हरिद्वार: कोरोना वायरस की रोकथाम और बचाव के लिए करीब दो महीन से ज्यादा तक लॉकडाउन लगाया गया था. वहीं लॉकडाउन ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों की कमर तोड़ दी थी. हालांकि इन उद्योगों को वित्तिय संकट से उभराने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में से तीन लाख करोड़ रुपए की मदद दी थी. ये पैकेज इन उद्योगों के लिए एक संजीवनी साबित हुआ.
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इस बारे में सिडकुल मेनिफैक्चर एसोसिएशन के सदस्य सुयेश वालिका ने कहा कि केंद्र सरकार ने एमएसएमई को तीन लाख करोड़ रुपए की जो मदद दी है, उससे एमएसएमई को फिर से खड़ा करने में मदद मिलेगी. इसके अंतर्गत बिना प्रतिभूति के मिलने वाले ऋण के अंशदान के साथ-साथ 200 करोड़ रुपए के टेंडर को अब ग्लोबल टेंडर की प्रक्रिया से बाहर कर दिया है, जिससे देश के ही उद्यमियों को इसका लाभ मिलेगा.
सुयेश वालिका ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लोगों से आपदा में अवसर तलाशने की बात की है. ये पैकेज उसमें मदद करेंगा. तीन लाख करोड़ रुपए के पैकेज से कर्ज के बोझ तले दबे सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग को उनके लोन का 20 प्रतिशत नए उघोग के रूप में मिलेगा. जिससे वे अपने उघोग के रुके हुए पहियों को फिर से गति दे सकते हैं.