद की मानें तो इस दौरान आत्मबोधानंद को मारने की कोशिश भी गई थी. इससे पहले स्वामी सानंद की हत्या भी कर दी गई थी. आत्मबोधानन्द ने इन लोगों के व्यवहार से परेशान होकर जल त्यागने का एलान किया है.

शिवानंद के मुताबिक आत्मबोधानंद ने उनसे कहा है कि ऐसे स्थिति में यदि उन्हें कुछ होता है तो उसके लिए उन्होंने 6 लोगों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेट्री नृपेंद्र मिश्रा, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरिद्वार डीएम दीपक रावत जिम्मेदार होंगे.

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स्वामी शिवानंद ने बताया कि उनकी आज भी वही 4 मांगें हैं जो स्वामी सानंद की मांगें थी. गंगा और इसकी सहायक नदियों पर जितने भी प्रस्तावित डैम हैं, उनका काम बंद किया जाए, गंगा में खनन पर रोक, गंगा के लिए परिषद बनाया जाए और गंगा के लिए संसद में विशेष विधेयक पास किया जाए.

Intro:एंकर- गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए पिछले 182 दिनों से अनशन पर बैठे ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने इतने दिनों अनशन के बीत जाने के बावजूद भी सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की वार्ता ना करने का आरोप लगाते हुए 27 अप्रैल से जल भी त्यागने की बात कह दी है, बता दें इससे पहले गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए अनशन कर रहे मातृ सदन के स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद की अनशन के दौरान जल त्यागने के बाद मृत्यु हो गयी थी। ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने कहा है कि अगर जल त्यागने के बाद उनकी भी मृत्यु हो जाती है तो उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य 6 लोग जिम्मेदार होंगे।


Body:VO1 - ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद के गुरु और मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने बताया कि ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने एलान किया है कि अगर अनशन के दौरान जल्द त्यागने के बाद उनकी मृत्यु होती है तो उसके लिए प्रमुख रुप से 6 लोग जिम्मेदार होंगे, सर्वप्रथम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गंगा का मंत्रालय देख रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेट्री नृपेंद्र मिश्रा, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरिद्वार के जिलाधिकारी दीपक रावत। मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने बताया कि उनकी आज भी वही 4 मांगे हैं जो स्वामी सानंद की चार मांगे थी, गंगा और इसकी सहायक नदियों पर जितने भी प्रस्तावित डैम हैं उनका काम बंद किया जाए, गंगा में खनन पर रोक, गंगा के लिए परिषद बनाया जाए एवं गंगा के लिए संसद में विशेष विधेयक पास किया जाए।


Conclusion:बाइट-स्वामी शिवानंद, परमाध्यक्ष, मातृ सदन
Last Updated : Apr 23, 2019, 6:40 PM IST
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