हरिद्वार: धर्मनगरी में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए आवारा कुत्ते (stray dogs in Haridwar) मुसीबत बनते जा रहे हैं. करीब 8 महीने में 15 हजार से ज्यादा लोग आवारा कुत्तों का शिकार हो चुके हैं. आवारा कुत्तों के डर से स्थानीय लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. नगर निगम आवारा कुत्तों को पकड़ने और उनकी नसबंदी के लिए कोई भी कदम नहीं उठा पा रहा है. इस कारण श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासी कुत्तों का शिकार हो रहे हैं. कुत्तों के खौफ के चलते तीर्थ नगरी हरिद्वार की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है.
नोएडा सेक्टर 10 में आवारा कुत्तों के हमले से बच्चे की हुई मौत के बाद आवारा कुत्तों को पकड़ने को लेकर फिर से एक बार सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. वहीं, हरिद्वार में भी आवारा कुत्ते श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं. अप्रैल 2022 से लेकर नवंबर तक करीब 15 हजार से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. जिसके चलते हरिद्वार की गली मोहल्ले में सन्नाटा पसरा हुआ है.
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धर्म नगरी हरिद्वार में दूर दराज से पहुंच रहे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के लिए नगर निगम द्वारा और कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. बावजूद इसके हरिद्वार नगर निगम के आयुक्त दयानंद सरस्वती का कहना है जो नियमावली है उसके अंतर्गत हम पागल या फिर किसी बीमारी से ग्रस्त कुत्तों को उठा सकते हैं. आवारा डॉग्स सड़कों पर घूम रहे हैं, उनके लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं बना है.
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हरिद्वार में आवारा कुत्तों (stray dogs in Haridwar) के शिकार हुए लोगों की जिला अस्पताल में संख्या बढ़ती ही जा रही है. अप्रैल 2022 से लेकर नवंबर 2022 तक करीब 15,000 लोगों को आवारा कुत्ते अपना शिकार बना चुके हैं. जिला अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि 1 महीने में लगभग 1000 केस आ जाते हैं. अब तक की अगर बात करें तो नवंबर 22 तक करीब 15,000 केस सामने आ चुके हैं. जिला अस्पताल में कुत्ते के शिकार हुए मरीजों के लिए सारी वैक्सीन उपलब्ध हैं.