हरिद्वार: कोरोना वायरस से लड़ने के लिए डीएम के निर्देश पर सर्विलांस और सर्वे के लिए आशा और आंगनबाड़ी की टीम का गठन किया गया है. टीम की ट्रेनिंग के लिए भेल के कन्वेंशन सेंटर में ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. लेकिन इस ट्रेनिंग के दौरान अव्यवस्थाओं का बोल-बाला रहा और सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं.
कोरोना से लड़ने के लिए बनाई गई गाइडलाइन का ट्रेनिंग कार्यक्रम में पालन नहीं किया गया. एंट्री गेट से सैनिटाइजर की मशीन गायब थी और न ही किसी प्रतिभागी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई. ट्रेनिंग के दौरान पूरा हॉल लोगों से भरा रहा, जिसकी वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो सका.
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वहीं, ट्रेनिंग के दौरान आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स को एक अलग ही परेशानी का सामना करना पड़ा. इस भीषण गर्मी में हॉल के पंखे खराब थे, जिसकी वजह से लोग खुद ही कॉपियों से पंखा करते नजर आएं. इस दौरान गर्मी से एसडीएम हरिद्वार भी बेहाल नजर आईं और बीच-बीच में बाहर जाते हुए दिखाई दी. वहीं, ट्रेनिंग के दौरान अब आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स से गर्मी बर्दाश्त नहीं हुआ तो वे खुद भी हॉल से बाहर आ गईं.
पूरे मामले से हरिद्वार सीएमओ सरोज नैथानी ने कन्नी काटते हुए कहा कि हम सिर्फ ट्रेनिंग देने आए हैं और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी हमारे हाथों में नहीं थी. हॉल में जरूरी व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराने वाले रेड क्रॉस संस्था के प्रमुख नरेश चौधरी ने कैमरे पर बात करने से ही मना कर दिया. हालांकि इस पूरे कार्यक्रम में जिलाधिकारी सी रविशंकर भी कार्यक्रम में मौजूद रहें, लेकिन किसी अधिकारी का ध्यान इस अव्यवस्थाओं की तरफ नहीं गया.