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निस्वार्थ भाव से लॉकडाउन में लोगों की सेवा कर रहे शाकिर, चौतरफा हो रही तारीफ

इस समय पूरा देश कोरोना के संकट से जूझ रहा है, लेकिन ऐसे वक्त में भी तमाम लोग निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद कर रहे हैं. शाकिर ने कोरोना काल में मंगलौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निशुल्क सेवा देनी शुरू कर दी थी.

Community Health Center Roorkee
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुड़की
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Published : Jun 14, 2020, 12:50 PM IST

Updated : Jun 14, 2020, 1:27 PM IST

रुड़की: कोरोना और लॉकडाउन के बीच मदद करने वाले हाथ लोगों में सहयोग की भावना पैदा कर रहे हैं और नए रिश्ते बना रहे हैं. ऐसा ही एक युवा है जो लॉकडाउन के बाद से ही लोगों की निस्वार्थ भाव से मदद कर रहा है. जबसे सम्पूर्ण भारत में लॉकडाउन लगा उसी दिन से इस युवा ने मंगलौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निशुल्क सेवा देनी शुरू कर दी थी. हालांकि इस बीच रमजान भी आए लेकिन शाकिर अली ने रमजान के दौरान भी लगातार स्वास्थ्य केंद्र में लोगों की मदद करना जारी रखा.

निस्वार्थ भाव से लॉकडाउन में लोगों की सेवा कर रहे शाकिर.

कोरोना के इस मुश्किल वक्त में शहर के कुछ नौजवान लोगों के लिए मददगार बनकर सामने आए हैं. ऐसे ही रुड़की के रहने वाले शाकिर अली भी बिना कोई परवाह किए लोगों की मदद कर रहे हैं. सिर्फ कोरोना के बीच ही नहीं बल्कि उन्होंने कांवड़ के दौरान भी शिवभक्तों की सेवा करने में कोई गुरेज नहीं किया था. पिछले साल कांवड़ के दौरान एक शिवभक्त का बच्चा खोने पर उन्होंने रास्ते बंद होने के बावजूद कई किलोमीटर की यात्रा कर साइकिल से बच्चे को उसके परिजनों के पास छोड़ा था.

पढ़ें- कंटेनमेंट जोन नियमों का उल्लंघन करने पर महिला समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज

वहीं, सवास्थ्य केंद्र के प्रबंधक विपिन कुमार ने बताया कि शाकिर अली लॉकडाउन के बाद से ही लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आकर लोगों की मदद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि शाकिर बिना किसी मानदेय के 15 अप्रेल से यहां सेवा दे रहे हैं. जितने भी लोग अस्पताल में जांच के लिए आते हैं वो उनकी स्क्रीनिंग करते हैं और क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले लोगों का भी खास ख्याल रखते हैं.

रुड़की: कोरोना और लॉकडाउन के बीच मदद करने वाले हाथ लोगों में सहयोग की भावना पैदा कर रहे हैं और नए रिश्ते बना रहे हैं. ऐसा ही एक युवा है जो लॉकडाउन के बाद से ही लोगों की निस्वार्थ भाव से मदद कर रहा है. जबसे सम्पूर्ण भारत में लॉकडाउन लगा उसी दिन से इस युवा ने मंगलौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में निशुल्क सेवा देनी शुरू कर दी थी. हालांकि इस बीच रमजान भी आए लेकिन शाकिर अली ने रमजान के दौरान भी लगातार स्वास्थ्य केंद्र में लोगों की मदद करना जारी रखा.

निस्वार्थ भाव से लॉकडाउन में लोगों की सेवा कर रहे शाकिर.

कोरोना के इस मुश्किल वक्त में शहर के कुछ नौजवान लोगों के लिए मददगार बनकर सामने आए हैं. ऐसे ही रुड़की के रहने वाले शाकिर अली भी बिना कोई परवाह किए लोगों की मदद कर रहे हैं. सिर्फ कोरोना के बीच ही नहीं बल्कि उन्होंने कांवड़ के दौरान भी शिवभक्तों की सेवा करने में कोई गुरेज नहीं किया था. पिछले साल कांवड़ के दौरान एक शिवभक्त का बच्चा खोने पर उन्होंने रास्ते बंद होने के बावजूद कई किलोमीटर की यात्रा कर साइकिल से बच्चे को उसके परिजनों के पास छोड़ा था.

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वहीं, सवास्थ्य केंद्र के प्रबंधक विपिन कुमार ने बताया कि शाकिर अली लॉकडाउन के बाद से ही लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आकर लोगों की मदद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि शाकिर बिना किसी मानदेय के 15 अप्रेल से यहां सेवा दे रहे हैं. जितने भी लोग अस्पताल में जांच के लिए आते हैं वो उनकी स्क्रीनिंग करते हैं और क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले लोगों का भी खास ख्याल रखते हैं.

Last Updated : Jun 14, 2020, 1:27 PM IST
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