हरिद्वारः पूर्व जिलाधिकारी दीपक रावत के जिलाधिकारी पद से हटने के बाद सबसे ज्यादा मायूसी स्कूली छात्र-छात्राओं में है. जिले के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि डीएम दीपक रावत बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखते थे. साथ ही कहा कि मौसम खराब होने पर वे तत्काल छुट्टी घोषित कर देते थे. वहीं, कुंभ मेला अधिकारी का पदभार संभाल रहे दीपक रावत ने कहा कि खराब मौसम के दौरान घर में बच्चे ज्यादा सुरक्षित रहते हैं.
बता दें कि हरिद्वार में मौसम खराब होने पर बच्चों को कोई परेशानी ना हो इसके लिए पूर्व जिलाधिकारी दीपक रावत स्कूलों की तत्काल छुट्टी की घोषणा कर देते थे. इसी वजह से वो बच्चों के सबसे चहेते जिलाधिकारी बन गए थे. इतना ही नहीं बच्चे उन्हें मामा कहकर पुकारने लगे थे. जिलाधिकारी के बदलने से सबसे ज्यादा मायूस बच्चे हैं. बच्चों का कहना है कि पूर्व जिलाधिकारी दीपक रावत के मौसम खराब होने के दौरान पहले से ही स्कूल की छुट्टी कर देते थे. ऐसे में उन्हें मौसम खराब होने पर कोई डर नहीं सताता था. साथ ही कहा कि नए जिलाधिकारी को भी उनकी तरह मौसम को लेकर जानकारी देनी चाहिए.
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वहीं, पूर्व जिलाधिकारी और मेला अधिकारी दीपक रावत का कहना है कि वो मौसम को देखकर स्कूलों की छुट्टी की घोषणा करते थे. जब भी मौसम विभाग के द्वारा अलर्ट जारी होने पर छुट्टी करनी पड़ती है. ऐसे मौसम में घर पर रहने से बच्चे ज्यादा सुरक्षित रहते हैं. साथ ही कहा कि मौसम विभाग के चेतावनी जारी होने पर नए जिलाधिकारी को भी छुट्टी घोषणा करना चाहिए. दीपक रावत ने बताया कि अब वो मेला अधिकारी है. कुंभ मेले में भी स्कूली बच्चों को शामिल करने की कोशिश करेंगे. जिससे बच्चों को कुंभ के बारे में जानकारी मिल सके. साथ ही कहा कि बच्चे काफी रचनात्मक होते हैं, ऐसे में वो बच्चों के लिए कई गतिविधियां कुंभ मेले में लगातार जारी रखेंगे.