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स्वामी शिवानंद ने कुंभ के लिए अखाड़ों को दी जा रही भूमि पर जताई आपत्ति - Haridwar akhara

मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने कुंभ मेला के लिए अखाड़ों को भूमि देने पर आपत्ति जताई है. स्वामी शिवानंद ने कहा है कि अगर कुंभ क्षेत्र की 1 इंच भूमि भी अखाड़ों के नाम की जाती है तो मातृ सदन इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा.

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स्वामी शिवानंद
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Published : Sep 13, 2020, 5:10 PM IST

हरिद्वार: कुंभ मेला के लिए अखाड़ों को भूमि देने पर मातृ सदन ने आपत्ति जताई है. मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद सरस्वती का कहना है कि अगर कुंभ क्षेत्र की 1 इंच भूमि भी अखाड़ों के नाम की जाती है तो मातृ सदन इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा. साथ ही उन्होंने अखाड़ों की संपत्ति पर व्यवसायिक निर्माण को भी नियम के खिलाफ बताया है.

स्वामी शिवानंद ने जताई आपत्ति.

मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद का कहना है कि अखाड़ों की संपत्तियों पर आलीशान अपार्टमेंट बनाए जा रहे हैं, जबकि यह संपत्ति केवल अखाड़ों के उपयोग के लिए है, न कि पैसा कमाने के लिए. सरकार ने अखाड़ों को एक-एक करोड़ देने का निर्णय लिया है. सरकार को अखाड़ों से इस धनराशि के खर्च का पूरा हिसाब लिया जाना चाहिए. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद पूरी तरह से सरकार के पक्ष में खड़ी है, जबकि संतो को सियासत से दूर रहना चाहिए.

पढ़ें- दूसरे दशरथ मांझी बने भुईयां : 30 साल में अकेले खोद डाली नहर

उन्होंने कहा कि मंदिरों में शराब का प्रवेश वर्जित है, लेकिन कोरोना काल में मंदिरों में श्रद्धालुओं के हाथ एल्कोहल से सैनिटाइज किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंदिरों को एल्कोहल से नहीं बल्कि गंगाजल से मंदिर को धोना चाहिए.

हरिद्वार: कुंभ मेला के लिए अखाड़ों को भूमि देने पर मातृ सदन ने आपत्ति जताई है. मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद सरस्वती का कहना है कि अगर कुंभ क्षेत्र की 1 इंच भूमि भी अखाड़ों के नाम की जाती है तो मातृ सदन इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा. साथ ही उन्होंने अखाड़ों की संपत्ति पर व्यवसायिक निर्माण को भी नियम के खिलाफ बताया है.

स्वामी शिवानंद ने जताई आपत्ति.

मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद का कहना है कि अखाड़ों की संपत्तियों पर आलीशान अपार्टमेंट बनाए जा रहे हैं, जबकि यह संपत्ति केवल अखाड़ों के उपयोग के लिए है, न कि पैसा कमाने के लिए. सरकार ने अखाड़ों को एक-एक करोड़ देने का निर्णय लिया है. सरकार को अखाड़ों से इस धनराशि के खर्च का पूरा हिसाब लिया जाना चाहिए. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद पूरी तरह से सरकार के पक्ष में खड़ी है, जबकि संतो को सियासत से दूर रहना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि मंदिरों में शराब का प्रवेश वर्जित है, लेकिन कोरोना काल में मंदिरों में श्रद्धालुओं के हाथ एल्कोहल से सैनिटाइज किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंदिरों को एल्कोहल से नहीं बल्कि गंगाजल से मंदिर को धोना चाहिए.

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