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कुंभ नगरी को सजा रहे ललित कला महाविद्यालय के छात्र

कुंभ नगरी के मठ, मंदिरों के अलावा सरकारी भवनों, चौराहों को भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है. भवनों व दीवारों पर वाटर प्रूफ प्लास्टिक पेंट से मनमोहक छाया चित्र बनाया जा रहा है.

haridwar kumbh news
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Published : Jan 13, 2021, 5:03 PM IST

हरिद्वार: महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक दर्शन कराने के उद्देश्य से कुंभनगरी के मठ, मंदिरों के अलावा सरकारी भवनों, चौराहों को भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है. वहीं, वाटर प्रूफ प्लास्टिक पेंट से मनमोहक छाया चित्र भवनों व दीवारों पर हाथों से उकेरा जा रहा है.

दिल्ली से फाईन आर्ट से पीएचडी कर रहे शोभित चौधरी ने बताया कि 15 से 48 घंटों तक वाटर प्रूफ पेंटिंग से छाया चित्रों को बनाया जा रहा है. इसके साथ ही कुंभ क्षेत्र में संत-महात्माओं, भगवान श्रीराम व चारों धामों के चित्रों को भव्य रूप से दर्शाया गया है. साथ ही हरिद्वार के भवन एवं दीवारों पर भगवान शंकर व चारों धामों के मंदिरों के दर्शन छाया चित्रों से देखने को मिलेंगे. कुंभ कलश के साथ-साथ धार्मिक चित्रों का संग्रह दीवारों पर बनाया गया. उन्होंने बताया कि दिल्ली, चण्डीगढ़, प्रयागराज आदि राज्यों में भी इन कलाकृतियों को बना चुके हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड की 13 नदियां होंगी पुनर्जीवित, जानिए इनके नाम

वहीं, रोहित कुमार ने बताया कि उन्हें बचपन से ही चित्रकारी का शौक था. अब इस हुनर को दिखाने का अवसर प्राप्त हुआ है. धार्मिक चित्रण के साथ-साथ होटल, धर्मशालाएं, मकान एवं प्रसिद्ध इमारतों पर अपनी कलाकृतियों के हुनर को दिखाने का मौका मिला है. धर्मनगरी के विभिन्न गंगा घाटों, आश्रमों, अखाड़ों के अलावा सरकारी भवनों को भी वाटर प्रूफ प्लास्टिक पेंट से भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है.

स्थानीय नागरिकों ने चित्रकारों की प्रशंसा करते हुए बताया कि धार्मिक कलाकृतियों के अलावा सामाजिक क्षेत्र में भी बढ़-चढ़कर फाइन आर्ट्स के युवा अपनी प्रतिभा को दिखाने में किसी से पीछे नहीं हैं. मात्र बताए गए चित्रों पर भी स्वयं अपनी बौद्धिक क्षमता दिखाते हुए दीवारों पर उकेरने का काम कर रहे हैं.

हरिद्वार: महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक दर्शन कराने के उद्देश्य से कुंभनगरी के मठ, मंदिरों के अलावा सरकारी भवनों, चौराहों को भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है. वहीं, वाटर प्रूफ प्लास्टिक पेंट से मनमोहक छाया चित्र भवनों व दीवारों पर हाथों से उकेरा जा रहा है.

दिल्ली से फाईन आर्ट से पीएचडी कर रहे शोभित चौधरी ने बताया कि 15 से 48 घंटों तक वाटर प्रूफ पेंटिंग से छाया चित्रों को बनाया जा रहा है. इसके साथ ही कुंभ क्षेत्र में संत-महात्माओं, भगवान श्रीराम व चारों धामों के चित्रों को भव्य रूप से दर्शाया गया है. साथ ही हरिद्वार के भवन एवं दीवारों पर भगवान शंकर व चारों धामों के मंदिरों के दर्शन छाया चित्रों से देखने को मिलेंगे. कुंभ कलश के साथ-साथ धार्मिक चित्रों का संग्रह दीवारों पर बनाया गया. उन्होंने बताया कि दिल्ली, चण्डीगढ़, प्रयागराज आदि राज्यों में भी इन कलाकृतियों को बना चुके हैं.

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वहीं, रोहित कुमार ने बताया कि उन्हें बचपन से ही चित्रकारी का शौक था. अब इस हुनर को दिखाने का अवसर प्राप्त हुआ है. धार्मिक चित्रण के साथ-साथ होटल, धर्मशालाएं, मकान एवं प्रसिद्ध इमारतों पर अपनी कलाकृतियों के हुनर को दिखाने का मौका मिला है. धर्मनगरी के विभिन्न गंगा घाटों, आश्रमों, अखाड़ों के अलावा सरकारी भवनों को भी वाटर प्रूफ प्लास्टिक पेंट से भव्य रूप प्रदान किया जा रहा है.

स्थानीय नागरिकों ने चित्रकारों की प्रशंसा करते हुए बताया कि धार्मिक कलाकृतियों के अलावा सामाजिक क्षेत्र में भी बढ़-चढ़कर फाइन आर्ट्स के युवा अपनी प्रतिभा को दिखाने में किसी से पीछे नहीं हैं. मात्र बताए गए चित्रों पर भी स्वयं अपनी बौद्धिक क्षमता दिखाते हुए दीवारों पर उकेरने का काम कर रहे हैं.

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