ETV Bharat / state

श्री गंगा सभा ने सीएम को भेजा ज्ञापन, एस्केप चैनल के शासनादेश को रद्द करने की मांग

हर की पैड़ी पर बहने वाली गंगा नदी को साल 2016 में (एस्केप चैनल) घोषित किया गया था. वहीं, इस शासनादेश को रद्द करने के लिए प्रबंधकारिणी संस्था ने एक बार फिर सीएम को ज्ञापन भेजा है. साथ ही ये भी मांग की गई है, कि अगर सरकार ने जल्द इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो संस्था के लोग आंदोलन को बाध्य होंगे.

author img

By

Published : Jul 12, 2020, 6:09 PM IST

Haridwar
हर की पैड़ी

हरिद्वार: हर की पैड़ी पर बहने वाली गंगा नदी को (एस्केप चैनल) यानी नहर बताने वाला शासनादेश रद्द ना करना, उत्तराखंड सरकार के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है. कई संस्थाओं सहित हर की पैड़ी की प्रबंधकारिणी संस्था श्री गंगा सभा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है. जिसमें इस शासनादेश को जल्द से जल्द रद्द करने की मांग की गई है.

श्री गंगा सभा ने सीएम को भेजा ज्ञापन.

बता दें कि साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हर की पैड़ी पर बहने वाली गंगा नदी की धारा को एक शासनादेश में (एस्केप चैनल) यानी नहर घोषित किया था, तभी से कई धार्मिक और तीर्थ पुरोहितों के संगठन, इस शासनादेश को रद्द करने की मांग करते चले आ रहे हैं. वहीं, भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार के सत्ता में आने के बाद ये उम्मीद जताई जा रही थी कि अब इस शासनादेश को रद्द कर दिया जाएगा. इस सरकार के कार्यकाल को तीन साल से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार ने अभी तक इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली से लौटा युवक निकला कोरोना पॉजिटिव, ग्रामीणों में दहशत

वहीं, गंगा सभा के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले काफी समय से वर्तमान त्रिवेंद्र सरकार से इस शासनादेश को रद्द करने की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है. ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार को एक बार फिर से ज्ञापन भेजकर ध्यानाकर्षित किया गया है. अगर राज्य सरकार इस बार भी मामले को अनदेखी करती है, तो गंगा सभा की ओर से इस शासनादेश को रद्द कराने के लिए जगह-जगह आंदोलन किया जाएगा.

हरिद्वार: हर की पैड़ी पर बहने वाली गंगा नदी को (एस्केप चैनल) यानी नहर बताने वाला शासनादेश रद्द ना करना, उत्तराखंड सरकार के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है. कई संस्थाओं सहित हर की पैड़ी की प्रबंधकारिणी संस्था श्री गंगा सभा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है. जिसमें इस शासनादेश को जल्द से जल्द रद्द करने की मांग की गई है.

श्री गंगा सभा ने सीएम को भेजा ज्ञापन.

बता दें कि साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हर की पैड़ी पर बहने वाली गंगा नदी की धारा को एक शासनादेश में (एस्केप चैनल) यानी नहर घोषित किया था, तभी से कई धार्मिक और तीर्थ पुरोहितों के संगठन, इस शासनादेश को रद्द करने की मांग करते चले आ रहे हैं. वहीं, भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार के सत्ता में आने के बाद ये उम्मीद जताई जा रही थी कि अब इस शासनादेश को रद्द कर दिया जाएगा. इस सरकार के कार्यकाल को तीन साल से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार ने अभी तक इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली से लौटा युवक निकला कोरोना पॉजिटिव, ग्रामीणों में दहशत

वहीं, गंगा सभा के पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले काफी समय से वर्तमान त्रिवेंद्र सरकार से इस शासनादेश को रद्द करने की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक उन्हें केवल आश्वासन ही मिला है. ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार को एक बार फिर से ज्ञापन भेजकर ध्यानाकर्षित किया गया है. अगर राज्य सरकार इस बार भी मामले को अनदेखी करती है, तो गंगा सभा की ओर से इस शासनादेश को रद्द कराने के लिए जगह-जगह आंदोलन किया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.