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संतों को क्यों लग रहा कि कुंभ 2021 में नहीं 2022 में है, जानें कारण

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा ऐसा लग रहा जैसे कुंभ 2021 में नहीं बल्कि 2022 में है. हालांकि, अधिकारियों और मंत्रियों ने आश्वासन दिया है कि दिसंबर महीने तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे लेकिन ऐसा लगता नहीं है.

हरिद्वार
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Published : Dec 16, 2020, 1:44 PM IST

हरिद्वार: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज कनखल स्थित जगद्गुरु शंकराचार्य मठ पहुंचे. अपने गुरू के आदेश पर हरिद्वार पहुंचे अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि यहां कुंभ को लेकर कोई तैयारी नहीं है, ऐसा लग रहा जैसे कुंभ 2021 में नहीं बल्कि 2022 में है. हालांकि, अधिकारियों और मंत्रियों ने आश्वासन दिया है कि दिसंबर महीने तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे लेकिन ऐसा लगता नहीं है. उन्होंने इस दौरान राम मंदिर ट्रस्ट पर भी सवाल खड़े किए.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने रामजन्मभूमि मंदिर के निर्माण में धन को लेकर हो रही परेशानी होने और धन एकत्र करने के लिए घर-घर कूपन काटने की घोषणा पर प्रश्न खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि का आंदोलन करीब 500 वर्ष चला, 3 लाख लोगों ने बलिदान दिया, 65 वर्ष मुकदमा चला लेकिन जब ट्रस्ट बना तो आरएसएस, विहिप और भाजपा के लोगों का ट्रस्ट बना दिया गया.

ये भी पढ़ें: खबर का असर: वन्यजीव एक्ट उल्लंघन मामले में कॉर्बेट पार्क ने जारी किया अलर्ट

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि जब राजनीतिक लोगों द्वारा मंदिर बनाया जाता है तो संदेश जाता है कि यह पार्टी का मंदिर बन रहा है. अगर यह मंदिर धर्माचार्यों द्वारा बनाया जायेगा तो उससे लोग जुड़ते और यह संकट खड़ा नहीं होता.

इसके साथ उन्होंने बताया कि कुंभ की तैयारियों को लेकर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और मेलाधिकारी दीपक रावत से बात की गई है. उन्होंने सभी तैयारियां एक जनवरी तक पूरी होने की बात कही है, लेकिन देखने में ऐसा लग नहीं रहा कि इतनी जल्दी तैयारियां कर ली जाएंगी.

हरिद्वार: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज कनखल स्थित जगद्गुरु शंकराचार्य मठ पहुंचे. अपने गुरू के आदेश पर हरिद्वार पहुंचे अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि यहां कुंभ को लेकर कोई तैयारी नहीं है, ऐसा लग रहा जैसे कुंभ 2021 में नहीं बल्कि 2022 में है. हालांकि, अधिकारियों और मंत्रियों ने आश्वासन दिया है कि दिसंबर महीने तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे लेकिन ऐसा लगता नहीं है. उन्होंने इस दौरान राम मंदिर ट्रस्ट पर भी सवाल खड़े किए.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने रामजन्मभूमि मंदिर के निर्माण में धन को लेकर हो रही परेशानी होने और धन एकत्र करने के लिए घर-घर कूपन काटने की घोषणा पर प्रश्न खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि का आंदोलन करीब 500 वर्ष चला, 3 लाख लोगों ने बलिदान दिया, 65 वर्ष मुकदमा चला लेकिन जब ट्रस्ट बना तो आरएसएस, विहिप और भाजपा के लोगों का ट्रस्ट बना दिया गया.

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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि जब राजनीतिक लोगों द्वारा मंदिर बनाया जाता है तो संदेश जाता है कि यह पार्टी का मंदिर बन रहा है. अगर यह मंदिर धर्माचार्यों द्वारा बनाया जायेगा तो उससे लोग जुड़ते और यह संकट खड़ा नहीं होता.

इसके साथ उन्होंने बताया कि कुंभ की तैयारियों को लेकर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और मेलाधिकारी दीपक रावत से बात की गई है. उन्होंने सभी तैयारियां एक जनवरी तक पूरी होने की बात कही है, लेकिन देखने में ऐसा लग नहीं रहा कि इतनी जल्दी तैयारियां कर ली जाएंगी.

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