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सात संन्यासी अखाड़े पूरे वैभव के साथ करेंगे महाशिवरात्रि में शाही स्नान, जूना अखाड़ा करेगा अगुवाई - juna akhara snan kumbh shivratri

राज्य सरकार की कोविड गाइडलाइन के चलते कुंभ मेले की अवधि एक महीने की हो गई है. शिवरात्रि के शाही स्नान उसमें शामिल नहीं है, मगर संन्यासी अखाड़ों द्वारा भव्य रूप से महाशिवरात्रि का शाही स्नान किया जाएगा. हरिद्वार में उस वक्त नजारा अलग ही देखने को मिलेगा, जब पूरे वैभव के साथ सन्यासी अखाड़े के नागा संन्यासी और साधु संत शाही स्नान करने हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे.

Haridwar Mahakumbh 2021
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Published : Mar 7, 2021, 3:57 PM IST

Updated : Mar 10, 2021, 5:16 PM IST

हरिद्वार: कुंभ में अखाड़ों की पेशवाइयों के बाद कुंभनगरी में अब पहले कुम्भ स्नान को लेकर साधु संतों की तैयारियां जोरों पर हैं. 11 मार्च को शिवरात्रि के अवसर पर सभी सात संन्यासी अखाड़े शाही स्नान करेंगे. हालांकि, उत्तराखंड सरकार ने कोविड गाइडलाइन के चलते कुंभ अवधि को चार माह से घटाकर केवल एक माह कर दिया है, जिससे सरकारी अधिसूचना के अनुसार कुंभ अब 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक होगा. मगर संन्यासी अखाड़े परम्परा के अनुसार शिवरात्रि के पर्व पर भी पूरे तामझाम के साथ शाही अंदाज में गंगा स्नान करने जाएंगे.

जूना अखाड़ा करेगा अगुवाई.

कोरोना का ग्रहण हरिद्वार कुंभ पर भी लगा हुआ है. कोरोना की वजह से कुंभ अब सीमित अवधि के लिए होगा. इसी वजह से 11 मार्च को शिवरात्रि के अवसर पर सरकारी अधिसूचना के अनुसार शाही स्नान नहीं बल्कि केवल पर्व स्नान होगा. यानी शिवरात्रि के स्नान को कुंभ का स्नान नहीं माना जायेगा, मगर साधु संत 11 मार्च को भी शाही स्नान करेंगे. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि सभी 7 संन्यासी अखाड़े अपनी परम्परा के अनुसार शिवरात्रि का स्नान शाही तरीके से ही करेंगे. उन्होंने कहा कि शिवरात्रि के स्नान परम्परागत रूप से केवल 7 संन्यासी अखाड़े ही करते आये हैं.

पढ़ें- किन्नर अखाड़ा प्रमुख बोलीं- इस बार कुंभ होगा बेहद खास, दिखेगी अनूठी मिसाल

उन्होंने बताया कि शिवरात्रि शाही स्नान सबसे पहले जूना अखाड़ा करेगा. जूना अखाड़े के साथ ही उसके सहयोगी अखाड़े आह्वान और अग्नि अखाड़े भी शाही स्नान करेंगे. इसके बाद दूसरे नंबर पर निरंजनी और उसके साथ आनंद अखाड़ा शाही स्नान करने जाएगा, तीसरे नंबर पर महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा स्नान करेगा. उनका कहना है कि इसके बाद के 12, 14 और 27 तारीख का शाही स्नान होगा, उसमें निरंजनी अखाड़ा पहले स्नान करता है. सभी 7 सन्यासी अखाड़ों की बैठक हो चुकी है, जिसमें यह सब तय हो गया है.

हरिद्वार: कुंभ में अखाड़ों की पेशवाइयों के बाद कुंभनगरी में अब पहले कुम्भ स्नान को लेकर साधु संतों की तैयारियां जोरों पर हैं. 11 मार्च को शिवरात्रि के अवसर पर सभी सात संन्यासी अखाड़े शाही स्नान करेंगे. हालांकि, उत्तराखंड सरकार ने कोविड गाइडलाइन के चलते कुंभ अवधि को चार माह से घटाकर केवल एक माह कर दिया है, जिससे सरकारी अधिसूचना के अनुसार कुंभ अब 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक होगा. मगर संन्यासी अखाड़े परम्परा के अनुसार शिवरात्रि के पर्व पर भी पूरे तामझाम के साथ शाही अंदाज में गंगा स्नान करने जाएंगे.

जूना अखाड़ा करेगा अगुवाई.

कोरोना का ग्रहण हरिद्वार कुंभ पर भी लगा हुआ है. कोरोना की वजह से कुंभ अब सीमित अवधि के लिए होगा. इसी वजह से 11 मार्च को शिवरात्रि के अवसर पर सरकारी अधिसूचना के अनुसार शाही स्नान नहीं बल्कि केवल पर्व स्नान होगा. यानी शिवरात्रि के स्नान को कुंभ का स्नान नहीं माना जायेगा, मगर साधु संत 11 मार्च को भी शाही स्नान करेंगे. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि सभी 7 संन्यासी अखाड़े अपनी परम्परा के अनुसार शिवरात्रि का स्नान शाही तरीके से ही करेंगे. उन्होंने कहा कि शिवरात्रि के स्नान परम्परागत रूप से केवल 7 संन्यासी अखाड़े ही करते आये हैं.

पढ़ें- किन्नर अखाड़ा प्रमुख बोलीं- इस बार कुंभ होगा बेहद खास, दिखेगी अनूठी मिसाल

उन्होंने बताया कि शिवरात्रि शाही स्नान सबसे पहले जूना अखाड़ा करेगा. जूना अखाड़े के साथ ही उसके सहयोगी अखाड़े आह्वान और अग्नि अखाड़े भी शाही स्नान करेंगे. इसके बाद दूसरे नंबर पर निरंजनी और उसके साथ आनंद अखाड़ा शाही स्नान करने जाएगा, तीसरे नंबर पर महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा स्नान करेगा. उनका कहना है कि इसके बाद के 12, 14 और 27 तारीख का शाही स्नान होगा, उसमें निरंजनी अखाड़ा पहले स्नान करता है. सभी 7 सन्यासी अखाड़ों की बैठक हो चुकी है, जिसमें यह सब तय हो गया है.

Last Updated : Mar 10, 2021, 5:16 PM IST
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