रुड़की: हरिद्वार के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने वर्तमान हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए है. सुभाष वर्मा ने किरण चौधरी पर साढ़े चार माह में करीब 60 करोड़ रुपए के गबन का आरोप लगाया है. इस आरोपों को लेकर सुभाष वर्मा ने आज बुधवार 22 मार्च को रुड़की के एक निजी होटल में प्रेस वार्ता भी और दस्तावेज भी दिखाए, जिनके आधार पर उन्होंने ये आरोप लगाए हैं.
पूर्व हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा का आरोप है कि वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों ने 18 अगस्त 2022 को शपथ ली थी. शपथ के बाद उसी दिन पहली बोर्ड बैठक हुई थी, जिसमें तीन प्रस्ताव आए. पहले प्रस्ताव में सभी का स्वागत और परिचय हुआ, दूसरे प्रस्ताव में राज्य 15वें वित्त के लिए सभी सदस्यों से प्रस्ताव मांगे गए और तीसरे प्रस्ताव में आभार व्यक्त किया गया, लेकिन इस बैठक में किसी तरह का कोई प्रस्ताव पास नहीं हुए और बिना टेंडर पास हुए कोई कार्य नहीं हो सकता. फिर भी हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ने बिना किसी बोर्ड बैठक में पास हुए 256 कार्यों के टेंडर अपनी मर्जी से निकाल दिए.
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आरोप है कि इनता सब कुछ होने के बाद टेंडरों का प्रकाशन 16 नवंबर को कर दिया गया और उसका संशोधन 8 दिसंबर व 19 दिसंबर के संस्करण में दिखाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी तरीके से प्रकाशन दिखाकर 60 करोड़ रुपए की बंदरबाट की गई हैं. उन्होंने कहा कि बोर्ड बैठक में बिना प्रस्ताव पारित हुए कोई भी विकास कार्य नहीं कराया जा सकता. इसके बावजूद नियम विरुद्ध तरीके से टेंडर किए गए.
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत में अभी तक किसी भी समिति का गठन नहीं हुआ और न ही किसी भी बोर्ड बैठक में बोर्ड द्वारा न ही अध्यक्ष को किसी समिति का अधिकार दिया गया है. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने सरकार से अपील की है कि जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी को तत्काल निलंबित कर उक्त प्रकरण की जांच एसआईटी से कराई जाए.
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वहीं, साजिश में शामिल सभी ठेकेदारों के भुगतान पर रोक लगाई जाए. सुभाष वर्मा के इन आरोपों पर जब वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी की जीरो टॉलरेंस की सरकार है. इसमें किसी भी तरह का कोई घोटाला नहीं हो सकता और न ही उन्होंने कोई घोटाला किया है. बल्कि विपक्षी लोग सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं.